राजस्व लक्ष्य प्राप्त करना खनन विभाग के लिए चुनौती, बालू, ईंट और मिट्टी से संग्रहण में बिहार के कई जिले पीछे
बिहार के जिलों में राजस्व संग्रह की धीमी रफ्तार की वजह से विभाग सितंबर महीने तक भी लक्ष्य से काफी पीछे चल रहा था। कुछ जिलों ने हालांकि लक्ष्य के विपरीत 43 फीसद तक लक्ष्य प्राप्त कर लिया है।
राज्य ब्यूरो, पटना : प्रदेश में खान एवं भू-तत्व विभाग के लिए राजस्व संग्रह एक बड़ी चुनौती है। आलम यह है कि जिलों में राजस्व संग्रह की धीमी रफ्तार की वजह से विभाग सितंबर महीने तक भी लक्ष्य से काफी पीछे चल रहा था। कुछ जिलों ने हालांकि लक्ष्य के विपरीत 43 फीसद तक लक्ष्य प्राप्त कर लिया है लेकिन, कुछ में स्थिति यह है कि यह पौने तीन फीसद से आठ फीसद तक की लक्ष्य प्राप्त हो पाया है।
कुछ जिलों में राजस्व संग्रह 10 फीसद से भी कम
खान एवं भू-तत्व विभाग ने राजस्व संग्रहण की स्थिति जानने के लिए सितंबर महीने में ही प्रमंडलवार बैठक आयोजित की थी। जिसमें यह बात सामने आई कि कुछ जिलों में राजस्व संग्रह 10 फीसद से भी कम है। 10 फीसद से कम संग्रह में जिन जिलों का नाम आता है उनमें सिवान, गया, औरंगाबाद, रोहतास, जहानाबाद, जमुई और भोजुपर के नाम आते हैं। समीक्षा बैठक के दौरान ही अधिकारियों को चेतावनी दी गई कि आगे यदि राजस्व संग्रह में वृद्धि नहीं की गई तो सरकार को मजबूरन संबंधित जिलों में अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए बाध्य होना पड़ेगा। जिलों की यह समीक्षा रिपोर्ट बालू, ईट, मिट्टी के साथ ही पत्थर और कार्य विभाग से प्राप्त होने वाले राजस्व संग्रह के आधार पर की गई थी।
विभाग के सूत्रों ने बताया कि मधेपुरा, भागलपुर, कटिहार, मुंगेर, जमुई, लखीसराय जैसे जिलों में तो अगस्त तक संग्रह शून्य ही हो पाया था। जबकि अरवल, गया, शेखपुरा, नवादा, मुजफ्फरपुर, अररिया, औरंगाबाद और पूर्णिया जैसे जिलों में 0.85 फीसद से लेकर 4.01 फीसद तक की संग्रह हुआ।
खनिज और संग्रह के अनुसार पिछड़े जिले
बालू
जमुई, लखीसराय, पटना, रोहतास, भोजपुर, सारण, गया और औरंगाबाद
ईंट
लखीसराय, जमुई, कटिहार, मुंगेर, भागलपुर व मधेपुरा
मिट्टी
मधेपुरा, सारण, भागलपुर, दरभंगा, बेतिया, खगड़िया लखीसराय, शेखपुरा, जहानाबाद व बक्सर
पत्थर
औरंगाबाद, गया
कार्य विभाग
बांका, अरवल, औरंगाबाद, जहानाबाद, रोहतास, सिवान व पटना समेत 20 जिले