लालू के 'कबाब मंत्री' और उसके परिवार पर CBI का शिकंजा कसा, ये है मामला
लालू यादव के करीबी अनवर अहमद और उसके परिवार की मुश्किलें बढ़ने वाली है। सीबीआइ अवामी को-ऑपरेटिव बैंक में मनी लांड्रिंग मामले में जल्द चार्जशीट दाखिल करेगी।
पटना [राज्य ब्यूरो]। 90 के दशक में लालू प्रसाद के किचन कैबिनेट में शामिल और कबाब मंत्री के नाम से परिचित अनवर अहमद और उनके परिवार की मुश्किलें बढऩे वाली हैं। सीबीआइ ने अवामी को-ऑपरेटिव बैंक के माध्यम से मनी लांड्रिंग मामले में अनवर अहमद के बेटे अरशद अहमद व मदर्स इंटरनेशनल एकेडमी की प्राचार्या सुप्रिया चटर्जी के खिलाफ पटना स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत में चार्जशीट दायर करने की तैयारी पूरी कर ली है। बता दें कि अरशद अहमद अवामी को-ऑपरेटिव बैंक के निदेशक भी हैं।
अवामी को-ऑपरेटिव बैंक पर आरोप है कि उसने नोटबंदी के बाद बड़े पैमाने पर प्रतिबंधित पांच सौ व एक हजार के नोटों को बैंक के बेनामी खातों में जमा कराकर उसे अपने अल राबिया एजुकेशन एंड वेलफेयर ट्रस्ट व उससे जुड़े अन्य संस्थानों के बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया था।
अवामी बैंक और अनवर अहमद के कई ठिकानों पर पहले आयकर विभाग ने 13 जनवरी, 2017 को और उसके बाद सीबीआइ ने 9 अप्रैल, 2017 को एकसाथ छापेमारी कर मनी लांड्रिंग का यह मामला उजागर किया था। इस मामले में सीबीआइ ने अनवर अहमद, उनके बेटे फरहाद अहमद व अरशद अहमद, रिश्तेदार परवेज आलम, मदर्स इंटरनेशनल एकेडमी की प्राचार्या सुप्रिया चटर्जी को अभियुक्त बनाया है।
बता दें कि इस मामले में सीबीआइ की एक टीम ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से भी विगत 23 मई को उनके आवास पर करीब एक घंटे तक पूछताछ की थी। सूत्रों की मानें तो सीबीआइ इस मामले में राबड़ी देवी को गवाह बना सकती है।
उल्लेखनीय है कि सीबीआइ ने विगत 23 मार्च को अरशद अहमद और उसके स्कूल की प्राचार्या सुप्रिया चटर्जी को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ भी की थी। ब्यूरो के सूत्र बताते हैं कि अवामी बैंक मामले में सीबीआइ की जांच अब अंतिम चरण में है और अगले कुछ ही दिनों में इस मामले में पहली चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी।