बिहार चुनाव में 75 करोड़ खर्च कर भाजपा ने जीती 74 सीटें, सभी दलों ने हेलीकॉप्टरों पर खर्च किए सर्वाधिक
चुनाव में राजनीतिक दलों की ओर से खर्च की जाने वाली रकम का बड़ा हिस्सा हेलीकाप्टर और हवाई जहाज की कंपनियों के खाते में चला जाता है। पिछले साल नवंबर में हुए बिहार विधानसभा चुनाव के खर्च का हिसाब चुनाव आयोग को दिया गया है। पढि़ए रोचक रिपोर्ट।
राज्य ब्यूरो, पटना: चुनाव के दिनों में चर्चा होती है कि अमुक-अमुक दलों ने मतदाताओं के बीच खूब रुपये बांटे। सामान दिए। बढ़िया खाना खिलाया। सरजमीन पर ऐसा कम ही होता है। हालांकि मतदाताओं पर किए गए खर्च का कोई हिसाब नहीं दिया जाता है। हिसाब की बात करें तो चुनाव में राजनीतिक दलों की ओर से खर्च की जाने वाली रकम का बड़ा हिस्सा हेलीकाप्टर और हवाई जहाज की कंपनियों के खाते में चला जाता है। पिछले साल नवंबर में हुए बिहार विधानसभा चुनाव के खर्च का हिसाब चुनाव आयोग को दिया गया है। उसमें किसी एक मद में सबसे अधिक खर्च हेलीकाप्टर-हवाई जहाज पर दिखाया गया है।
भाजपा के खर्च का एक तिहाई हेलीकाप्टर पर
भाजपा ने सबसे अधिक खर्च किया। उसके 75 करोड़ रुपये खर्च हुए। इसका करीब एक तिहाई हिस्सा विमानन कंपनियों के खाते में गया। यह शुद्ध रकम 24 करोड़ रुपये है। भाजपा के पास प्रचारकों की फौज थी। अधिक से अधिक सभाओं में नेता समय पर पहुंच सकें, इसके लिए हेलीकाप्टर का इंतजाम किया गया था। वह 74 सीटों पर जीती। बिहार में चुनावी उपलब्धियों के लिहाज से भी उसने रिकार्ड ही बनाया।
राजद को हेलीकाप्टर पर कुल खर्च दो करोड़
राजद के पास हेलीकाप्टर का इस्तेमाल करने वाले नेताओं की कमी थी, लिहाजा इस मद में उसका खर्च भाजपा की तुलना में काफी कम हुआ। फिर भी राजद के 75 उम्मीदवार चुनाव जीत कर विधायक बने। विजेताओं की यह संख्या भाजपा से एक अधिक है। हेलीकाप्टर मद में उसका कुल खर्च दो करोड़ रुपये है। राजद ने चुनाव आयोग को करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये के खर्च का हिसाब दिया।
कांग्रेस ने खर्च किए महज 17 करोड़
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के करीब 17 करोड़ रुपये खर्च हुए। भाजपा की तरह कांग्रेस भी अपने उम्मीदवारों को चुनाव का खर्च देती है। उसके ढाई करोड़ रुपये हेलीकाप्टर पर खर्च किए, जिसे अखिल भारतीय कांग्रेस द्वारा वहन किया गया।
वाम दलों का उड़ानों पर कोई खर्च नहीं
तीन वाम दलों की जीत 16 सीटों पर हुई। भाकपा माले के 12, भाकपा और माकपा के दो-दो उम्मीदवार विधायक बने। तीनों वाम दलों के हिसाब-किताब वाले खाते में हेलीकाप्टर-हवाई जहाज के नाम पर शून्य दर्ज है। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एनडीए के दूसरे दलों के हेलीकाप्टर की सवारी तो की, मगर अपनी जेब से किसी हेलीकाप्टर कंपनी को एक पाई नहीं दिया। मोर्चा के उम्मीदवार सात सीटों पर खड़े थे। चार पर जीत हुई। कुल 52 लाख रुपये खर्च हुए।