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बिहटा में बसपा नेता की गोली मारकर हत्या, दो नामजद गिरफ्तार

जीजे कॉलेज-किसुनपुर मुख्य मार्ग में बोरिग के समीप अज्ञात बदमाशों ने बसपा के नेता को गोली मार दी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 10 Apr 2019 08:42 PM (IST)Updated: Wed, 10 Apr 2019 08:42 PM (IST)
बिहटा में बसपा नेता की गोली मारकर हत्या, दो नामजद गिरफ्तार
बिहटा में बसपा नेता की गोली मारकर हत्या, दो नामजद गिरफ्तार

पटना (बिहटा) : जीजे कॉलेज-किसुनपुर मुख्य मार्ग में बोरिग के समीप अज्ञात बदमाशों ने बसपा के बिहटा प्रखंड के कोषाध्यक्ष जितेंद्र राम (33) की गोली मारकर हत्या कर दी। बुधवार की सुबह घर से टहलने के लिए निकले ग्रामीणों ने शव देखने के बाद परिजनों और पुलिस को घटना की जानकारी दी। सूचना मिलते ही सिटी एसपी अभिनव कुमार, दानापुर एएसपी अशोक मिश्र दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। घटनास्थल से पुलिस ने जितेंद्र की बाइक, सब्जी, मिठाइयों के अलावा कट्टा, 315 बोर का कारतूस और खोखा बरामद किया।

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जितेंद्र के पिता सह रिटायर्ड सेना जवान देवलाल राम ने बदौल निवासी मोहन कुमार एवं सतीश सिंह और लखनटोला निवासी मुकेश यादव पर हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई। पुलिस ने सीमावर्ती क्षेत्रों की नाकेबंदी कर मुकेश और सतीश को गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों से पूछताछ की जा रही है। उन्होंने अब तक जुर्म स्वीकार नहीं किया है। पुलिस साक्ष्य इकट्ठा करने के साथ ही सभी बिंदुओं पर छानबीन कर रही है।

: मोहन को आठ लाख दिया था कर्ज :

जितेंद्र ने मोहन को कर्ज के रूप में आठ लाख रुपये दिए थे। इसे लौटाने में वह आनाकानी कर रहा था। दो दिन पहले जब जितेंद्र ने उसपर दबाव बनाने को कॉल की तो उनके बीच बहस होने लगी। इस दौरान मोहन ने 24 घंटे के अंदर जान से मारने की धमकी दे डाली। हालांकि, जितेंद्र ने पुलिस से कोई शिकायत नहीं की थी। उनकी हत्या के बाद परिजनों ने पुलिस को धमकी के बारे में बताया। सूत्र बताते हैं कि जांच में जितेंद्र और मोहन के बीच जमीन बिक्री के हिस्से को लेकर विवाद की बात सामने आई। जितेंद्र, पटना नगर निगम में अनुबंध पर नौकरी भी करते थे।

: 28 जनवरी को दर्ज हुई अपहरण की फर्जी प्राथमिकी :

जितेंद्र के पिता ने 28 जनवरी को थाने में बेटे को अज्ञात बदमाशों के द्वारा अगवा करने की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। 24 घंटे तक जितेंद्र का कोई सुराग नहीं मिला, तब परिजन थाने पहुंचे थे। उनका मोबाइल भी स्विचऑफ बता रहा था। पुलिस उनका पता लगाने में जुटी ही थी कि चार दिन बाद वह स्वयं थाने पहुंच गए। इसके बाद पुलिस ने कोर्ट में उनका बयान दर्ज कराया, जिसमें जितेंद्र ने कहा था कि उनके मोबाइल की बैटरी समाप्त हो गई थी। वह कुंभ स्नान करने के लिए इलाहाबाद चले गए थे। इसके बाद पुलिस ने अपहरण को फर्जी बताते हुए जांच बंद कर दी थी। यही कारण रहा कि मंगलवार की रात घर नहीं लौटने पर परिजनों ने खोजबीन नहीं की, जबकि वह बाजार से सब्जी और मिठाई लाने की बात कहकर घर से निकले थे।

: रात्रि भोजन के बाद मिठाई की आदत बना काल :

जितेंद्र घर के इकलौते कमाने वाले सदस्य थे। वह तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। पूरे परिवार की जिम्मेदारी उनके ही कंधे पर थी, इसलिए पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता होने के साथ नौकरी और जमीन का भी कारोबार करते थे। 13 साल पहले उनकी शादी रनियातालाब थानान्तर्गत बराह की रहने वाली विभा से हुई थी। दंपती का एक बेटा हेमंत और बेटी सुहानी हैं। जितेंद्र को रात में भोजन के बाद मिठाई खाने की आदत थी। घर में मिठाई खत्म हो गई थी तो वह रात में ही बाजार के लिए निकल गए। यही आदत उनके लिए काल बन गई।

पति की हत्या की खबर सुनकर विभा बेसुध रह गई। वह बार-बार कह रही थी 'हे सूर्य भगवान! हमने क्या बिगाड़ा था, जो छठ के दिन ऐसी सजा मिली। मुझे उन्हें मिठाई लाने के लिए भेजना नहीं चाहिए था'। विभा की चीखें गांव में पसरे सन्नाटे को चीर रही थीं।

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: ये सवाल भी प्रासंगिक :

- मौके से बरामद कट्टा और जिंदा कारतूस हत्यारे का है या फिर धमकी मिलने के बाद सुरक्षा के लिए जितेंद्र गैर लाइसेंसी हथियार साथ लेकर गए थे? इसकी पुष्टि बैलिस्टिक जांच के बाद ही हो पाएगी।

- 27 जनवरी से पांच दिन तक घर में बगैर सूचना दिए लापता रहे जितेंद्र क्या सच में कुंभ स्नान करने गए थे? पुलिस ने उनके बयान को ही आधार मानकर जांच बंद कर दी। हो सकता है कि उन्होंने किसी के दबाव में पुलिस और न्यायालय में झूठा बयान दिया?

- रात्रि भोजन करने के बाद जितेंद्र अक्सर घर से बाहर नहीं जाते थे, फिर हत्यारों को कैसे पता चला कि उनके घर में मिठाई खत्म हो गई है और वह खरीदने के लिए रात में ही बाजार चले जाएंगे?

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दो नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि, अब तक वारदात के पीछे की पूरी कहानी स्पष्ट नहीं हो पायी है। कई बिंदुओं पर जांच चल रही है।

- अशोक मिश्रा, सहायक पुलिस अधीक्षक, दानापुर।


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