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बिहार के कारोबारी माहौल में गिरावट, रैंकिंग में दो पायदान नीचे गया राज्य

बिहार के कारोबारी माहौल में गिरावट आई है। यह हम नहीं कह रहे, बल्कि केंद्रीय वाणिज्‍य मंत्रालय की रैंकिंग कह रही है। पूरी जानकारी के लिए पढ़ें यह खबर।

By Amit AlokEdited By: Published: Sat, 21 Apr 2018 12:04 PM (IST)Updated: Sat, 21 Apr 2018 10:54 PM (IST)
बिहार के कारोबारी माहौल में गिरावट, रैंकिंग में दो पायदान नीचे गया राज्य
बिहार के कारोबारी माहौल में गिरावट, रैंकिंग में दो पायदान नीचे गया राज्य

पटना [विकाश चन्द्र पाण्डेय]। सुधार की तमाम कोशिशों के बावजूद बिहार साल गुजरते दो पायदान नीचे खिसक गया। इस दौरान तमाम श्रेणियों में उसका प्रयास सराहनीय रहा, लेकिन प्रतिद्वंद्विता में दूसरे राज्य आगे निकल गए। बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान-2017 की रैंकिंग जारी हो चुकी है। कारोबारी माहौल में सुधार वाले राज्यों में बिहार इस बार 18वें क्रमांक पर है। यह तीसरी रैंकिंग है। इसके पहले 2016 और 2015 में बिहार क्रमश: 16वें और 21वें पायदान पर था।

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वाणिज्य मंत्रालय के अधीन औद्योगिक नीति व प्रोत्साहन विभाग और विश्व बैंक ने संयुक्त रूप से राज्यों की रैंकिंग तय की है। रैंकिंग के लिए कुल 12 क्षेत्रों में सुधार के 405 पहलू तय किए गए थे। उनमें से 103 पहलू इस बार नए थे। सारी कवायद मेक इन इंडिया के तहत हो रही है। 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' वाले राज्यों की पहचान हो जाने पर उद्यमियों की राह प्रशस्त होती है।

उपभोक्ता राज्य होने के नाते बिहार में उत्पादन की असीम संभावना है। उत्पादन के लिए निवेश चाहिए और निवेश के लिए औद्योगिक माहौल। मेक इन इंडिया का लक्ष्य ही राज्यों को इस माहौल के लिए तत्पर करना है।

पड़ोसियों का प्रदर्शन बेहतर

कुल 12 श्रेणियों में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए हरियाणा इस बार सूची में सर्वोच्च स्थान पर है। सुधार का शत प्रतिशत अनुपालन करने वाले राज्यों में उसके पीछे क्रमश: छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना हैं। बिहार का स्कोर 93.77 प्रतिशत है और सारे पड़ोसी राज्य (झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश) उससे आगे। लक्ष्यद्वीप, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश की उपलब्धि शून्य है। हरियाणा की उपलब्धि वाकई चकित करने वाली है। 2015 में 14वें से 2016 में छठा पायदान और अगली छलांग में सर्वोच्च शिखर पर।

बिहार के स्कोर से उम्मीद

स्कोर के लिहाज से बिहार ने भी अपेक्षित सुधार किया है, लेकिन प्रतिद्वंद्वी राज्य अपेक्षाकृत ज्यादा बेहतर कर गए। अर्थशास्त्री डॉ. तपन शांडिल्य इसकी कई वजह बताते हैं। मजदूर निर्यातक प्रदेश की भूमिका, पिछड़ेपन का ठप्पा और अपराध की पृष्ठभूमि।

बावजूद इसके बेहतर उम्मीद के पर्याप्त आधार हैं। पंजाब और दिल्ली जैसे उद्योग-प्रेमी राज्य भी रैंकिंग में बिहार से पीछे हैं। पहली रैंकिंग के पहले पायदान से खिसक कर गुजरात इस बार सातवें पायदान पर खड़ा है। इस बार बेहतर प्रदर्शन करने वाले शीर्ष पांच में तीन और शीर्ष 15 में आठ भाजपा शासित राज्य हैं।

उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह मानते हैं कि बिहार का प्रदर्शन संतोषजनक है और भविष्य में कामयाबी की उम्मीद बरकरार। बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2016 से प्रभावी है। उसके बाद से लेकर अब तक 96 सौ करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। इज ऑफ डूइंग बिजनेस के संदर्भ में नीति आयोग बिहार की प्रशंसा कर चुका है।

कारोबारी लिहाज से 2017 में उत्कृष्ट राज्य

क्रमांक :                          राज्य :                स्कोर

1.                                    हरियाणा             100 प्रतिशत

2.                                    छत्तीसगढ़          100 प्रतिशत

3.                                    मध्य प्रदेश          100 प्रतिशत

4.                                    आंध्र प्रदेश           100 प्रतिशत

5.                                    प. बंगाल             100 प्रतिशत

बिहार का प्रदर्शन

वर्ष :                                 क्रमांक :              स्कोर

2015 :                             21                       16.41 प्रतिशत

2016 :                             16                       75.82 प्रतिशत

2017 :                             18                        90.25 प्रतिशत

2017 में बिहार द्वारा लागू शीर्ष पांच सुधार

1. निर्माण परमिट : 78 प्रतिशत

2. सूचना का उपयोग और पारदर्शिता : 42 प्रतिशत

3. पर्यावरण पंजीकरण : 30 प्रतिशत

4. जमीन की उपलब्धता : 11 प्रतिशत

5. एकल खिड़की : 4 प्रतिशत


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