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पढ़ाकुओं के लिए कल से सजेगा पुस्तकों का संसार, सांस्कृतिक आयोजन में भी ले सकते हैं भाग Patna News

पुस्तक मेले का आगाज हो रहा है। गांधी मैदान में कल से एक लाख वर्गफीट में सजे स्टॉलों पर पुस्तकों का संसार होगा।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 09:33 AM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 09:33 AM (IST)
पढ़ाकुओं के लिए कल से सजेगा पुस्तकों का संसार, सांस्कृतिक आयोजन में भी ले सकते हैं भाग Patna News
पढ़ाकुओं के लिए कल से सजेगा पुस्तकों का संसार, सांस्कृतिक आयोजन में भी ले सकते हैं भाग Patna News

पटना, जेएनएन। गांधी मैदान में ढाई साल के बाद फिर से पटना पुस्तक मेला की वापसी हो रही है। सीआरडी की ओर से आयोजित पुस्तक मेले का उद्घाटन आठ नवंबर को राजधानी के विभिन्न स्कूलों के प्राचार्य संयुक्त रूप से करेंगे। ये मेला 18 नवंबर तक चलेगा।

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एक लाख वर्गफीट में पुस्तक स्टॉल

एक लाख वर्गफीट में बने पुस्तक स्टॉल में देश के करीब 110 से ज्यादा प्रकाशक शिरकत करेंगे। मेले में स्कूली बच्चों का प्रवेश मुफ्त रहेगा जबकि कॉलेज के छात्र-छात्राओं के लिए परिचय पत्र के साथ प्रवेश दिया जाएगा। अन्य लोगों के लिए 10 रुपये का प्रवेश शुल्क लगेगा। हर दिन सुबह 11 बजे से रात आठ बजे तक पुस्तकप्रेमी मेले का आनंद ले सकते हैं।

‘पेड़, पानी और जिंदगी’ होगी थीम

पुस्तक मेले की थीम इस बार ‘पेड़, पानी और जिंदगी’ होगी, जो प्रकृति और पर्यावरण को समर्पित है। पुस्तक मेले में देश के प्रतिष्ठित साहित्यकारों के साथ लेखक और कवियों की मौजूदगी रहेगी। मेले के बारे में जानकारी देते हुए सीआरडी के अध्यक्ष रत्नेश्वर कुमार ने कहा कि पिछली बार ज्ञान भवन में पुस्तक मेला लगा था। इस बार गांधी मैदान में मेले की वापसी हुई है। अध्यक्ष ने कहा कि पटना पुस्तक मेले की आधारशिला रखने वाले चार संस्थापकों में से एक राजेश कुमार के नाम पर मेले का प्रवेश द्वार ‘राजेश कुमार स्मृति द्वार’ बनाया जाएगा। आर्थिक रूप से कमजोर मेधावी छात्र को ‘राजेश कुमार मेमोरियल छात्रवृत्ति’ पुरस्कार के तहत 15 हजार रुपये और मेधा प्रमाणपत्र दिया जाएगा।

वृक्षों के नाम पर सभागार और प्रखंड के नाम

पर्यावरण को समर्पित पुस्तक मेले में बनने वाले सभागार और मंच वृक्षों के नाम पर होंगे। इसमें ‘पीपल प्रशासनिक भवन’, ‘तुलसी मुक्ताकाश मंच’, ‘आम सभागार’, ‘बरगद रंगभूमि’ प्रमुख हैं। मेला परिसर में छह प्रखंड बनाए जाएंगे। इनका नामकरण नीम, सेमल, पलाश, गुलमोहर, कदंब और अशोक वृक्ष के नाम पर होगा। मेले को पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिए परिसर में असली पौधे भी लगाए जाएंगे।

फोटोग्राफ और खबरों की प्रदर्शनी

मेले में आने वाले पाठकों को पटना पुस्तक मेले का इतिहास बताने के लिए वर्ष 1985 से लेकर 2017 तक के फोटोग्राफ और विभिन्न समाचार पत्रों में छपने वाली खबरों की कतरनें प्रदर्शित की जाएंगी। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से पटना पुस्तक मेला में योजनाओं का प्रचार-प्रसार होगा। इसमें पुस्तक मेला के मुख्य मंच पर बिहार शिक्षा परियोजना की ओर से कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। इस बाबत बिहार शिक्षा परियोजना के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी किरण कुमारी ने राजधानी के 15 स्कूलों को पत्र भेजकर पटना पुस्तक मेला में आयोजित कार्यक्रम में बच्चों को शामिल कराने के लिए निर्देशित किया है। प्रतिदिन 20-20 छात्र-छात्रओं का ग्रुप बनाकर उनको पुस्तक मेला में भेजने को कहा गया है।

जागरण बेस्टसेलर की सूची होगी जारी

पटना पुस्तक मेले में दैनिक जागरण की ओर से बेस्टसेलर किताबों की सूची भी जारी होगी। हर तिमाही जारी होने वाली इस सूची का इंतजार बेसब्री से पाठकों को है। इसके अलावा पटना पुस्तक मेले में हर दिन साहित्यिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन होगा। ‘सिनेमा और गांधी’ विषय पर नेशनल अवार्ड से सम्मानित फिल्म समीक्षक और पत्रकार अनंत विजय से बातचीत की जाएगी।

कॉफी हाउस में वरिष्ठ पत्रकार सुप्रीय प्रसाद से बातचीत होगी। नुक्कड़ नाटकों की प्रस्तुति के साथ जनसंवाद, गपशप, नई किताब आदि कार्यक्रम भी होंगे। मेले में युवा काव्य पाठ का भी आयोजन होगा, जिसमें हंिदूी के साथ मगही, मैथिली, भोजपुरी, अंगिका, बज्जिका भाषा के कवि अपनी रचनाओं का पाठ करेंगे।


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