इंतजार में कैंटीन, स्वदेशी सामान आया न सूची
अर्द्धसैनिक बलों की कैंटीन में स्वदेशी उत्पादों की बिक्री को लेकर ऊहापोह है।
पटना/मोकामा। अर्द्धसैनिक बलों की कैंटीन में स्वदेशी उत्पादों की बिक्री को लेकर ऊहापोह की स्थिति है। एक जून से कैंटीन में सिर्फ स्वेदशी उत्पादों की बिक्री का निर्देश तो आ गया मगर अब तक न स्वदेशी सामान की सूची आई और न नया सामान। बहरहाल, अभी पुरानी स्थिति ही कायम है।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की मोकामा में मास्टर कैंटीन है। इस कैंटीन से ही पटना की तीन सीआरपीएफ कैंटीन में सामान आता है। अभी तक मोकामा की कैंटीन में ही स्वदेशी सामग्रियों की सूची नहीं पहुंच पाई है।
केंद्र के प्रभारी डीआइजी सह कैंटीन इंचार्ज अनिल कुमार मिंज ने बताया कि स्वदेशी सामग्रियों की बिक्री का विभागीय आदेश तो आया है, मगर अलग से कोई भी स्वदेशी सामग्रिया अभी तक नहीं भेजी गई हैं। पहले से बिक्री के लिए आई सामग्रियों के संदर्भ में कोई स्पष्ट दिशा निर्देश भी नहीं मिल पाया है। इसके कारण असमंजस की स्थिति है। स्वदेशी सामग्रियों के आने व उनके स्वदेशी अथवा विदेशी होने के स्पष्ट दिशा निर्देश के बाद ही इस मुद्दे पर कुछ बताया जा सकता है। लॉकडाउन के दौरान स्वजनों को सुविधा नहीं
पटना की सीआरपीएफ कैंटीन में भी अभी पूर्ववत स्थिति है। लॉकडाउन के कारण अभी पुराना स्टॉक ही खत्म नहीं हो पाया है। सीआरपीएफ के सीआरओ जितेंद्र कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान बाहर से आने वाले स्वजनों आदि के लिए कैंटीन बंद है। केवल परिसर में रहने वाले जवान ही खरीदारी कर सकते हैं।
कैंटीन के संचालक के अनुसार, 28 मई को सिर्फ स्वदेशी उत्पाद बिक्री का आदेश आने के बाद जवानों ने कुछ दिनों तक अधिक खरीदारी की। उन्हें लगा कि कई उत्पादों की बिक्री अब बंद हो जाएगी। हालांकि अब तक स्वदेशी उत्पाद को लेकर स्पष्ट निर्देश या सूची नहीं मिलने के कारण पहले की तरह बिक्री जारी है।