Move to Jagran APP

बिहार क्रिकेट में सीएबी ने भी दावा ठोका

बिहार को क्रिकेट के मुख्य धारा में लौटने में भले ही पांच माह का समय शेष है, लेकिन आरोप-प्रत्यारोप और कुर्सी का खेल अभी से ही शुरू हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 May 2018 07:04 PM (IST)Updated: Fri, 04 May 2018 07:04 PM (IST)
बिहार क्रिकेट में सीएबी ने भी दावा ठोका
बिहार क्रिकेट में सीएबी ने भी दावा ठोका

पटना। बिहार को क्रिकेट के मुख्य धारा में लौटने में भले ही पांच माह का समय शेष है, लेकिन आरोप-प्रत्यारोप और कुर्सी का खेल अभी से ही शुरू हो गया है। एक ओर जहां, बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) अपने खिलाफ आवाज उठाने वाले का निलंबन कर मुंह बंद करने की कोशिश कर रहा है तो वहीं, सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ बिहार को रणजी का हक दिलाने वाले क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार (सीएबी) ने भी दावा ठोक दिया है। शुक्रवार को यूथ हास्टल में आहूत संवाददाता सम्मेलन में सीएबी सचिव आदित्य वर्मा ने साफ तौर पर अपने खिलाफ जाने वालों को संकेत दिए कि वे कोई मुगालते में न रहे कि बिहार में क्रिकेट चलाने के लिए हम ही सर्वेसर्वा हैं। दौड़ में हम भी में हैं और हमारी संस्था क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार इसके लायक है। हमलोग क्रिकेट चलाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। वर्मा ने कहा कि अबतक खिलाड़ियों को हमारी संस्था द्वारा कराए जा रहे आयोजनों में खेलने से रोका जाता था पर एक मई को जो आदेश आया है, उसके बाद किसी ने रोकने का प्रयास किया तो हम चुप नहीं बैठेंगे।

loksabha election banner

दिग्गज क्रिकेटरों के नाम पर 8 मई से क्रिकेट टूर्नामेंट : उन्होंने कहा कि 8 से दस मई तक हम एक टूर्नामेंट का आयोजन कराने जा रहे हैं, जिसमें चार टीमें दिग्गज क्रिकेटरों के नाम पर खेलेंगी। अगर इस टूर्नामेंट में भाग लेने से किसी को रोका गया तो वे अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहेंगे। उन्होंने कहा कि बिहार में क्रिकेट की पूर्ण मान्यता की बहाली में सबसे बड़ा अड़ंगा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के वर्तमान कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी हैं। वे कभी नहीं चाहते हैं कि बिहार के क्रिकेटर आगे बढ़ें। उन्होंने बहुत ही घालमेल कर बिहार क्रिकेट संघ के नाम से पहले राची में एक संस्था का रजिस्ट्रेशन कराया और बाद में उसका नाम बदल कर झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन कर लिया। ऐसे में अगर बीसीए है तो जेएससीए नहीं और अगर जेएससीए तो बीसीए नहीं।

एक नाम से दो जगह से निबंधन नहीं हो सकता : ऐसे भी बिहार क्रिकेट एसोसिएशन का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है और एक नाम से दो जगह से अब रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकता है। बीसीसीआइ से पूर्ण मान्यता के लिए सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट से निबंधन जरूरी है इसीलिए सीएबी पूरी तरह से इसके लिए तैयार है।

मोइनुल हक स्टेडियम को बीसीए को दिए जाने पर एतराज : संघ के कार्यकारी अध्यक्ष प्रेमरंजन पटेल ने कहा कि सीएबी हमेशा राज्य के क्रिकेटरों की हित की लड़ाई लड़ा है। उन्होंने मोइनुल हक स्टेडियम को बीसीए को देने पर एतराज जताया। उन्होंने कहा कि गैर निबंधित संस्था को सरकार अपनी इतनी बड़ी संपत्ति कैसे सौंप सकती है। साथ ही जिस संस्था में रोज झगड़े होते रहते हैं उसका क्या ठौर ठिकाना। संवाददाता सम्मेलन में सीएबी के अधिवक्ता चंद्रशेखर वर्मा, क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ नालंदा के सचिव मुहम्मद अरशद जैन, मुहम्मद जुल्फी (भागलपुर), ऋषि (बेगूसराय), आलमगीर (मुजफ्फरपुर, पॉल इस्माइल (छपरा), रीतेश बबलू (सिवान), अताउर रहमान (मुंगेर), संजय कुमार मंटू (पटना), नीरज वर्मा, सचिन मौजूद थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.