सीबीएसई स्कूलों को अब रखना होगा विशेष शिक्षा का अध्यापक
सीबीएसई सहित सभी निजी स्कूलों में अब विशेष शिक्षा के लिए अध्यापक रखने होंगे।
पटना। सीबीएसई सहित सभी निजी स्कूलों में अब 'विशेष शिक्षा' के लिए अध्यापक रखने होंगे। इसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित होगा। यदि इसमें कोई कोताही बरतते हुए पाया जाएगा तो संबंधित स्कूलों की मान्यता रद होगी। शुक्रवार को राज्य आयुक्त (निश्शक्तता) डॉ. शिवाजी कुमार ने शुक्रवार को ये बातें कहीं। वे राजधानी के बांकीपुर गर्ल्स हाई स्कूल में आयोजित निजी स्कूलों के प्राचार्यो की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्कूलों को भी अब समान शिक्षा नीति तैयार करनी होगी। इसमें उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि विशेष आवश्यकता वाले बच्चे (दिव्यांग) की आवश्यकता पूरी हो। उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए शौचालय, रैंप आदि की व्यवस्था हो। स्कूलों में यह सुनिश्चित किया जाए कि उनके साथ कोई भेदभाव नहीं हो रहा है। इन बच्चों के लिए ब्रेल लिपि की किताब के साथ-साथ ऑडियो- विजुअल शिक्षा व्यवस्था भी कक्षा में उपलब्ध कराई जाए। दिव्यांग छात्रों को तीन घंटे की परीक्षा में एक घंटे अतिरिक्त देना सुनिश्चित किया जाए। यदि उन्हें किसी श्रुति लेखक की जरूरत हो तो आवेदन लेकर एक कक्षा जूनियर के छात्र को लेखक बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि स्कूल में व्हील चेयर की भी व्यवस्था होनी चाहिए। लेकिन यह व्यवस्था नहीं है। उन्होंने इसकी व्यवस्था करने को कहा।
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आरटीई के तहत दिव्यांगों को देनी मुफ्त शिक्षा :
राज्य आयुक्त निश्शक्तता ने सभी निजी स्कूलों के प्राचार्यो को आगाह करते हुए कहा कि दिव्यांगजन बच्चों के नामांकन में कोई भेदभाव नहीं करें। साथ ही उनका नामांकन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत मुफ्त में किया जाए। इससे संबंधित किसी भी प्रकार की शिकायत मिलने पर संबंधित बोर्ड को उस स्कूल की मान्यता रद करने की सिफारिश की जाएगी। उन्होंने सभी स्कूलों के प्राचार्यो को स्कूल में दिव्यांगों से संबंधित सभी सुविधाएं मुहैया कराने का शपथपत्र देने का भी निर्देश दिया।
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