जातीय जनगणना किया जाना बेहद आवश्यक, नेशनल मोमिन कांफ्रेंस में बोले राष्ट्रीय अध्यक्ष
जातीय जनगणना किया जाना बेहद आवश्यक है।
पटना सिटी । जातीय जनगणना किया जाना बेहद आवश्यक है। इससे देशभर में सभी धर्म व समुदाय के लोगों का विकास होगा। संख्या के अनुपात में उन्हें अधिकार मिलेगा। केंद्र एवं राज्य स्तर से लेकर पंचायत तक की कार्य योजनाएं बनेंगी। उपेक्षित वर्ग विशेषकर अंसारी और ओबीसी समाज के लोग मुख्यधारा में शामिल हो सकेंगे। इन्हें राजनीति हिस्सेदारी प्राप्त होगी। यह उक्त बातें नेशनल मोमिन कांफ्रेंस में राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. शकील उज्जमा अंसारी ने कही। आलमगंज के नूरानीबाग स्थित जश्न पैलेस में आयोजित कांफ्रेंस में बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों के मोमिन प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार ने जातीय जनगणना से इंकार किया है, लेकिन मामला अभी सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है। फैसले का इंतजार है। उन्होंने देश की आजादी से लेकर समाज निर्माण में मोमिन समुदाय के लोगों की विशेष भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि जातीय जनगणना कराने को लेकर देश व प्रदेशभर में जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर आंदोलन होगा। उन्होंने दिसंबर में पटना के गांधी मैदान में मोमिन व ओबीसी समाज की एक बड़ी सभा आयोजित करने की बात कही। कार्यक्रम में कई राज्यों से आए मोमिन प्रतिनिधियों ने अपनी बातें रखी। पटना प्रभारी शहजाद अनवर अंसार, प्रवक्ता नदीप अख्तर अंसारी, नईम अंसारी, शकील अहमद अंसारी, डा. रहीम अंसारी, प्रो. अब्दुल वाहिद अंसारी, शमशेर राही अंसारी, हाजी अशरफ अली, डा. मो. शराफत हुसैन अंसारी, गुलफिशा जबी सुग्गन, सीमाब अंसारी आदि ने अपने विचार रखे।
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