बिहार में बिल्डरों की मनमानी, फ्लैट खरीदने वालों से वसूल रहे GST
बिहार में बिल्डर फ्लैट खरीदने वालों से जीएसटी वसूल रहे हैं, जबकि राज्य में ऐसा प्रावधान नहीं है। बड़ी बात यह है कि किसी भी फ्लैट खरीदार को जीएसटी वसूली की रसीद नहीं दी जा रही।
पटना [चंद्रशेखर]। राजधानी में बिल्डरों की मनमानी से फ्लैट खरीदार परेशान हैं। सूबे में वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू नहीं है। इसके बावजूद फ्लैट खरीदने वालों से 12 फीसद जीएसटी वसूला जा रहा है। एक फ्लैैट पर औसतन दो से चार लाख रुपये तक की वसूली की जा रही है। इससे भी बड़ी बात यह है कि किसी भी फ्लैट खरीदार को जीएसटी वसूली की रसीद नहीं दी जा रही। इसका खुलासा निबंधन विभाग में आ रही शिकायतों से हुआ है।
फ्लैट खरीदने वाले जब निबंधन कराते समय इसकी शिकायत कर्मचारियों व अधिकारियों से करते हैं तब उन्हें साफ तौर पर समझाया जाता है कि राज्य सरकार फिलहाल बिल्डरों से जीएसटी नहीं वसूल रही है। फ्लैट खरीदने वालों से जीएसटी वसूलने का कोई प्रावधान नहीं है। इधर, बिल्डरों का कहना है कि जब राज्य सरकार उनसे जीएसटी वसूलेगी तो वह इतनी मोटी रकम कहां से लाएंगे।
निबंधन विभाग से जुड़े एक कर्मचारी नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि प्रतिदिन एक-दो फ्लैट खरीदने वाले ग्राहक बताते हैं कि उनसे जीएसटी के नाम 12 फीसद टैक्स बिल्डर ले रहे हैं। इसकी रसीद उन्हें नहीं दी जा रही। महत्वपूर्ण बात यहै कि अभी तक कोई भी बिल्डर जीएसटी से निबंधित नहीं है। ऐसे में जब वे जीएसटी से निबंधित नहीं हैं तो ग्राहकों को रसीद कैसे देंगे।
निबंधन कर्मचारियों की मानें तो जीएसटी लागू होने के बाद से अब तक 200 से अधिक फ्लैट खरीदने वालों ने बिल्डर द्वारा जीएसटी के रूप में दो से चार लाख रुपये तक वसूलने का आरोप लगाया है। निबंधन विभाग की ओर से सारे खरीदारों को जीएसटी नहीं देने को कहा जाता है। अभी तक विभाग में फ्लैट के निबंधन पर जीएसटी लिए जाने की सूचना नहीं मिली है।