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CAA Bihar Protest News: बिहार बंद में जगह-जगह गुंडई; पटना में मीडिया पर भी हमला

CAA Bihar Protest News बिहार में आरजेडी का बिहार बंद जगह-जगह हिंसक रहा। आंदोलनकारियों ने सड़क व रेल जाम कर दिया।

By Amit AlokEdited By: Published: Sat, 21 Dec 2019 07:52 AM (IST)Updated: Sun, 22 Dec 2019 02:52 PM (IST)
CAA Bihar Protest News: बिहार बंद में जगह-जगह गुंडई; पटना में मीडिया पर भी हमला
CAA Bihar Protest News: बिहार बंद में जगह-जगह गुंडई; पटना में मीडिया पर भी हमला

पटना [जागरण टीम]। CAA Bihar Protest News: नागरिकता संशोधन कानून एवं राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में राष्‍ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने शनिवार को बिहार बंद किया। सुबह से ही बंद का असर दिखने लगा था। महागठबंधन के सहयोगी दलों एवं वाम दलों ने भी आरजेडी के बंद का समर्थन किया।  बंद के दौरान जगह-जगह हिंसा हुई। उपद्रवी तत्‍वों ने मीडियाकर्मियों को भी नहीं छोड़ा।

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इसके पहले बंद की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को आरजेडी की ओर से राजधानी पटना समेत सभी जिलों, प्रखंडों एवं कस्बों में मशाल जुलूस निकाले गये। बंद को लेकर आरजेडी नेता व बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव ने प्रशासन को चेतावनी दी थी कि अगर उसने आरजेडी समर्थकों को नुकसान पहुंचाया तो अंजाम बुरा होगा, लेकिन बंद के दौरान आरजेडी कार्यकर्ता ही जगह-जगह हिंसा पर उतर गए।

पटना के फुलवारीशरीफ में भिड़ गए दो पक्ष 

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) एवं राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में शनिवार को विपक्षी दल राजद के बिहार बंद के दौरान राजधानी पटना के फुलवारीशरीफ में दो पक्ष भिड़ गए। देर तक रोड़ेबाजी, फायङ्क्षरग हुई और छुरे चले। गोली लगने और रोड़ेबाजी में दोनों पक्षों के एक दर्जन लोग घायल हो गए। इनमें दो की हालत गंभीर है। दो पुलिस जवानों को अस्पताल में दाखिल कराया गया है। अन्य घायलों का भी एम्स पटना, पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल और निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है। दोपहर बाद से फुलवारीशरीफ पुलिस के आला अधिकारी कैंप कर रहे हैं। पूरे पटना और आसपास के जिलों में बंद असरदार रहा। इस दौरान दुकानें बंद कराई गईं। सड़कों पर आगजनी की गई और ट्रेनें रोकी गईं। 

पुलिस ने रोका तो धार्मिक स्थल में घुस कर तोडफ़ोड़  

स्थानीय लोगों और पुलिस के अनुसार फुलवारीशरीफ में विभिन्न संगठनों के लोग अलग-अलग टुकडिय़ों में शहीद चौक से नारेबाजी करते जुलूस की शक्ल में निकले। भीड़ में उपद्रवी और असामाजिक तत्व भी थे। सभी टमटम पड़ाव पर पहुंचने के बाद संगतपर मोहल्ले से आगे बढऩे पर अड़ गए। विवाद बढ़ा तो एक धार्मिक स्थल पर तोडफ़ोड़ कर दी। दूसरे पक्ष के लोगों ने एक युवक को पकड़ लिया और पिटाई करने लगे। थोड़ी देर में ही दोनों ओर से पथराव होने लगा। इस बीच एक युवक को लोगों ने चाकू मार घायल कर दिया। देखते ही देखते दोनों तरफ से फायङ्क्षरग होने लगी। 50 राउंड से अधिक फायरिंग हुई। एक दर्जन लोगों को गोली लगी। जैसे-तैसे लोग घायलों को नजदीकी अस्पताल में ले गए। घटना के एक घंटे बाद डीएम कुमार रवि और एसएसपी गरिमा मलिक दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। उपद्रवियों पर काबू पाने के लिए 250 राउंड से अधिक आंसू गैस के गोले छोड़े गए। शाम को एम्स पटना में भर्ती घायलों का जायजा लेने के लिए उद्योग मंत्री श्याम रजक और पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय पहुंचे।

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डाकबंगला चौराहे पर जमकर उत्‍पात

राजद के बिहार बंद के दौरान समर्थकों ने पटना के डाकबंगला चौराहे पर उत्पात के क्रम में मीडियाकर्मियों पर जानलेवा हमला किया। उनके कैमरे और ओबी वैन के शीशे तोड़ डाले। लोग बंद की आड़ में उपद्रव के लिए ही रॉड, धारदार हथियार, लाठी, डंडे और  पिस्टल से लैस होकर चौराहे पर पहुंचे थे। इसमें कुछ लोग ऐसे थे जो शुरू से ही मीडिया के पीछे लगे थे। फब्तियां कस रहे थे। बेवजह उलझने की कोशिश कर रहे थे। एक अखबार के फोटोग्राफर अनिल कुमार से उलझ गए। पिस्टल सटा दी। 

