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Chat with SuMo : चुनाव में गोमांस नहीं, शिक्षा व रोजगार बड़े मुद्दे

पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (सुमो) ने फेसबुक पर अपने फॉलोअर्स और फ्रेंड्स के साथ लाइव चैट किया। शाम पांच बजे से छह बजे तक फेसबुक फॉलोअर्स उनसे सीधे सवाल पूछ रहे थे। उन्‍होंने सवालों के जवाब दिए।

By Pradeep Kumar TiwariEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2015 04:55 PM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2015 09:16 PM (IST)
Chat with SuMo : चुनाव में गोमांस नहीं, शिक्षा व रोजगार बड़े मुद्दे

पटना [प्रदीप]। बिहार चुनाव का प्रमुख मुद्दा क्या है? आपके भी जेहन में यह सवाल घूम रहा होगा। गोमांस, आरक्षण, जातीय जनगणना, डीएनए विवाद, अगड़ा-पिछड़ा, जंगलराज पार्ट टू और न जाने क्या-क्या। लेकिन, मंगलवार को इस बात पर मुहर लग गई कि राज्य की जनता किसे प्रमुख मुद्दा मानती है। पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने फेसबुक पर लाइव चैट के दौरान अपने फैंस के इन सवालों के एक एक कर जवाब दिए।

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यूथ के साथ ही लगभग हर वर्ग के लोग बिहार में शिक्षा-रोजगार की स्थिति में सुधार को लेकर राजग की कार्य योजना के बारे में जानना चाहते थे। दूसरे राज्यों में बैठे लोग भी यह जानने को उत्सुक थे कि आखिर उनका गांव रोशन कब होगा? चंद घंटों तक बिजली की चकाचौंध वाली रोशनी दिल्ली जैसे महानगरों जैसी कब होगी? भाजपा नेता सुशील मोदी से इस एक घंटे के लाइव चैट में ऐसे करीब 2400 सवाल पूछे गए। यहां पेश है कुछ प्रमुख सवालों पर सुशील मोदी के जवाब...

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प्रमुख सवाल

उच्च शिक्षा में बिहार से युवाओं का पलायन कैसे रोकेंगे?

- बेहतर शिक्षण संस्थान नहीं होने की वजह से युवाओं को राज्य से पलायन करना पड़ता है। हमारी सरकार आई तो हर पंचायत में इंटर कॉलेज, हर जिले में इंजीनियङ्क्षरग कॉलेज, प्रमंडल में मेडिकल कॉलेज,आइआइटी-पॉलिटेक्निक की स्थापना कराएंगे।

रोजगार बढ़ाने के लिए राजग की क्या योजना है?

- बिहार में औद्योगिक विकास पर ताला लग चुका है। सरकार बनने पर सबसे पहले औद्योगिक विकास बढ़ाने की कवायद होगी। इसके बाद कौशल विकास के जरिए युवाओं को आत्मनिर्भर बनाएंगे। प्रदेश में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए बैंकों से युवाओं को ऋण दिलाने में मदद करेंगे।

चुनाव प्रचार में बेहतर आगाज के बाद तेवर नरम क्यों पड़ गए, विकास के मुद्दे से भटककर गोमांस पर अटक गएं?

- राजग का चुनाव प्रचार अब और तेज हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आने वाले दिनों में कई रैलियां हैं। हमारे स्टार प्रचारक मैदान में हैं। लालू-नीतीश आरक्षण,गोमांस, अगड़ा-पिछड़ा,मंडलराज पार्ट टू, जातीय जनगणना, डीएनए जैसे मुद्दे उठा रहे हैं। हमारा गठबंधन अभी भी विकास के मुद्दे पर अडिग है। जनता के बीच हम इसी के दम पर वोट मांग रहे हैं।

बिहार में क्या जंगलराज आ गया है? कानून का राज आप कैसे लाएंगे?

- दिनदहाड़े पुलिस अधिकारियों पर गोलियां बरसाई जा रही हैं। जब पुलिस अधिकारी सुरक्षित नहीं है तो आम जनता का क्या हाल होगा। जंगलराज पार्ट टू की यह झलक है। कानून का राज कायम करना हमारी प्राथमिकता होगी। पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाने के साथ ही थाने भी बढ़ाए जाएंगे। मुकदमों की विवेचना तेज की जाएगी। स्पीडी ट्रायल और फास्ट्र ट्रैक कोर्ट की स्थापना की जाएगी। किसी अपराधी को राजनीतिक संरक्षण नहीं दिया जाएगा।

भाजपा को कितनी सीटें मिल रही हैं?

- अब तक दो चरणों के चुनाव में राजग गठबंधन की स्थिति बेहतर रही है। हमारा गठबंधन आगे के चरणों में भी ऐसे ही बेहतर स्थिति में रहने वाला है। हम 185 के आसपास सीटें जीतकर सरकार बनाएंगे।

एनडीए सरकार की क्या प्राथमिकता होगी?

- कानून राज स्थापित करना, हर घर और खेत में कम से कम 12 घंटे बिजली, कौशल विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, औद्योगिक विकास, महिलाओं व कमजोर वर्गों का विकास हमारी प्राथमिकता होगी।

मुस्लिम समुदाय के लिए एनडीए सरकार क्या करेगी?

- 16 फीसद आबादी वाले मुस्लिम समाज की उपेक्षा कर बिहार को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। 60 साल में किसी ने बिहार में इस समुदाय का विकास नहीं किया, बस वोट बैंक के रूप में इनको यूज किया गया है।

दाल की कीमतें क्यों बढ़ रही है? केंद्र सरकार क्या कर रही है?

- दाल की कीमत कांग्रेस सरकार ने बढ़ाई है। 68 सालों में भी देश में दलहन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की कोशिश नहीं की गई। नीतीश कुमार जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई में फेल हो गए हैं। केंद्र सरकार ने सब्सिडी के लिए 500 करोड़ रुपये दिए थे, लेकिन राज्य सरकार उनका भी उपयोग नहीं कर सकी है।

इस चुनाव में अगड़े को पिछड़ों से लड़ाया जा रहा है। आपका इस पर क्या कहना है?

- ऐसी राजनीति करने वालों की चाल अगड़े-पिछड़े समझ चुके हैं। वह उनके झांसे में नहीं आने वाले। अगड़े-पिछड़े मिलकर अब विकास के लिए लडऩे वाले हैं।

गोवंश की रक्षा के संबंध में आपका क्या स्टैंड है?

- गोवंश रक्षा का संबंध किसी धर्म से नहीं, बल्कि बिहार की कृषि अर्थव्यवस्था से जुड़ा है। झारखंड-गुजरात जैसे कड़े कानून को राज्य में लागू करके हम इस पर लगाम कसेंगे।

प्रेरणा का श्रोत किसे मानते हैं?

- आरएसएस से समाज सेवा की सीख मिली है। यह संस्कार संघ की देन है।

दलित-महादलित को पक्ष में लाने के लिए आक्रामक क्यों नहीं हो रहे हैं?

- सबका साथ सबका विकास हमारा नारा है। सभी वर्गों का वोट हमारे लिए जरूरी है। हम इसके लिए प्रयास कर रहे हैं।

जदयू, भाजपा से अलग क्यों हुआ?

- नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया तो नीतीश कुमार ने गठबंधन तोड़ दिया। जनता ने भाजपा-जदयू को सरकार चलाने का मौका दिया था, लेकिन नीतीश कुमार जनाधार का अपमान करते हुए कुर्सी पर बने रहे।


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