पटना [जेएनएन]। बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने ट्वीट कर मंगलवार को मशहूर उपन्यासकार चेतन भगत पर निशाना साधा। उन्होंने नसीहत दी कि बुद्धिजीवी दोस्त चेतन के छद्म बुद्धिजीवी कमेंट से निराशा हुई है। शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि चेतन न्यूज चैनल पर सरकारी और दरबारी की तरह स्टेटमेंट देते हुए दिखे।
एक इंटरव्यू के मुताबिक उन्होंने कहा कि वहां चेतन यह कहते दिखे कि राहुल गांधी रिजल्ट नहीं दे पा रहे हैं और उन्हें आडवाणी की तरह रिप्लेस कर देना चाहिए। शत्रुघ्न ने कहा, क्या आडवाणी को इसलिए हटाया गया क्योंकि उन्होंने काम नहीं किया? या कुछ लोगों के डर और असुरक्षा या हितों के चलते उन्हें सीन से हटना दिया गया। क्या सभी इस बात को जानते हैं?
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उन्होंने आगे लिखा, मैं आडवाणी का वफादार हैं और पार्टी में जो कुछ भी हूं उनकी वजह से ही हूं। दो सीटों की पार्टी आज जहां पर भी है उसमें अधिकतर योगदान आडवाणी के नेतृत्व का ही है। उन्होंने चेतन को नसीहत दी कि आप छद्म बुद्धिजीवी न बनिए। आप आडवाणी के करोड़ों समर्थकों को चोट नहीं पहुंचाए। उनपर बहुत विश्वास है। हम उनके और पार्टी के दिर्घायु होने की कामना करते हैं।
भारतीय जनता पार्टी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने मंगलवार को मशहूर उपन्यासकार चेतन भगत पर एक के बाद एक कई ट्वीट किए।
उन्होंने ट्वीट्स में लिखा, ‘मैं हमारे बुद्धिजीवी मित्र चेतन भगत से थोड़ा निराश हूं जो कल को राष्ट्रीय चैनलों पर ”सरकारी और दरबारी” की तरह सुनाई दिए। हमारे दोस्त और वरिष्ठ राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा कि वह रिजल्ट ओरियंटेड नहीं हैं और हटाए जाने चाहिए, मुझे लगता है कि उन्होंने हमारे बेहद सम्माननीय, योग्य और स्वीकार्य नेता, दोस्त, दार्शनिक और गाइड माननीय लालकृष्ण आडवाणी के साथ गैर-जरूरी तुलना की।’
सिन्हा ने आगे लिखा, ‘मैं आपसे क्षमा चाहता हूं चेतन! क्या आडवाणी सच में इसलिए हटाया गया था क्योंकि उन्होंने काम नहीं किया था, या कुछ लोगों के डर, संकुचिता और असुरक्षा या शायद हितों के चलते उन्हें काम करने की अनुमति नहीं थी और सीन से हटवा दिए गए। क्या सब लोग यह बात जानते हैं?।
’उन्होंने आगे लिखा,’ आज आडवाणी और यहां तक कि मेरे जैसे लोग भी किसी अभियान में नहीं दिखते, इसलिए नहीं कि हमें जांच-परखने के बाद प्रभावशाली नहीं पाया गया, बल्कि इसलिए जिसे शायद आप इसे घर की राजनीति कह सकें।
हम पार्टी के भीतर अनुशासन में विश्वास रखते हैं और कोई विवाद नहीं खड़ा करना चाहते। हमें बुलाया नहीं गया और आज प्रचार के खत्म होने तक हमारी रुचि भी नहीं रह गई है।’
आडवाणी के लिए एक बार फिर उन्होंने लिखा, ‘ मैं आडवाणी का वफादार हूं। मैं पार्टी में जो कुछ भी हूं, उसकी मुख्य वजह वही हैं। 2 सीटों से लेकर पार्टी आज जहां तक पहुंची है, उस वृद्धि और समृद्धि के पीछे अगर पूरी तरह से नहीं, तो अधिकतर योगदान आडवाणी जी के नेतृत्व का है।’
सिन्हा चेतन भगत से इतने खफा दिखे कि उन्होंने चेतन को नसीहत तक दे दी। उन्होंने लिखा, ‘मेरे दोस्त चेतन! मैं आपको एक बुद्धिजीवी की तरह देखता हूं, लेकिन सलाह देता हूं कि आप छद्म बुद्धिजीवी न बनिएगा। कृपा करके आडवाणी के करोड़ों समर्थकों को चोट न पहुंचाएं। हमें उनपर बेहद विश्वास है। आडवाणीजी और पार्टी दीर्घायु हो।’