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ट्रेन में पकड़े गए 32 'बेटिकट', इस बार यात्री नहीं थे रेलवे के दुश्मन चूहे

ट्रेन में चूहों से हो रही परेशानी को देखते हुए रेलवे ने अभियान चलाकर इन्हें पकड़ा। इस दौरान करीब 32 चूहे राजधानी एक्सप्रेस में मिले।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Thu, 27 Dec 2018 01:09 PM (IST)Updated: Thu, 27 Dec 2018 01:09 PM (IST)
ट्रेन में पकड़े गए 32 'बेटिकट', इस बार यात्री नहीं थे रेलवे के दुश्मन चूहे
ट्रेन में पकड़े गए 32 'बेटिकट', इस बार यात्री नहीं थे रेलवे के दुश्मन चूहे

पटना, जेएनएन। ये जरूरी नहीं कि ट्रेन में केवल टिकट चेक करने के लिए ही धर-पकड़ की जाए। अभियान चूहों को पकड़ने के लिए भी चलाया जा सकता है। राजधानी एक्सप्रेस में बुधवार को एेसी ही नजारा देखने को मिला। चूहों की शामत थी। बड़ी संख्या में टीम पहुंची और करीब 32 बेटिकट चूहे पकड़े गए।

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राजधानी एक्सप्रेस समेत प्रमुख ट्रेनों में चूहों द्वारा यात्रियों के सामान काटने की घटनाओं पर दैनिक जागरण खबर आने के बाद रेलवे प्रशासन सक्रिय हो गया। बुधवार को दानापुर मंडल प्रबंधन की ओर से राजेन्द्रनगर कोचिंग कांप्लेक्स के वाशिंग पिट पर ही रेलवे की ओर से अभियान चलाकर राजधानी एक्सप्रेस की विभिन्न बोगियों से 32 चूहे पकड़े गए।

चूहों से यात्री थे परेशान

ज्ञात हो कि राजधानी एक्सप्रेस, संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस, पटना-हटिया एक्सप्रेस, राजेन्द्रनगर हावड़ा एक्सप्रेस, श्रमजीवी एक्सप्रेस, कैपिटल एक्सप्रेस समेत अन्य ट्रेनों में चूहों के आतंक से यात्री परेशान हैं। दैनिक जागरण ने यात्रियों की इस परेशानी को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था।

पटना जंक्शन पर अधिक समस्या

इस संबंध में कांप्लेक्स में तैनात एक कनीय अधिकारी ने नाम न आने की शर्त पर बताया कि राजधानी व संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस में चूहों के 'आतंक की शिकायतें मिल रही थीं। बुधवार को मंडल मुख्यालय से निर्देश मिलने के बाद व्यापक रूप से अभियान चलाया गया। कोचिंग कांप्लेक्स में भी काफी संख्या में चूहे हैं। उन्हें पकडऩे के लिए अभियान चलाया गया है। एक सप्ताह के अंदर राजधानी व संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस से तमाम चूहों को पकड़ लिया जाएगा। सबसे अधिक परेशानी पटना जंक्शन व पंडित दीनदयाल जंक्शन पर हो रही है। इन दोनों स्टेशनों पर काफी संख्या में बड़े-बड़े चूहे हैं जो ट्रेन के रुकते ही भोजन के बचे टुकड़े खाने के लिए कोच में चढ़ जाते हैं। इसमें छिप जाते हैं। बाद में ये यात्रियों के सामान में भी भोजन तलाशते हैं और इसे कुतर देते हैं।


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