दैनिक जागरण के कृषि महासमागम में किसानों की संपन्नता का संकल्प
बिहार में चल रहे दैनिक जागरण के कृषि महाअभियान के पहले चरण का समापन पटना में आयोजित कृषि महासमागम के साथ हो गया। इसमें किसानों को आत्मनिर्भर और संपन्न बनाने का संकल्प लिया गया।
By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 16 Dec 2018 11:45 AM (IST)Updated: Sun, 16 Dec 2018 08:31 PM (IST)
पटना [जागरण टीम]। खाद्य सुरक्षा के सरोकार से जुड़कर दैनिक जागरण ने दो हफ्ते पहले जिस संपादकीय कृषि महाअभियान की शुरुआत की थी, उसके पहले चरण का समापन रविवार को किसानों को आत्मनिर्भर और संपन्न बनाने के संकल्प के साथ हुआ। केंद्र एवं राज्य सरकार के मंत्रियों, आला अफसरों, कृषि वैज्ञानिकों एवं बड़ी संख्या में जुटे किसानों ने भी दैनिक जागरण की इस पहल की सराहना की। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह, बिहार के कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार, ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव एवं कृषि विभाग के प्रधान सचिव सुधीर कुमार ने किसानों को आश्वस्त किया कि सरकार की प्राथमिकताओं में खेती-किसानी की चिंता सबसे ऊपर है। वैज्ञानिकों ने मुनाफे की खेती के तरीके बताकर संपन्नता की ओर बढऩे के लिए किसानों को प्रेरित-प्रोत्साहित किया।
देश के खजाने पर पहला अधिकार किसानों का : राधामोहन
पटना के होटल मौर्या में आयोजित कृषि महासमागम को संबोधित करते हुए राधा मोहन सिंह ने केंद्र सरकार के किसान कल्याण के ब्योरे को विस्तार से रखा और आश्वस्त किया कि देश के खजाने पर पहला अधिकार किसानों का है। फसलों की लागत से डेढ़ गुना ज्यादा सरकारी समर्थन मूल्य का गणित समझाया और यह भी बताया कि पशुपालन के क्षेत्र में बिहार ने इतनी प्रगति कर ली है कि अमूल की पीठ पर सवारी करने के लिए सुधा आगे बढ़ रही है। कंफेड की हाल की उपलब्धि ने इसे प्रमाणित भी किया है।
केंद्रीय मंत्री ने केंद्र सरकार की ओर से पिछले पौने पांच वर्षों में बिहार को मिलने वाली सौगातों का भी जिक्र किया। पूसा केंद्रीय विश्वविद्यालय से शुरू कर सीमेन स्टेशन, दूध, मछली, नारियल विकास बोर्ड, जैविक खेती, रिसर्च सेंटर की स्थापना से लेकर गोरौल में बनाए जा रहे केला अनुसंधान केंद्र का विशेष तौर पर उल्लेख किया।
योजना बनाकर कर रहे कृषि के विकास पर कार्य : प्रेम
कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने पिछले डेढ़ दशक में बिहार सरकार की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए इसका श्रेय कृषि रोडमैप को दिया। उन्होंने बताया कि बिहार ने कैसे योजना बनाकर काम किया और उसका नतीजा हुआ कि चावल, गेहूं और मक्का के सर्वश्रेष्ठ उत्पादन के लिए बिहार को अबतक चार-चार कृषि कर्मण पुरस्कार मिल चुके हैं। फसलों के उत्पादन से लेकर प्रसंस्करण, पैकेजिंग और मार्केटिंग की जरूरत बताने से पहले प्रेम कुमार ने किसानों को राज्य सरकार की योजनाओं का ब्योरा दिया। कहा कि पहले किसानों को अनुदान राशि मिलने में छह महीने लग जाते थे, किंतु अब 25 दिनों के भीतर पारदर्शी तरीके से खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
डीजल की मजबूरी से मिलेगी मुक्ति : बिजेंद्र
ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने किसानों को डीजल मुक्त कृषि का आश्वासन देते हुए कहा कि अगले साल तक हर खेत तक बिजली पहुंचा दी जाएगी। इससे खेती की लागत घट जाएगी और किसानों में खुशहाली लाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सिंचाई को सुगम और सहज बनाने की प्रक्रिया जारी है। 1312 कृषि फीडर लगाने का लक्ष्य है, जिसमें अबतक 358 का काम पूरा हो चुका है।
मंत्रियों और अधिकारियों ने सुनी समस्याएं, सुझाए उपाय
कृषि विभाग के प्रधान सचिव सुधीर कुमार ने किसानों की समस्याएं सुनी और मौके पर ही समाधान भी दिया। कृषि रोडमैप का विशेष तौर पर उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि कैसे चावल, गेहूं और मक्के के उत्पादन में बिहार ने कमाल किया है। उन्होंने कहा कि दूसरी हरित क्रांति का आगाज बिहार से हो चुका है। जैविक खेती भी नजीर बनेगी और हम हर भारतीय की थाली में बिहारी व्यंजन का सपना भी जल्द साकार करने वाले हैं। देश में सबसे पहले बिहार ने अग्र्रिम अनुदान देने की पहल की है।
