सीईटी बीएड का रिजल्ट आज जारी होगा, कल से पटना में सेंट्रलाइज्ड काउंसिलिंग
- 90,305 अभ्यर्थियों को जारी किए गए थे प्रवेश पत्र, 91.3 फीसद हुए थे शामिल - 10 अगस्त तक
- 90,305 अभ्यर्थियों को जारी किए गए थे प्रवेश पत्र, 91.3 फीसद हुए थे शामिल
- 10 अगस्त तक चलेगी काउंसिलिंग, हर दिन 5000 अभ्यर्थी होंगे शामिल
---------------
जागरण संवाददाता, पटना : सूबे के सभी बीएड कॉलेजों में नामाकन के लिए आयोजित हुए कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) का रिजल्ट सोमवार को जारी किया जाएगा। राज्य नोडल पदाधिकारी सह एनओयू के रजिस्ट्रार प्रो. एसपी सिन्हा ने बताया कि राज्यपाल सत्य पाल मलिक सोमवार की सुबह 11:30 बजे रिजल्ट को वेबसाइट पर ऑनलाइन करेंगे। अभ्यर्थी नालंदा खुला विश्वविद्यालय की वेबसाइट (www.ठ्ठड्डद्यड्डठ्ठस्त्रड्डश्रश्चद्गठ्ठह्वठ्ठद्ब1द्गह्मह्यद्बह्ल4.ष्श्रद्व) पर उपलब्ध सीईटी के लिंक पर क्लिक कर रिजल्ट देख सकते हैं। 15 जुलाई को आयोजित हुई परीक्षा में 91.3 फीसद अभ्यर्थी शामिल हुए थे। प्रवेश पत्र 90,305 को जारी किया गया था। काउंसिलिंग 27 जुलाई से शुरू होकर 10 अगस्त तक चलेगी। परीक्षा में प्राप्त अंक, च्वाइस और आरक्षण के आधार पर अभ्यर्थियों को सीट अलॉट की जाएगी।
प्रत्येक दिन काउंसिलिंग में शामिल होंगे 3000 अभ्यर्थी
सेंट्रलाइज्ड काउंसिलिंग पटना में ही आयोजित होगी। क्वालीफाइड अभ्यर्थियों के अंक पत्र में काउंसिलिंग का विवरण दिया होगा। इसके साथ वेबसाइट पर भी जानकारी दी जाएगी। प्रत्येक दिन 3000 अभ्यर्थी काउंसिलिंग में शामिल होंगे। काउंसिलिंग ज्ञान भवन, पटना में होगी। चयनित अभ्यर्थियों को तत्काल कॉलेज का आवंटन और नामांकन का पत्र दिया जाएगा। एक पत्र संबंधित कॉलेज को भेज दिए जाएंगे। दोनों से मिलान कर अभ्यर्थियों का नामांकन होगा। कक्षाओं का संचालन 13 अगस्त से होगा।
33,700 सीटों पर होना है नामांकन :
मेधा सूची के आधार पर बीएड की 33,700 सीटों पर नामाकन होना था, लेकिन अब सीटें बढ़ गई हैं। एनसीटीई से कुछ और कॉलेजों की मान्यता बहाल कर दी गई है। इससे अब सीटें करीब 35 हजार हो जाएंगी। पटना विश्वविद्यालय के दोनों बीएड कॉलेजों को भी अगले एक-दो दिन में मान्यता बहाल होने की संभावना है। 27 से पहले मान्यता पत्र मिल जाने पर वहां भी नामांकन हो सकेगा। 15 जुलाई को सूबे के 10 शहरों के 122 केंद्रों पर बीएड सीईटी का आयोजन किया गया। पटना में सबसे अधिक 56 केंद्रों पर 46,518 परीक्षार्थी शामिल हुए। दरभंगा में 20, मुजफ्फरपुर में नौ, पूर्णिया और भागलपुर में आठ-आठ, छपरा में छह, मुंगेर और आरा में पाच-पाच, मधेपुरा में तीन और सहरसा में दो परीक्षा केंद्र बनाए गए थे।