रक्तदान दिवस : रक्तदान से मन को खुशी और संतुष्टि का मिलता है भाव
पटना [संजय रंजन]। अमूमन लोगों में यह धारणा रहती है रक्तदान करने से कमजोरी हो जाएगी। रक्तदान करने से
पटना [संजय रंजन]। अमूमन लोगों में यह धारणा रहती है रक्तदान करने से कमजोरी हो जाएगी। रक्तदान करने से लोग घबराने लगते है। लेकिन यह नहीं सोचते कि जिस तरीके बूंद बूंद कर जल को बचाया जा सकता है ठीक उसी तरह से बूंद बूंद रक्त देकर लोगों की जान भी बचाई जा सकती है। जब खून रहेगा तो जरूरत पड़ने पर लोगों की जिंदगी भी बचाई जा सकती है। रक्त दान को विशेष बनाने के लिए दुनिया भर में 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस मनाया जाता है। लोग रक्तदान दिवस पर रक्त दान करने के लिए बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते है। लोगों यह भी आस्था रहती है कि जिस तरीके से हम कोई भी परोपकारी के ख्याल से करते है ठीक उसी प्रकार से रक्तदान भी एक परोपकारी कदम है। इस रक्तदान से लोगों की जान भी बच सकती है।
वैसे लोग जो रक्तदान करने से डरते या हिचकिचाते है। उन्हें डरने की कोई जरूरत नहीं है। रक्तदान करने न सिर्फ केवल दूसरों की जान बचाई जा सकती है। बल्कि यह रक्तदान करने वाले के लिए भी फायदेमंद होता है क्योंकि रक्त दान करने से, हेल्दी फूड्स लेने से शरीर में नया खून बनता है। इससे शरीर हेल्दी रहता है और इससे हार्ट संबधी बीमारिया होने की संभावना कम रहती है। रक्तदान करने के संबंध में डब्ल्यूएचओ, पटना में कार्यरत डॉ. (कैप्टन) केएन सहाय ने कहा कि रक्तदान करते रहने से जहां नया खून जल्दी बनता है वहीं इसके दान से अन्य दूसरे जरूरतमंद लोगों को जान बचाने में काफी मदद मिलती है। उन्होंने कहा आप जानकार हैरान हो जाएंगे कि रक्त दान करने से क्या क्या फायदे है।
सबसे पहले उन्होंने बताया कि रक्त दान करने से हार्ट स्वस्थ रहता है। रक्तदान करने से शरीर का आयरन लेवल ठीक रहता है। इसके अलावा इससे दिल की बीमारियों से बचा जा सकता है। यह समय से एजिंग होने, स्ट्रोक आने और हार्ट अटैक की समस्या से बचाता है।
डॉ सहाय ने कहा कि रक्तदान से लीवर की बीमारियों और कैंसर के जोखिम को कम करता है। रक्तदान करने से लीवर पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। लीवर का कार्य आयरन मेटाबॉलिज्म पर निर्भर होता है और रक्त दान से आयरन की मात्रा सही रहती है, जिससे लीवर डैमेज होने से बच सकता है। यदि अगर शरीर में आयरन की मात्रा अधिक हो तो लीवर टिशू का ऑक्सीडेशन होता है, जिसके कारण लीवर डैमेज हो सकता है जो बाद में कैंसर बन सकता है। रक्तदान करने से लीवर कैंसर का खतरा कम होता है।
उन्होंने कहा कि रक्तदान से वजन को भी नियंत्रित रखा जा सकता है। एक बार ब्लड डोनेट करने से 650-700 किलो कैलोरी घटाई जा सकती है, जिससे वजन भी कम होगा। लेकिन रक्तदान तीन महीने में एक बार ही करना चाहिए।
डॉ. सहाय ने कहा कि इससे कार्य के करने से मानसिक संतुष्टि भी मिलती है। रक्तदान करने से इंसान को दिल से खुशी महसूस होती है। इसलिए इंसान को खुश होने के लिए इससे बड़ा कोई विकल्प नहीं है। अगर किसी को ब्लड देने से किसी की जान बचती है तो इससे मन को खुशी और संतुष्टि का भाव मिलता है।