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लोकसभा चुनाव: कैसर होंगे खगड़िया के LJP उम्मीदवार, पासवान ने दे दी सहमति

एनडीए के 40 वें उम्‍मीदवार पर भी सहमति बन गई। खगडि़या के लोजपा उम्‍मीदवार होंगे चौधरी महबूब अली कैसर। बीच में कैसर से नाराजगी हुई तो विकल्प के तलाश में थी पार्टी लेकिन बात बन गई

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Sun, 24 Mar 2019 08:48 PM (IST)Updated: Sun, 24 Mar 2019 10:40 PM (IST)
लोकसभा चुनाव: कैसर होंगे खगड़िया के LJP उम्मीदवार, पासवान ने दे दी सहमति
लोकसभा चुनाव: कैसर होंगे खगड़िया के LJP उम्मीदवार, पासवान ने दे दी सहमति

पटना [राज्य ब्यूरो]। कई दिनों तक चले मंथन के बाद लोजपा में बिहार की खगडिय़ा सीट के प्रत्याशी का मामला सुलझ गया है। खगडिय़ा से लोजपा के सांसद चौधरी महबूब अली कैसर को फिर से टिकट देने की सहमति मिल गई है। कैसर ने रविवार को लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान से भेंट की और देर तक मंत्रणा हुई। रामविलास से मुलाकात कर लौटने के क्रम में कैसर ने यह वक्तव्य दिया कि वह एनडीए में हैैं। एनडीए प्रत्याशी के रूप में चुनाव में भी जाएंगे। चिराग पासवान के नामांकन के दौरान भी वह मौजूद रहेंगे।

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वहीं पार्टी सूत्रों का कहना है कि कैसर का मामला तय हो गया है। शनिवार को रामविलास ने भी इसके संकेत दिए थे। अल्पसंख्यक का मसला छेड़ते हुए उन्होंने यह कहा था कि अगर यूपी में मायावती और अखिलेश को अल्पसंख्यकों को इतनी चिंता है तो यह क्यों नहीं घोषणा करते कि यूपी में अगले विधानसभा चुनाव में अगर उन्हें सरकार बनाने का मौका मिला, तो अल्पसंख्यक समाज के विधायक को ही मुख्यमंत्री बनाएंगे। 

लोजपा के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा था कि उनका तो एक सांसद ही अल्पसंख्यक समाज का है। उन्होंने यह भी कहा था कि उनकी इच्छा थी कि खगडिय़ा से किसी अल्पसंख्यक या फिर अति पिछड़ा समाज के व्यक्ति को प्रत्याशी बनाया जाए। बता दें कि दो दिन पहले पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एनडीए के बिहार के 40 में से 39 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए गए थे, लेकिन खगड़िया सीट की उम्मीदवारी को लोजपा ने रोक ली थी। अब जाकर खगड़िया सीट के उम्मीदवार के रूप में लोजपा ने कैसर के नाम पर सहमति दी। 

पूर्व मंत्री के पुत्र का नाम भी चल रहा था 

दो दिन पहले तक खगडिय़ा लोकसभा सीट के प्रत्याशी को लेकर लोजपा में ऊहापोह की स्थिति थी। पूर्व मंत्री आरएन सिंह के पुत्र डॉ संजीव का नाम रेस में था, पर सामाजिक समीकरण में मामला अटक गया। डॉ संजीव जिस जाति से आते हैं, उसके  एक प्रत्याशी को लोजपा ने टिकट दे रखा है। इस वजह से तय हुआ कि अल्पसंख्यक प्रत्याशी पर ही केंद्रित हुआ जाए। वैसे डॉ संजीव के समर्थकों ने भी चिराग पासवान से भेंट की है। चिराग ने उन्हें कहा है कि वह डॉ संजीव को अपनी पार्टी में रखना चाहते हैैं।


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