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बैंड बाजा बारात लेकर दूल्हे को ब्याहने पहुंची दुल्हन, हैरान होकर देखते रहे लोग

पटना में एक दुल्हन तैयार होकर रथ पर सवार हुई और बैंड बाजा बारात के साथ जब दूल्हे को ब्याहने निकली तो लोगों के मुंह से निकला- भई वाह!

By Kajal KumariEdited By: Published: Sat, 24 Feb 2018 09:36 AM (IST)Updated: Sun, 25 Feb 2018 08:36 PM (IST)
बैंड बाजा बारात लेकर दूल्हे को ब्याहने पहुंची दुल्हन, हैरान होकर देखते रहे लोग
बैंड बाजा बारात लेकर दूल्हे को ब्याहने पहुंची दुल्हन, हैरान होकर देखते रहे लोग

पटना [जेेएनएन]। पटना में रथ पर सवार होकर दुल्हन जब अपने दूल्हे को ब्याहने गाजे-बाजे के साथ निकली तो देखने वालों की कतार लग गई। ये बरात जिस गली-मुहल्ले से निकली, सबकी नजर दुल्हन के रथ पर थी। आगे-आगे बैंड-बाजा और नाचते-गाते बाराती और उनके पीछे रथ पर सवार दुल्हन, एेसा नजारा देखकर लोगों के मुंह से निकला-वाह, दूल्हे को ब्याहने अब दुल्हन चली।

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महिला सशक्तीकरण का एक उदाहरण शुक्रवार की देर शाम नजर आया। बिना दहेज की शादी करने को दुल्हन स्नेहा रथ पर सवार होकर अपनी बरात लेकर निकाली तो देखने वाले अचरज में पड़ गए। दरअसल, मनेर टोला के रहने वाले नेवी सैनिक विनोद कुमार राय की बेटी स्नेहा का अंदाज बिल्कुल लड़कों जैसा था।

दुल्हन रथ पर सवार तो पीछे बराती चल रहे थे। मुंबई में पली-बढ़ी स्नेहा की सगाई मधुबनी के जयनगर में कोरैया के निवासी अनिल कुमार यादव से कुछ दिन पहले हुई थी। बेटे जैसा दुलार-प्यार देने वाले उसके मां-बाप की तमन्ना थी कि उसकी बेटी की भी बेटे जैसी बरात निकले। 

मुंबई में सहायक बैंक मैनेजर है स्नेहा

बरात निकालने वाली स्नेहा मुंबई में एक निजी बैंक में असिस्टेंट मैनेजर पद पर कार्यरत है। तीन बहनों में सबसे बड़ी है। दूसरी बहन विनीता पुणे से एमबीबीएस कर रही है और छोटी बहन विदुषी फैशन डिजाइनर है। वहीं दूल्हा अनिल कुमार यादव नेवी में लेफ्टिनेंट कमांडर पद पर नेवल डाकयार्ड, कोलाबा में तैनात है। 

मां ने दिए बेटों जैसे संस्कार

स्नेहा ने बताया कि मेरी मां ने हम तीनों बहनों को वही संस्कार दिए हैं, जो हमारे समाज में लड़कों को दिए जाते हैं। हम तीनों ने खुद अपनी मंजिल तय की, लेकिन मां-बाप की सहमति पर। मां समाज के पुराने रीति-रिवाजों को नहीं मानती हैं। पिता जी ने भी हमेशा हम बहनों को सामाजिक बंधनों से मुक्त रखा। 

सराह रहे थे गांव के लोग 

वर्षों पुरानी परंपरा को तोड़ दुल्हन जब बरात लेकर निकली तो पूरे परिवार व सगे-संबंधी गुलाबी रंग की पगड़ी सिर पर बांधे थे। बरात को देखने के लिए बड़ी संख्या में आसपास के लोग जुटे थे। बरात में महिलाएं भोजपुरी व पंजाबी गाने की धुन पर थिरकते हुए ठुमके लगा रही थीं। बरात मनेर का भ्रमण कर आठ बजे के बाद दानापुर आर्मी गेस्ट हाउस स्थित विवाह स्थल के लिए रवाना हुई। देर रात शादी संपन्न हो गई। 

बेटियों को ऊंची तालीम दिलाएं

स्नेहा के पिता विनोद कुमार ने बताया कि हमारी लड़की पढ़ी-लिखी होने के साथ जॉब में है, इसलिए लड़के वालों ने दहेज की डिमांड ही नहीं की। उन्होंने कहा कि माता-पिता अगर अपनी बेटियों को शिक्षित करें, तो शायद ही कोई दहेज मांगेगा। 


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