कोरोनावायरस में उछाल पर केंद्र गंभीर, बिहार सरकार से कहा, 24 घंटे आक्सीजन का स्टाक रखें तैयार
Bihar Coronavirus Update राज्य में कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या 25 हजार के पार पहुंच गई है। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने स्वास्थ्य विभाग को एक पत्र भेज 24 घंटे आक्सीजन का स्टाक तैयार रखने को कहा है।
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Coronavirus Update: राज्य में कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या 25 हजार के पार पहुंच गई है। बीते दो दिनों से कोरोना से मौत के आंकड़े भी तेजी से बढ़ रहे हैं। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने स्वास्थ्य विभाग को एक पत्र भेज 24 घंटे आक्सीजन का स्टाक तैयार रखने को कहा है। पत्र में कहा गया है कि देश में कोविड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में महामारी से बचाव के लिए मेडिकल आक्सीजन की आवश्यकता पड़ सकती है। लिहाजा सभी राज्य आक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करें। राजेश भूषण ने कहा है कि सभी अस्पतालों में आक्सीजन उपलब्ध रहे इसके लिए कम से कम 48 घंटे का बफर स्टाक रखें। साथ ही अस्पतालों में लिक्विड मेडिकल आक्सीजन की उपलब्धता के लिए विशेष इंतजाम पूर्व से कर के रखे जाएं ताकि टैंक के माध्यम से बिना किसी बाधा के रिफिलिंग की जा सके।
पीएसए प्लांट को चालू और सशक्त बनाए रखें
राज्य सरकार अपने पीएसए प्लांट को सशक्त और सभी प्लांट को पूर्ण रूप से चालू हालत में रखें। इनका रखरखाव की भी समुचित व्यवस्था रहे ताकि समय पर आक्सीजन की आपूर्ति बाधित ना होने पाए। पत्र में कहा गया है कि राज्य के सभी अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध रहे और उसकी इनवेंट्री तैयार रखे। सभी जिलों को आक्सीजन कंसंट्रेटर समय रहते अस्पतालों को मुहैया कराए जाएं। साथ ही उन्होंने कोविड अस्पतालों में लोगों की जीवन रक्षा के लिए वेंटिलेटर, बीपैप, एसपीओ 2 भी पर्याप्त संख्या में तैयार रखने को कहा है। स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि स्वास्थ्य प्रशासन निजी अस्पतालों के साथ समन्वय बनाकर रखें ताकि आवश्यकता पडऩे पर उनकी मदद ली जा सके।
बिहार में फिलहाल 370 टन आक्सीजन की उपलब्धता
इधर स्वास्थ्य विभाग ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि राज्य में प्रतिदिन की खपत के अनुसार फिलहाल 370 टन आक्सीजन की उपलब्धता है। अभी तक कई चक्र में सभी सुविधाओं का आकलन भी किया जा चुका है। साथ ही पीएसए आक्सीजन प्लांट में निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए यहां डीजी जेनसेट लगाने के लिए छह सौ करोड़ रुपये भी जारी किए जा चुके हैं।