कृषि वैज्ञानिक एवं मशरूम मैन के नाम से विख्यात डॉ. दयाराम ने किसानों को मशरूम के जरिए संपन्नता की सीख दी। डॉ.पंकज कुमार ने भी फायदे की खेती का फार्मूला बताया। कार्यक्रम का संचालन दैनिक जागरण पटना के समाचार संपादक भारतीय बसंत कुमार ने किया। इसके पहले अतिथियों ने दीप जलाकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। महासमागम में दैनिक जागरण पटना के महाप्रबंधक एसएन पाठक, भागलपुर के महाप्रबंधक राजाराम तिवारी, मुजफ्फरपुर के समाचार संपादक देवेंद्र राय, भागलपुर के समाचार संपादक संयम कुमार और गया के समाचार संपादक अश्विनी कुमार समेत दैनिक जागरण परिवार के कई सदस्य मौजूद थे।
देश के खजाने पर पहला अधिकार किसानों का : राधामोहन
पटना के होटल मौर्या में आयोजित कृषि महासमागम को संबोधित करते हुए राधा मोहन सिंह ने केंद्र सरकार के किसान कल्याण के ब्योरे को विस्तार से रखा और आश्वस्त किया कि देश के खजाने पर पहला अधिकार किसानों का है। फसलों की लागत से डेढ़ गुना ज्यादा सरकारी समर्थन मूल्य का गणित समझाया और यह भी बताया कि पशुपालन के क्षेत्र में बिहार ने इतनी प्रगति कर ली है कि अमूल की पीठ पर सवारी करने के लिए सुधा आगे बढ़ रही है। कंफेड की हाल की उपलब्धि ने इसे प्रमाणित भी किया है।
केंद्रीय मंत्री ने केंद्र सरकार की ओर से पिछले पौने पांच वर्षों में बिहार को मिलने वाली सौगातों का भी जिक्र किया। पूसा केंद्रीय विश्वविद्यालय से शुरू कर सीमेन स्टेशन, दूध, मछली, नारियल विकास बोर्ड, जैविक खेती, रिसर्च सेंटर की स्थापना से लेकर गोरौल में बनाए जा रहे केला अनुसंधान केंद्र का विशेष तौर पर उल्लेख किया।
योजना बनाकर कर रहे कृषि के विकास पर कार्य : प्रेम
कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने पिछले डेढ़ दशक में बिहार सरकार की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए इसका श्रेय कृषि रोडमैप को दिया। उन्होंने बताया कि बिहार ने कैसे योजना बनाकर काम किया और उसका नतीजा हुआ कि चावल, गेहूं और मक्का के सर्वश्रेष्ठ उत्पादन के लिए बिहार को अबतक चार-चार कृषि कर्मण पुरस्कार मिल चुके हैं। फसलों के उत्पादन से लेकर प्रसंस्करण, पैकेजिंग और मार्केटिंग की जरूरत बताने से पहले प्रेम कुमार ने किसानों को राज्य सरकार की योजनाओं का ब्योरा दिया। कहा कि पहले किसानों को अनुदान राशि मिलने में छह महीने लग जाते थे, किंतु अब 25 दिनों के भीतर पारदर्शी तरीके से खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
डीजल की मजबूरी से मिलेगी मुक्ति : बिजेंद्र
ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने किसानों को डीजल मुक्त कृषि का आश्वासन देते हुए कहा कि अगले साल तक हर खेत तक बिजली पहुंचा दी जाएगी। इससे खेती की लागत घट जाएगी और किसानों में खुशहाली लाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सिंचाई को सुगम और सहज बनाने की प्रक्रिया जारी है। 1312 कृषि फीडर लगाने का लक्ष्य है, जिसमें अबतक 358 का काम पूरा हो चुका है।
मंत्रियों और अधिकारियों ने सुनी समस्याएं, सुझाए उपाय
कृषि विभाग के प्रधान सचिव सुधीर कुमार ने किसानों की समस्याएं सुनी और मौके पर ही समाधान भी दिया। कृषि रोडमैप का विशेष तौर पर उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि कैसे चावल, गेहूं और मक्के के उत्पादन में बिहार ने कमाल किया है। उन्होंने कहा कि दूसरी हरित क्रांति का आगाज बिहार से हो चुका है। जैविक खेती भी नजीर बनेगी और हम हर भारतीय की थाली में बिहारी व्यंजन का सपना भी जल्द साकार करने वाले हैं। देश में सबसे पहले बिहार ने अग्र्रिम अनुदान देने की पहल की है।
कृषि वैज्ञानिक एवं मशरूम मैन के नाम से विख्यात डॉ. दयाराम ने किसानों को मशरूम के जरिए संपन्नता की सीख दी। डॉ.पंकज कुमार ने भी फायदे की खेती का फार्मूला बताया। कार्यक्रम का संचालन दैनिक जागरण पटना के समाचार संपादक भारतीय बसंत कुमार ने किया। इसके पहले अतिथियों ने दीप जलाकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। महासमागम में दैनिक जागरण पटना के महाप्रबंधक एसएन पाठक, भागलपुर के महाप्रबंधक राजाराम तिवारी, मुजफ्फरपुर के समाचार संपादक देवेंद्र राय, भागलपुर के समाचार संपादक संयम कुमार और गया के समाचार संपादक अश्विनी कुमार समेत दैनिक जागरण परिवार के कई सदस्य मौजूद थे।
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