केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले की बड़ी मांग: सवर्ण गरीबों को मिले 25 फीसद आरक्षण
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने गरीब सवर्णों को 25 फीसद आरक्षण देने की बड़ी मांग की है। उन्होंने कहा कि आरक्षण की सीमा 75 फीसद हो, जिसमें 25 फीसद गरीब सवर्णों के लिए हो।
पटना [राज्य ब्यूरो]। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने केंद्र सरकार से गरीब सवर्णों को 25 फीसदी आरक्षण देने की मांग की। अठावले ने बुधवार को एक दिवसीय दौरे पर पटना पहुंचने के बाद राजकीय अतिथिशाला में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि 50 प्रतिशत की निर्धारित सीमा को बनाए रखते हुए शेष 50 प्रतिशत में से 25 प्रतिशत आरक्षण गरीब सवर्णों को दिया जाए। शेष 25 फीसदी को खुली प्रतियोगिता के लिए रिक्त रखा जाए।
उन्होंने कहा कि गरीब सवर्णों के लिए आठ लाख रुपये तक की वार्षिक आय की क्रीमी लेयर निर्धारित हो। इस संबंध में संविधान संशोधन किया जाय।
गैर अारक्षित वर्ग में बढ़ रहा असंतोष
उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रधानमंत्री के समक्ष एनडीए की बैठक में भी दो बार वे अपने दल की ओर से यह विचार रख चुके हैं। सभी ब्राह्मण या क्षत्रिय आर्थिक रूप से संपन्न नहीं हैं। विभिन्न राज्यों में गैर आरक्षित वर्ग के लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात में इसको लेकर बड़े आंदोलन भी सामने आए हैं। दूसरी ओर, दलितों पर आक्रमण भी बढ़े हैं। ऐसे में सामाजिक सद्भाव को बनाए रखने के लिए नए उपाय किए जाए। कहा कि प्रोन्नति में आरक्षण को लेकर अगले सत्र में प्रस्ताव लाया जाएगा।
कहा: सीएम नीतीश कर रहे अच्छा काम
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में अच्छा काम कर रहे हैं। वे मुख्यमंत्री को पत्र लिखेंगे कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह की तरह ही सभी कल्याण गृहों की सीबीआई जांच कराएं। उन्होंने मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड के दोषियों को फांसी की सजा देने की आवश्यकता जतायी और इसे बिहार का कलंक बताया। उन्होंने कहा कि देश में दुष्कर्म की घटनाएं सिर्फ कानून बनाकर नहीं रोकी जा सकती। इसके लिए सामाजिक जागरूकता की जरूरत है।
दलित अत्याचार के मामलों में दूसरे नंबर पर बिहार
अठावले ने इसके पूर्व राजकीय अतिथिशाला में कल्याण विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक भी की। उन्होंने बताया कि दलित अत्याचार के मामलों में बिहार दूसरे स्थान पर है, जबकि यूपी पहले व राजस्थान तीसरे स्थान पर।