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दानापुर के स्वर्ण कारोबारी की हत्या कर मोतिहारी में फेंक दिया था शव, अंतिम संस्कार के बाद पुलिस को हुई खबर

दानापुर से 10 जनवरी को अपहृत हुए मां अलंकर ज्वेलर्स के मालिक मुकेश गुप्ता उर्फ डब्लू का शव मोतिहारी से बरामद हुआ।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 01:13 AM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 01:13 AM (IST)
दानापुर के स्वर्ण कारोबारी की हत्या कर मोतिहारी में फेंक दिया था शव, अंतिम संस्कार के बाद पुलिस को हुई खबर
दानापुर के स्वर्ण कारोबारी की हत्या कर मोतिहारी में फेंक दिया था शव, अंतिम संस्कार के बाद पुलिस को हुई खबर

पटना। दानापुर से 10 जनवरी को अपहृत हुए मां अलंकर ज्वेलर्स के मालिक मुकेश गुप्ता उर्फ डब्लू की हत्या उसी रात अपराधियों ने कर दी थी। 11 जनवरी की सुबह ही मोतिहारी में उनका शव मिला था मगर शिनाख्त नहीं होने के कारण पुलिस ने 72 घंटे के बाद उनका अंतिम संस्कार कर दिया। अब जब हत्या के मामले में पुलिस ने तीन अपराधियों को पकड़ा है, तब पटना पुलिस और परिजनों को इस बात की जानकारी हुई है। स्वर्ण व्यवसायी के अपहरण के बाद हत्या किए जाने से स्वजनों के साथ स्वर्ण कारोबारियों में भी आक्रोश हैं। स्वजनों का दुख इसलिए भी ज्यादा है कि उन्हें स्वर्ण कारोबारी का अंतिम दर्शक तक नहीं हो सका।

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मामले में पकड़े गए मुंगेर के धरहरा थाना क्षेत्र के रामाशीष कुमार उर्फ आशीष ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि सोना गिरवी रखने के बाद पैसे के लेनदेन को लेकर उसका कारोबारी से विवाद चल रहा था। आशीष ने पहले विश्वास में लेकर कारोबारी को फोन कर गोला रोड बुलाया और उसे स्कॉर्पियो में उठा लिया। कारोबारी से करीब पौने दो लाख रुपये के गहने भी मंगवाए। गहने मिलने के बाद आशीष और उसके साथियों ने ही कारोबारी की गला दबा हत्या कर दी।

आशीष अपने तीनों साथियों के साथ स्कॉर्पियो में ही शव लेकर मोतीहारी पहुंचा और चिरैया में ठिकाने लगा दिया। चिरैया थाने की पुलिस ने शनिवार की सुबह शव को बरामद किया और अज्ञात के विरूद्ध हत्या का केस दर्ज कर 72 घंटे तक स्वजनों का इंतजार किया। फिर शव का दाह संस्कार कर दिया गया।

तीन अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद पटना पुलिस ने बुधवार की देर रात मोतिहारी पुलिस से संपर्क किया तब जाकर फोटो से मृतक कारोबारी की पहचान हुई। एसएसपी उपेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि आशीष के साथ वारदात में शामिल दो आरोपित आलमगंज निवासी अमन कुमार और बुद्धा कॉलोनी निवासी राजेश कुमार को भी गिफ्तार किया गया है। इनके पास से स्वर्ण कारोबारी से मंगाए गए करीब डेढ़ लाख के गहनों के साथ तीन पिस्टल व 33 जिंदा कारतूस और घटना में इस्तेमाल मोबाइल भी बरामद कर लिया गया है। स्कॉर्पियो और एक अन्य आरोपित की तलाश में दबिश दी जा रही है। जेवर का नमूना दिखाने के बहाने बुलाया

वर्तमान में आशीष गोला रोड में नागेंद्र सिंह के मकान में किराएदार है। पुलिस की पूछताछ में आशीष ने बताया कि कुछ माह पूर्व उसने कारोबारी के पास सोने की चेन गिरवी रखकर कुछ रकम उधार ली थी। उसने आरोप लगाया कि पैसे देने के बाद भी चेन नहीं मिल रही थी। इसके बाद उसने बदला देने के लिए तीन साथियों के साथ मिलकर हत्या की योजना बनाई। शुक्रवार को उसने अनजान नंबर से स्वर्ण कारोबारी को फोन किया और शादी में उपहार देने के लिए ऑर्डर देने एवं नमूना दिखाने को लेकर सगुना मोड़ स्थित अपने घर पर बुलाया। जैसे ही कारोबारी अपनी बाइक से वहां पहुंचे, आशीष ने उन्हें स्कॉर्पियो में बुलाकर बैठा लिया। कारोबारी ने दबाव में मंगवाए थे गहने

स्कॉर्पियो में सवार आशीष और उसके साथियों के दबाव पर कारोबारी ने अपने मोबाइल से शुक्रवार दोपहर करीब तीन बजे अपने भाई को फोन किया। बोला कि एक भइया को भेज रहा हूं, उनको चार झुमका, चार मंगलसूत्र एवं चार अंगूठी दे देना। करीब आधा घंटे बाद आशीष का साथी कारोबारी की बाइक लेकर उसके भाई राकेश के पास गया। कारोबारी के भाई ने उस आदमी को करीब पौने दो लाख के गहने दे दिए। इसके बाद कारोबारी का मोबाइल बंद हो गया। कारोबारी देर शाम तक घर नहीं लौटा। पुलिस का दावा है कि कारोबारी के घर वालों ने शनिवार की सुबह दानापुर में अपहरण की प्राथमिकी दर्ज कराई। कॉल डिटेल से पकड़े गए अपराधी

पुलिस ने छानबीन शुरू की और पता किया कि शुक्रवार दोपहर में किन किन नंबरों से कारोबारी के पास फोन आया था। कारोबारी ने आखिरी बार कहां से फोन किया था उसका लोकेशन निकाला तो सगुना मोड़ की जानकारी मिली। कारोबारी के मोबाइल नंबर का डिटेल खंगालने पर आशीष का नंबर मिला और एक अन्य संदिग्ध नंबर मिला। आशीष का लोकेशन रूपसपुर मिला। पुलिस ने तब उसे नजरअंदाज कर दिया। बुधवार को पुलिस को जानकारी मिली कि संदिग्ध नंबर के सिमकार्ड को कोलकाता से खरीदा गया है और आइडी वहीं का है। लेकिन, उसका लोकेशन रूपसपुर मिल रहा था। जब पुलिस ने उक्त नंबर के आधार रूपसपुर में छापामारी की तो आशीष पुलिस के शिकंजे में आ गया। पूछताछ में बाद उसने सच उगल दिया।


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