ब्रजेश की मिस्ट्री वुमेन मधु के पति ने खोला राज, ब्रजेश ने उजाड़ दी मेरी दुनिया
मधु कुमारी ने पति चांद से लव मैरिज की थी लेकिन को 13 साल पहले छोड़ दिया था औऱ ब्रजेश ठाकुर का दामन थाम लिया था। वह देश के चर्चित रेडलाइट एरिया से जुड़ी थी और उसकी हनक चलती थी।
पटना [जेएनएन]। मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीड़न कांड में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर की राजदार और मिस्ट्री वुमन मधु के पति ने आज मीडिया के सामने बड़ा खुलासा किया है। पुलिस और सीबीआइ जिसकी तलाश कर रही उस मधु कुमारी के पति चांद ने कहा है कि मधु से मैंने लव मैरिज की थी। लेकिन 13 साल से उसका उससे कोई रिश्ता नहीं। उसने पहले ही उसे छोड़ दिया था। जबसे वह ब्रजेश की संगति में आई वह पारिवारिक जीवन छोड़ ब्रजेश का साथ निभा रही थी।
उसने बताया कि मधु मेरे नशे और ब्रजेश ठाकुर से नजदीकी के कारण मुझसे दूर हो गई। उसने ये भी कहा कि मधु कहां छिपी है इसकी जानकारी मुझे नहीं। उसने बताया कि उसकी पत्नी मधु ब्रजेश के बहुत करीब थी जिसकी वजह से उसका झगड़ा होता था। लेकिन मधु ने मुझे छोड़ ब्रजेश से गहरा संबंध बना लिया मुजफ्फरपुर में अपना घर बनाया।
देश की सभी चर्चित रेडलाइट एरिया से जुड़ी थी मधु
देश में चर्चित रेडलाइट एरिया मुंबई के कांमाठी पुरा, कोलकाता के सोनागाछी व दिल्ली के जीबी रोड से मधु का तार जुड़ा रहा। बालिका गृह यौन हिंसा मामले में मधु का नाम आने के बाद रेडलाइट एरिया के चौक-चौराहे पर इसकी चर्चा है। पुलिस-प्रशासन के लोग इस इलाके में चौकसी रखे हैं। मधु व उसके सहयोगी की कुंडली तैयार की जा रही है। कभी भी उसके सहयोगियों से पूछताछ हो सकती है।
मधु को जाननेवालों की मानें तो लालटेनपट्टी उजडऩे के बाद इस इलाके में दूसरे रेडलाइट एरिया से आनेवाले संदिग्ध लोगों का एक तरह से मधु के कार्यालय में दरबार लगता रहा। बालिका गृह मामला तूल पकडऩे से एक सप्ताह पहले तक वहां बालिका सुधार गृह का कार्यालय सुबह व शाम खुलता रहा।
पुलिस की दबिश बढ़ी तो वहां से कुछ बोर्ड को हटा दिया गया। पुलिस के गलियारे में चर्चा है कि कुछ दिन पहले दिल्ली से एक वांछित महिला ने भी यहां मधु की देखरेख में ठिकाना इस इलाके में बनाया है। चर्चा इस बात की भी है कि बालिका गृह की जो लड़की लापता है, वह किसी रेडलाइट एरिया में तो नहीं पहुंच गई। अब तो जांच आगे बढ़ेगी तो पता चलेगा कि उसकी हकीकत क्या है?
मधु की हनक से रहती थी सबकी जुबान बंद
मधु की हनक इतनी रही कि इस इलाके में कोई उनके खिलाफ जुबान नहीं खोलता था। ब्रजेश ठाकुर का संरक्षण मिलने के कारण अखबार व प्रशासन की शक्ति उसको मिल रही थी। वह पूरी हनक के साथ किसी भी सरकारी दफ्तर में जाती तथा अपनी बात को रखती थी।