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काेरोना ने बदल दी पुलिसिया कार्यशैली: थाने में अब गूंजता है- सोनुआ का हाथ धुलाओ, तब डालना हाजत में...

पटना ही नहीं पूरे राज्य में कोरोना संक्रमण की वजह से पुलिस की कार्यशैली बदली दिखाई देती है। पुलिस बदमाशों को पकडऩे में सारे एहतियात बरत रही है जिससे वह खुद संक्रमित न हो पाए।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 10:12 PM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 10:12 PM (IST)
काेरोना ने बदल दी पुलिसिया कार्यशैली: थाने में अब गूंजता है- सोनुआ का हाथ धुलाओ, तब डालना हाजत में...
काेरोना ने बदल दी पुलिसिया कार्यशैली: थाने में अब गूंजता है- सोनुआ का हाथ धुलाओ, तब डालना हाजत में...
पटना, प्रशांत कुमार। 'अरे सोनुआ, नाक में काहे उंगली डाल रहा है। अभी न मना किए थे। पहले इसको साबुन से अच्छा से हाथ धुलाओ, तब हाजत में भेजना। और, एक मास्क भी दो। सोनुआ, मुंह बांधे रहेगा। छिंका या खांसा बिना मास्क लगाए त छाती के बाती तोड़ देंगे।' ये संवाद शनिवार की सुबह जक्कनपुर थाने में हवलदारों और बैटरी चोरी के आरोप में गिरफ्तार सोनू के बीच का है। कोरोना के कारण करीब-करीब सभी थानों में यही देखने को मिल रहा है। 
 
सैनिटाइज करो, फिर गाड़ी पर बैठाओ

राजधानी पटना ही नहीं पूरे राज्य में कोरोना संक्रमण की वजह से पुलिस की कार्यशैली बदली दिखाई देती है। पुलिस बदमाशों को पकडऩे में वह सारे एहतियात बरत रही है जिससे वह खुद कोरोना संक्रमित न हो पाए। छापेमारी दस्ते को निर्देश है कि बदमाशों को घेरकर पकड़ा जाए। गाड़ी में बिठाने से पहले हाथ-पैर सैनिटाइज कराए जाएं। चेहरे पर मास्क लगाए जाएं। थाने में उनके हाथों को साबुन से आधा मिनट तक धुलाने के बाद ही हवालात में बंद किया जा रहा है। अगर उसमें पहले से दो-तीन बंदी हैं तो सभी को शारीरिक दूरी का पालन करना है।

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वायरस ने किया नाक में दम
कोरोना संक्रमण ने पुलिस की नाक में दम कर रखा है। थानेदारों का कहना है कि आरोपित को थाने में लाने के बाद उसकी एक महीने की ट्रेवल हिस्ट्री नोट करते हैं। जेल भेजने से पहले कोरोना जांच के लिए अस्पताल भेजा जाता है। जांच रिपोर्ट आने में चार घंटे लगते हैं। तब तक जवान उसे अलग बैठाकर वहीं रहते हैं। रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही मजिस्ट्रेट के सामने प्रस्तुत कराया जाता है। 
 

क्वारंटाइन जेल

फुलवारीशरीफ अनुमंडल कारा को जेल प्रशासन ने क्वारंटाइन जेल बना दिया है। हालांकि यह व्यवस्था पुरुष बंदियों के लिए ही है। महिला बंदियों को पटना सिटी अनुमंडल कारा में क्वारंटाइन किया जाता है। न्यायालय से भेजे गए सभी नए बंदियों को पहले 14 दिनों तक यहां रखने के बाद अन्य जेलों में शिफ्ट किया जाता है। एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा कहते हैं कि कोरोना से बचाव के निर्देशों का सतत अनुपालन किया जा रहा है। जांच के बाद डॉक्टर जो निर्देश देते हैं, कोर्ट से आदेश लेकर उसका पालन किया जाता है। 

 
खास बातें
  • कोरोना की वजह से अब थाने में पकड़ कर लाए गए अपराधियों को किया जाता है सैनिटाइज 
  • बदल गया पुलिस के कामकाज का तरीका, बदमाशों को जेल भेजने से पहले जांच
  • घुड़की भी दी जाती 'छिंका या खांसा बिना मास्क लगाए त छाती के बाती तोड़ देंगे'

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