छपरा में निगरानी के हत्थे चढ़ा सदर अस्पताल का घूसखोर क्लर्क, 10 हजार रुपये के साथ गिरफ्तार
एक घूसखोर क्लर्क सोमवार की दोपहर में निगरानी की टीम द्वारा दबोच लिया गया। पटना से आयी निगरानी विभाग की टीम ने किरानी राकेश कुमार को घूस के रूप में लिए दस हजार रुपये के साथ गिरफ्तार किया।
जागरण संवाददाता, छपरा : छपरा सदर अस्पताल के उपाधीक्षक कार्यालय में कार्यरत एक घूसखोर क्लर्क सोमवार की दोपहर में निगरानी की टीम द्वारा दबोच लिया गया। पटना से आयी निगरानी विभाग की टीम ने किरानी राकेश कुमार को घूस के रूप में लिए दस हजार रुपये के साथ गिरफ्तार किया। क्लर्क के खिलाफ सदर अस्पताल छपरा में पदस्थापित व वर्तमान में राज्य स्वास्थ्य समिति पटना में प्रतिनियुक्त चिकित्सक डा संजीव रंजन ने चार दिन पहले निगरानी विभाग पटना के अधिकारियों से शिकायत की थी।
बताया जाता है कि चिकित्सक डा संजीव रंजन के बकाया लगभग तीन लाख रुपये के भुगतान से संबंधित फाइल को अग्रेतर कार्रवाई के लिए आगे बढ़ाने की एवज में 10 हजार रुपये की मांग की थी। निगरानी विभाग के वरीय अधिकारियों से मिल कर चिकित्सक ने बताया था कि एचआरए, एसीपी, परिवहन सहित अन्य मद की बकाया राशि लगभग तीन लाख रुपये के भुगतान पाने लिए आवश्यक दस्तावेज व विपत्र जमा कराया गया था। गिरफ्तार किरानी राकेश कुमार जानबूझकर फाइल आगे नहीं बढा रहे थे। इस एवज में उन्होंने 10 हजार रुपये की मांग की थी।
शिकायत मिलने के बाद कराया गया था सत्यापन
चिकित्सक डा संजीव रंजन से शिकायत प्राप्त करने के बाद निगरानी विभाग ने एक कनीय अधिकारी को छपरा भेजकर शिकायत का सत्यापन कराया। आरोप सत्य पाए जाने पर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक कार्यालय में छापेमारी के लिए रणनीति बनाई गई। छापेमारी कर उक्त घूसखोर किरानी को दबोचने के लिए निगरानी की टीम सुबह में ही छपरा पहुंच गई थी। फिर बातचीत कर शिकायतकर्ता के साथ ही टीम के सदस्य उपाधीक्षक कार्यालय पहुंचे। घूस के रूप में 10 हजार रुपये लेकर राकेश कुमार ने ज्योंही अपने पाकेट में रखा निगरानी की टीम ने उसे दबोच लिया। छापेमारी दल में शामिल निगरानी विभाग के डीएसपी अरुण पासवान, अरुणोदय पांडेय एवं सुजीत कुमार सागर, इंस्पेक्टर सत्येंद्र राम, मिथिलेश कुमार जायसवाल एवं श्याम बाबू प्रसाद, एसआइ संजय चतुर्वेदी, आशीष कुमार और देवीलाल श्रीवास्तव सहित पुलिस कर्मी शामिल थे।