केंद्र प्रायोजित योजनाएं बंद होनी चाहिए, जानिए क्यों कहा सीएम नीतीश ने एेसा...
बिहार के मख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है केंद्र की प्रयोजित योजनाओं को बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर राज्य की अपनी भी योजनाएं हैं।
पटना, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को यह मसला उठाया कि राज्यों में चलने वाली केंद्र प्रायोजित योजनाएं बंद हो जानी चाहिए। ऐसा इसलिए जरूरी है कि हर राज्य की अपनी अलग-अलग योजनाएं हैं। सोच यह है कि केंद्रीय योजनाओं को कम करना जरूरी है। नीति आयोग की दिल्ली में होने वाली बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मसले पर अपनी बात रख सकते हैं। सोमवार को आयोजित लोक संवाद कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने यह बात कहीं।
बिहार को विशेष राज्य के दर्जे से संबंधित एक प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्त आयोग की एक पंक्ति की वजह से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा हासिल नहीं हो सका। उन्होंने 15 वें वित्त आयोग के अध्यक्ष के पास व्यक्तिगत रूप से भी इस विषय को रखा है।
उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि केंद्र द्वारा बिहार के हित को बिल्कुल देखा जाएगा। जरूरत की जो योजनाएं हैं उसे केंद्र सरकार ने अपनी अनुमति भी प्रदान की है। नीति आयोग की बैठक में हमलोग बिहार के संबंध में कागजात भी सुपुर्द करेंगे।
केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने से कोई नाराजगी नहीं
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फिर दोहराया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में जदयू के शामिल नहीं होने का मतलब यह नहीं कि उनके केंद्र सरकार से संबंध खराब हो गए हैं। संबंधों में किसी तरह की कोई कटुता नहीं है ना कोई नाराजगी है। जो बात बीत गई वह बात खत्म है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बिहार के हित को लेकर इस वजह से कोई कठिनाई भी नहीं है। लोग इत्मीनान में रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने बुनियादी विचार और सिद्धांत से कोई समझौता नहीं किया। अपने विचार के आधार पर ही काम करते रहते हैं। धारा 370 को नहीं हटाए जाने और कॉमन सिविल कोड पर उनके विचार पहले से सार्वजनिक हैं।
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