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मुजफ्फरपुर का महापाप: साकेत कोर्ट में ब्रजेश की हुई पेशी, CBI ने SPP को किया नियुक्‍त

मुजफ्फरपुर के बालिका गृह यौन हिंसा मामले की सुनवाई दिल्‍ली के साकेत कोर्ट में बुधवार को हुई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यह मुकदमा बिहार से दिल्‍ली स्‍थानांतरित कर दिया गया है।

By Amit AlokEdited By: Published: Wed, 27 Feb 2019 11:19 AM (IST)Updated: Wed, 27 Feb 2019 03:29 PM (IST)
मुजफ्फरपुर का महापाप: साकेत कोर्ट में ब्रजेश की हुई पेशी, CBI ने SPP को किया नियुक्‍त
मुजफ्फरपुर का महापाप: साकेत कोर्ट में ब्रजेश की हुई पेशी, CBI ने SPP को किया नियुक्‍त

पटना [जेएनएन]। दिल्‍ली के साकेत कोर्ट में बुधवार को बिहार के चर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन हिंसा के मुकदमे की सुनवाई हुई। इस मामले में कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने सुनवाई के लिए स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर नियुक्त किया है. वकील अमित जिंदल को स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर (एसपीपी) बनाया है. अब इस मामले की सुनवाई दो मार्च से नियमित होगी। 

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वहीं सुनवाई के दौरान दिल्ली के साकेत कोर्ट में मुख्य आरोपी बृजेश ठाकुर समेत अन्य आरोपी भी पेश हुए. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सभी आरोपियों को चार्जशीट की कॉपी देने का आदेश दिया. साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि किसी भी हाल में नियमित सुनवाई को टाला नहीं जाएगा। 
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से यह मुकदमा बिहार के सीबीआइ कोर्ट से साकेत कोर्ट में स्‍थानांतरित कर दिया गया है। सुनवाई के दौरान मामले के मास्‍टर माइंड ब्रजेश ठाकुर सहित सभी गिरफ्तार आरोपितों की पेशी होगी। फिलहाल उन्हें दिल्‍ली की तिहाड़ जेल में रखा गया है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर स्‍थानांतरित हुआ मुकदमा
विदित हो कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन हिंसा का मुकदमा तो दिल्‍ली के साकेत कोर्ट में स्‍थानांतरित कर दिया गया, लेकिन सीबीआइ ने स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर (एसपीपी) की नियुक्ति नहीं की। पिछती सुनवाई के दौरान जब यह जानकारी दी गई ताे कोर्ट ने सीबीआइ को फटकार लगाई। कोर्ट ने सीबीआइ को निर्देश दिया कि वह दो दिनों के अंदर एसपीपी की नियुक्ति करे। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि 27 फरवरी निर्धारित की थी।
बिहार सरकार को सुप्रीम कोर्ट लगा चुका फटकार
इसके पहले बीते सात फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने बिहार की नीतीश कुमार सरकार को मामले में लापरवाही को लेकर फटकार लगाई थी। नाराज सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को बिहार से दिल्ली के साकेत कोर्ट में स्‍थानांतरित कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि कोर्ट चीफ सेक्रेट्री को भी यहां खड़ा किया जा सकता है।


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