बिहार में शराबबंदी पर JDU की BJP को दो-टूक- साथ रहना है तो ठीक से रहिए, अनाप-शनाप बातें बर्दाश्त नहीं
BJP-JDU Rift बिहार में शराबबंदी के मुद्दे पर बीजेपी व जेडीयू में ठनी हुई है। जेडीयू के एक विधायक संजीव कुमार ने कहा है कि साथ रहकर विरोध की राजनीति नहीं चलेगी। अगर गठबंधन में रहना है तो ठीक से रहें। साथ रहकर अनाप-शनाप बयानबाजी बर्दाश्त से बाहर है।
पटना, आनलाइन डेस्क। BJP-JDU Rift: 'अगर गठबंधन में रहना है तो ठीक से रहिए, अनाप-शनाप बातें बर्दाश्त के बाहर हैं।' यह भले ही जनता दल यूनाइटेड (JDU) का आधिकारिक बयान नहीं हो, लेकिन पार्टी के एक विधायक (JDU MLA) ने ऐसी बात कह राजनीति में गर्मी ला दी है। जेडीयू विधायक संजीव कुमार (JDU MLA Sanjeev Kumar) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए ऐसा ही कहा है। यह बयान बिहार के नालंदा में बीते दिनों जहरीली शराब से मौतों (Nalanda Hooch Deaths) के बाद बीजेपी के शराबबंदी के खिलाफ दिए गए बयानों के जवाब में दिया गया है। इसके पहले बीजेपी व जेडीयू के प्रवक्ता व प्रदेश अध्यक्ष सहित कई बड़े नेता जुबानी जंग लड़ चुके हैं।
अनाप-शनाप बयानबाजी बर्दाश्त नहीं
जेडीयू के विधायक संजीव कुमार ने कहा है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सहयोगी दल शराबबंदी (Liquor Ban) की समीक्षा की मांग बात मीडिया में कर रहे हैं। मीडिया में अनाप-शनाप बोलने से बेहतर है कि वे एक बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से बात करें। जब अन्य मसलों पर बात हो सकती है तो इसपर क्यों नहीं? सरकार में सहयोगी हैं और हल्ला भी कर रहे हैं। इतनी ही समस्या है तो छोड़ दीजिए साथ, कौन रोक रहा है? विधायक ने कहा कि साथ रहकर अनाप-शनाप बयानबाजी अब बर्दाश्त के बाहर है। पार्टी मुख्यमंत्री के फैसले के साथ है।
शराबबंदी सीएम नीतीश का ड्रीम प्रोजक्ट
विदित हो कि बिहार में शराबबंदी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजक्ट है। विपक्ष इसके खिलाफ आवाज उठाता रहा है। लेकिन अब सत्ताधारी दलों ने भी इस कानून की समीक्षा की मांग उठाई है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल (Dr. Sanjay Jaiswal) ने भी इस कानून को लेकर सरकार के स्टैंड से हटकर बयान दिया है। उधर, सत्ताधारी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने भी शराबबंदी कानून की समीक्षा के पक्ष में आवाज उठाई है।
कानून में अब हो सकता है कुछ बदलाव
बीते दिनों ऐसी ही मांगों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि शराबबंदी को वापस लेने का सवाल ही नहीं है। हालांकि, बताया जा रहा है कि अब सरकार शराबबंदी कानून में कुछ बदलाव की तैयारी कर रही है। इसमें पीने वालों को जेल के बजाय जुर्माना देकर छोड़ दिया जाएगा, लेकिन बनाने और बेचने वालों के खिलाफ सख्ती जारी रहेगी।