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सड़क सुरक्षा के साथ सामान्य ज्ञान होगा पाठ्यक्रम का हिस्सा, न सत्र में होंगे बदलाव

नए सत्र से स्कूलों के पाठ्यक्रम में बदलाव किए जाएंगे। सबसे बड़ी खाखियत ये रहेगी कि इस बार सड़क सुरक्षा के साथ तम्बाकू से शरीर को होने वाले नुकसान की जानकारी बच्चों को दी जाएगी।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 05:25 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 05:25 PM (IST)
सड़क सुरक्षा के साथ सामान्य ज्ञान होगा पाठ्यक्रम का हिस्सा, न सत्र में होंगे बदलाव
सड़क सुरक्षा के साथ सामान्य ज्ञान होगा पाठ्यक्रम का हिस्सा, न सत्र में होंगे बदलाव

अहमद रजा हाशमी, पटना। नए शैक्षणिक सत्र में सरकारी स्कूलों की पाठ्य-पुस्तकों में कई बदलाव किए जाने की तैयारी जोरों पर चल रही है। समसामयिक विषयों को विभिन्न किताबों का अध्याय बनाने एवं पहले से शामिल अध्याय में जरूरी जानकारियां जोड़ कर उसका विस्तार करने की योजना पर महेन्द्रू स्थित बिहार राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद में काम लगभग पूरा हो चुका है। वर्ग आठ से लेकर 12वीं तक के कई विषयों की किताबों में यह बदलाव किए जाने की तैयारी है।

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विशेषज्ञों से ली जा रही मदद

एससीइआरटी की संयुक्त निदेशक डॉ. मंजू लाल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि विषय विशेषज्ञों की मदद से अध्याय जोड़ने एवं उसमें विस्तार देने का कराया गया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की गाइड लाइन के अनुसार सामान्य विज्ञान की किताब में बैंकिंग एवं नन बैंकिंग के अध्याय को विस्तार दिया गया है। इन दोनों क्षेत्रों में अब तक हुए कई बदलाव को नये सत्र से पाठ्य पुस्तक में शामिल कर बच्चों को पढ़ाया जाएगा। छात्रों को नन बैंकिंग की पहचान करने, इसके लाभ तथा सावधान रहने की बातों से भी अवगत कराया जाएगा।

अध्याय का किया जाएगा विस्तार

संयुक्त निदेशक ने बताया कि सड़क सुरक्षा सप्ताह को लेकर सामान्य विज्ञान विषय में अध्याय शामिल किये गए हैं। कई क्लास की किताब में पहले से शामिल अध्याय का विस्तार किया गया है। बच्चों को सड़क पर सुरक्षित चलने में मददगार चिह्नों से चित्रों के माध्यम से परिचय कराया गया है। साथ ही जेब्रा क्रॉसिंग, सिग्नल लाइट व अन्य नियमों का सख्ती से पालन करने के लिए जागरूक एवं प्रेरित किया जाएगा।

तंबाकू के बताए जाएंगे दुष्परिणाम

तंबाकू के दुष्परिणाम पर आधारित अध्याय को विषय पुस्तक में शामिल किया जा रहा है। बाल मन पर छात्र जीवन से ही नशे के नुकसान की जानकारी देकर स्वस्थ बिहार के निर्माण की शिक्षा देने की तैयारी है ताकि बच्चे घर, परिवार व समाज में टोक-रोक कर नशे की बुराई को समाप्त करने में मददगार साबित हो सकें। संयुक्त निदेशक ने डॉ. मंजू लाल ने बताया कि परिवार, समाज व स्कूल स्तर पर छात्र-छात्रओं के साथ जाने-अनजाने में होने वाली उत्पीड़न से उन्हें अवगत कराने के साथ ही बच्चों को सतर्क, सुरक्षित व संरक्षित करने के लिए भी एससीइआरटी काम कर रही है। विषय विशेषज्ञों की टीम द्वारा इस बेहद संवेदनशील विषय पर शोधपूर्ण मार्गदर्शिका तैयार की गई है। इससे सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों को प्रशिक्षित और बच्चों को जागरूक किया जाएगा।


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