  

तब मीडियाकर्मी सीढ़ी से उतर ही रहे थे

जैसे ही पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का भाषण खत्म हुआ ये लोग मीडियाकर्मियों पर टूट पड़े। डाकबंगला चौराहे के पास पालसंस केकशॉप वाली बिल्डिंग के छत पर विभिन्न चैनल और अखबार के फोटोग्राफर और पत्रकार न्यूज कवर करने पहुंचे थे। न्यूज कवर कर नीचे उतर रहे लोगों पर उन लोगों ने रॉड- डंडे से हमला कर दिया। इसमें दैनिक जागरण के फोटोग्राफर दिनेश कुमार भी बुरी तरह जख्मी हो गए। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। सिर में कई टांके लगाने पड़े। वहीं अंग्रेजी अखबार के फोटोग्राफर केएम शर्मा की भी पिटाई कर दी। उन्हें भी अस्पताल भेजा गया।

 सीसीटीवी और वीडियो फुटेज से हो रही शिनाख्‍त

एक राष्ट्रीय न्यूज चैनल के पत्रकार प्रकाश को लोगों ने घेरकर पीटा। कैमरा सड़क पर पटककर तोड़ दिया। वहीं एक राष्ट्रीय न्यूज चैनल के ओबी वैन के शीशे तोड़ दिए। इतने पर भी वे नहीं मानें। छत पर मौजूद पत्रकारों पर हमला करने के लिए ऊपर जाने लगे। जो भी मीडियाकर्मी उन्हें मिला उसकी पिटाई करने लगे। कई फोटोग्राफरों ने शौचालय में छिपकर जान बचाई। बिल्डिंग में मौजूद एक व्यक्ति ने सीढ़ी रूम को अंदर से बंद कर दिया। इतने में किसी ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी। सिटी एसपी विनय तिवारी समेत अन्य पुलिसकर्मी वहां पहुंचे। पुलिस को आते देख उपद्रवी भाग निकले। थानाध्यक्ष कोतवाली रामशंकर ने कहा कि हमला करने और भीड़ को उकसाने वाले बदमाशों की शिनाख्त सीसीटीवी और वीडियो फुटेज से की जा रही है। कुछ लोगों की पहचान हो चुकी है। उन्हें दबोचने को पुलिस छापेमारी कर रही है। 

 आगजनी काे देखें वीडियो में 

तेजस्वी ने कहा था, शांतिपूर्ण प्रदर्शन होगा

तेजस्वी यादव ने खुद को गांधीवादी बताते हुए बंद के शांतिपूर्ण रहने का दावा किया था। उन्‍होंने प्रशासन को चेताया था कि उन्‍हें शांतिपूर्ण विरोध करना है, फिर भी पुलिस ने अगर बल प्रयोग किया या आरजेडी समर्थकों को नुकसान पहुंचाया तो अंजाम बुरा होगा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विरोध करने का सबको अधिकार है। सत्ता में बैठे लोगों को तय करना है कि वे कैसे प्रबंध करते हैं। तेजस्वी ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून असंवैधानिक और मानवता के खिलाफ है। इसने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी के विभाजनकारी चरित्र को उजागर किया है। लेकिन बंद के दौरान जगह-जगह उत्‍पात व हिंसा ने उनके दावे को खोखला साबित किया है।

मशाल जुलूस में शामिल हुए वरिष्ठ नेता

इसके पहले बंद की पूर्व संध्‍या पटना में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में मशाल जुलूस और पैदल मार्च निकाला गया। इसमें आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह, प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, शिवानंद तिवारी, अब्दुल बारी सिद्दीकी, चितरंजन गगन, कांति सिंह, शिवचंद्र राम, देवमुनी यादव एवं कारी सोहैब समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता एवं विधायक शामिल थे। जुलूस राजद के प्रदेश कार्यालय से निकलकर आयकर चौराहा, डाकबंगला चौराहा, स्टेशन होते हुए जीपीओ गोलंबर के पास समाप्त हुआ। वहां सभा को संबोधित करते हुए डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह ने लोगों से बंद को समर्थन और सहयोग देने की अपील की।

बंद के दायरे में सभी सामान्य संस्थान

सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान, शिक्षण संस्थान, सिनेमा हॉल, पेट्रोल पंप, सिटी बसें, टेंपो, ऑटो, बड़े वाहन, निजी गाडिय़ां आदि।

बंद से आपातकालीन सेवाएं मुक्त

दवा दुकानें, अस्पताल, जांच घर, एंबुलेंस, शवों एवं मरीजों के वाहन एवं अन्य प्रमुख आपातकालीन सेवाएं आदि।

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