दीवार गिरने से हुई मौत में गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज
पटना जंक्शन के वेटिंग हॉल में निर्माणाधीन शौचालय की दीवार गिरने से वैशाली निवासी की मौत मामले में रेलवे के इंजीनियर, ठेकेदार व अन्य के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
पटना । पटना जंक्शन के वेटिंग हॉल में निर्माणाधीन शौचालय की दीवार गिरने से वैशाली निवासी बुजुर्ग यात्री की मौत को रेल पुलिस गंभीरता से ले रही है। रेल पुलिस ने मृतक वीर बहादुर सिंह के पुत्र कालेश्वर सिंह के बयान पर रेल थाने में गैर इरादतन हत्या की प्राथमिकी दर्ज कर मामले का अनुसंधान शुरू कर दिया है। इस मामले में रेलवे के इंजीनियरों के साथ ही आइओडब्लू, ठेकेदार एवं संबंधित रेलकर्मी को अभियुक्त बनाया गया है। रेल पुलिस ने बिन्दुवार जांच शुरू कर दी है। जांच में अभियुक्तों की संख्या में वृद्धि हो सकती है।
इस संबंध में रेल थानाध्यक्ष रवि प्रकाश सिंह ने बताया कि वीरेंद्र के पुत्र कालेश्वर सिंह के बयान पर धारा 288 सह 304 ए के तहत गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि वेटिंग रूम का जब निर्माण कार्य चल रहा था फिर उसमें यात्री कैसे आराम कर रहे थे? शौचालय मरम्मत करते समय उसे बंद क्यों नहीं किया गया था? निर्माणाधीन शौचालय के बाहर प्रवेश प्रतिबंध का बोर्ड क्यों नहीं लगाया गया? पूरे मामले में इंजीनिय¨रग विभाग के अधिकारी दोषी हैं। जब वे पटना जंक्शन जांच करने पहुंचते हैं उस वक्त उन्हें यह क्यों नहीं दिखाई देता है कि शौचालय का बेस कमजोर है अथवा मजबूत है। ठेकेदार अपने मन से सुरक्षा व संरक्षा की अवहेलना कर काम कराते रहते हैं। कोई भी अधिकारी इसकी जांच करने नहीं पहुंचते हैं। वीडियोग्राफी में इस तरह का कोई बोर्ड देखने को नहीं मिला है। दीवार गिरने के कारण उनके कमर के नीचे का हिस्सा पूरी तरह बर्बाद हो गया है। कमर और जांघ के बीच कुछ पता ही नहीं चल रहा है। घटनास्थल पर ही उनका 12023 हावड़ा-पटना जनशताब्दी एक्स. का टिकट भी मिला है। इसे केस के आइओ को सुपुर्द कर दिया गया है। मृतक पश्चिम बंगाल में कारा सेवा से सेवानिवृत्त हुए हैं। वे अपने सेवानिवृत्ति लाभ से संबंधित कार्य के लिए कोलकाता गए थे। वहां से 11 बजे के आसपास पटना जंक्शन लौटे थे। रात होने के कारण वे वेटिंग रूम में ही रह गए थे। सुबह में अन्य यात्रियों को शौच जाते देख वह भी शौच करने चले गए थे। निर्माण के दौरान दीवार गिरना ही घोटाले को उजागर करता है। जिन-जिन रेल अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है उनसे पूछताछ के लिए सम्मन जारी किया जाएगा।
इधर, रेल अधिकारियों ने बताया कि मृतक के परिजन को 15000 रुपये एक्स-ग्रेशिया राशि दी गई है। मुआवजे के लिए उनके परिजन को रेलवे क्लेम्स ट्रिब्यूनल में अपील करनी होगी। यहां से अधिकतम आठ लाख रुपये की राशि बतौर मुआवजा दी जा सकती है। इस मामले में कनीय अभियंता को निलंबित किया गया है। प्रथमदृष्टया उनकी लापरवाही देखने को मिली थी। मामले की जांच की जा रही है। जो भी अधिकारी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।