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तेजस्वी के रिपोर्ट कार्ड पर भाजपा सांसद सुशील मोदी ने लिया लालू-राबड़ी का नाम, कहा-याद है वो दिन

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शनिवार को बिहार सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश किया। इसपर सुशील मोदी ने पलटवार किया। कहा कि लालू-राबड़ी राज के उस 15 वर्ष का रिपोर्ट कार्ड जारी करना चाहिए जब बिहार में अपहरण उद्योग बन गया था।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sun, 05 Jun 2022 07:27 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jun 2022 07:27 PM (IST)
तेजस्वी के रिपोर्ट कार्ड पर भाजपा सांसद सुशील मोदी ने लिया लालू-राबड़ी का नाम, कहा-याद है वो दिन
राजद नेता तेजस्वी यादव और भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी। जागरण आर्काइव।

राज्य ब्यूरो, पटना : राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि राजद को पहले लालू-राबड़ी राज के उस 15 वर्ष का रिपोर्ट कार्ड जारी करना चाहिए, जब बिहार में अपहरण उद्योग बन गया था। अपराधियों के डर से बाजार शाम के बाद बंद हो जाते थे। सुशील मोदी ने कहा कि जहां पहले खेती नक्सलियों के कारण और उद्योग-व्यापार सत्तापोषित अपराधियों के चलते बर्बाद हो चुके थे, वहीं एनडीए सरकार आने पर खेती और उद्योग, दोनों को प्रोत्साहन मिला। नए-नए उद्योग लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके राज में चारा घोटाला, अलकतरा घोटला और बीएड डिग्री घोटाले होते थे, जबकि आज घोटालेबाजों के परिसरों पर छापे पड़ रहे हैं। एनडीए सरकार में एक भी घोटाला नहीं हुआ। राजद अपने शासन के घोटालों पर रिपोर्ट कार्ड जारी करे। 

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सुशील मोदी ने कहा कि जिनके राज में बिहार की सड़कें जर्जर थीं, पुल निर्माण निगम सहित कई सरकारी उपक्रम घाटे में चल रहे थे और कर्मचारियों को वेतन तक नहीं मिल पाते थे, वे न्याय के साथ विकास की नीति पर चलने वाली एनडीए सरकार का मनगढ़ंत फर्जी रिपोर्ट कार्ड जारी कर रहे हैं।

राजद का राज था जंगलराज :  संतोष पाठक

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संतोष पाठक ने कहा है कि राजद का शासनकाल बिहार के लिए काला अध्याय था। अपराध उद्योग के कारण लाखों लोग बिहार से बाहर सिर्फ काम धंधा सुचारू रूप से चले इसलिए पलायन कर गए थे। बिहार की सभी चीनी मिलें और राइस मिलें उसी दौर में बंद हुई थीं। पाठक ने कहा कि उस समय बिहार में बिजली मात्र 22 प्रतिशत परिवारों को उपलब्ध थी। आज यह सौ प्रतिशत घरों तक पहुंच गई है। सड़कें 100 की बसावट वाले सभी टोलों तक पहुंच चुकी हैं। उद्योग में 38 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव सरकार को मिल चुके हैं। राजद से सवाल है कि किन परिस्थितियों में तेजस्वी हड़पी हुई जमीन पर माल का निर्माण कर रहे थे? दूसरा सवाल है कि किन परिस्थितियों में नीतीश कुमार ने राजद को महागठबंधन से बाहर किया था? आज अगर जेपी जीवित होते तो राजद  की हरकतों पर उन्हें शर्म आती। परिवारवाद, बेहिसाब भ्रष्टाचार और गरीबों की जमीन हड़पने वाले लोग जेपी जैसे कर्तव्यनिष्ठ महामानवों का नाम न ही लें तो बेहतर होगा।


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