पटनाः मध्य प्रदेश से चोरी 22 AK-47 मामले में 14 के खिलाफ चार्जशीट, किंगपिन है मुख्य सरगना
राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआइए) ने बुधवार को न्यायाधीश गुरविंदर सिंह मल्होत्रा की अदालत में 22 एके 47 रायफल की बरामदगी मामले में 14 आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। यह मामला आरसी 31/18 से जुड़ा है। -
न्यायालय संवाददाता, पटना : 22 एके 47 रायफल की बरामदगी मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआइए) ने बुधवार को न्यायाधीश गुरविंदर सिंह मल्होत्रा की अदालत में 14 आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। चार्जशीट आइपीसी की धारा 120 (बी). 380, 414, आर्म्स एक्ट 25 (ए), 25 (1ए), 25 (1एए), 25 (1एएए), 26 तथा यूएपी की धारा 39 के तहत दाखिल की गई है।
यह मामला आरसी 31/18 से जुड़ा है। मामले के आरोपित राजीव कुमार सिंह उर्फ चुन्नू सिंह, पुरुषोत्तम लाल रजक, मोहम्मद मुर्शीद, मोहम्मद मंजर आलम, मो. शमशेर आलम सहित 14 आरोपितों के खिलाफ एनआइए ने चार्जशीट दाखिल की है। आरोपित राजीव कुमार सिंह को गया जिले के रामपुर थाना क्षेत्र से 7 दिसंबर 2020 को पकड़ा गया था। विदित हो कि 22 एके 47 रायफलें मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित आयुध भंडार से चोरी हुई थीं। सभी रायफलें आरोपितों द्वारा माओवादियों को आपूर्ति की जानी थीं। लेकिन मामले का पर्दाफाश हो गया और सबसे पहले तीन रायफल मुंगेर जिले से बरामद की गईं थी। इस संबंध में मुंगेर के मुफस्सिल थाने में मामला दर्ज कराया गया था। इसके बाद मामले की जांच एनआइए की टीम को दी गई। एनआइए ने विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर 14 आरोपितों को गिरफ्तार किया। एनआइए ने आरोपितों के पास से जबलपुर से चोरी की 22 रायफल और 500 स्पेयर पाट्स बरामद किया था। इस मामले में किंगपिन राजीव सिंह और पुरुषोत्तम लाल रजक सभी 14 आरोपित जेल में हैं।
किंगपिन है राजीव
किंगपिन राजीव रंजन सिंह जबलपुर ऑॢडनेंस फैक्ट्री से हथियार के पाट्स की चोरी करने और उसके बाद उससे हथियार बनाने का काम करता था। तेतर पंचायत के मुखिया रहे राजीव रंजन सिंह की गिरफ्तारी मुंगेर में बरामद एके रायफल सिरीज मामले में भी हो चुकी है। उसे मुंगेर के मुफस्सिल थाना में 7 सितंबर 2018 को दर्ज 323/2018 केस में 15 अक्टूबर 2018 को गिरफ्तार किया गया था। यह केस रिजवान बेगम के घर से तीन एक-के 47 के बरामद होने के बाद किया गया था। इसकी शुरुआती जांच मुेगेर पुलिस कर रही थी और बाद में केस ट्रांसफर होने पर एनआइए ने मामला दर्ज किया था। मामले में गिरफ्तारी के बाद राजीव रंजन तत्काल बेल पर था।
मुंगेर के आसपास चलता था हथियार का कारोबार
जांच में एनआइए ने पाया था कि सेंट्रल ऑर्डिनेंस डिपार्टमेंट से पूर्व सैन्य अधिकारियों की मदद से एके सिरीज के प्रतिबंधित हथियार की चोरी कर तस्कर के हाथों बेचे जा रहे हैं। हथियार तस्कर का गिरोह मुंगेर एवं आसपास के इलाकों में सक्रिय है। एके 47 नक्सली संगठन और आपराधिक गिरोह तक मोटी रकम लेकर पहुंचाए जाते थे। मुंगेर के मुफस्सिल थाना के इलाके में मिली तीन एके 47 के बाद एनआइए ने कई अन्य ठिकानों पर छापामारी की थी जिसमें जमालपुर समेत अन्य थाना क्षेत्र से 22 हथियार बरामद किये थे। उस दौरान एजेंसी को 60 से 80 एके 47 हथियार की तस्करी की जानकारी मिली थी।