निगम कार्यालय से गायब हो गई हैं जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र की फाइलें, कहीं आपकी तो नहीं
पटना नगर निगम के कारनामे भी अजीब हैं। कार्यालय से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र से संबंधित सात सालों की फाइलें गायब हो गई हैं। इससे शहरवासियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पटना, जेएनएन। नगर निगम कार्यालय से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र से संबंधित सात सालों की फाइलें गायब हो गई हैं। इस कारण जिन लोगों को अपने प्रमाणपत्र का सत्यापन कराना है या फिर हिंदी से अंग्रेजी में नया प्रमाणपत्र जारी करवाना है, उन्हें काफी समस्याएं हो रही हैं। निगम की गलती का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। इससे आम लोगों में काफी आक्रोश है।
अब हो रही परेशानी
निगम सूत्रों के मुताबिक साल 1998 से 2005 तक की जन्म- मृत्यु प्रमाणपत्र की फाइलें निगम कार्यालय में नहीं हैं। इन सालों के भीतर जिन लोगों का जन्म प्रमाणपत्र जारी हुआ है, उन्हें उनके प्रमाणपत्र के सत्यापन और हिंदी से अंग्रेजी भाषा में प्रमाण पत्र निर्गत कराने में नाकों चने चबाने पड़ रहे हैं। लोगों के पास निगम द्वारा निर्गत मूल प्रमाणपत्र मौजूद है फिर भी उसके आधार पर हिंदी से अंग्रेजी भाषा में सर्टिफिकेट निर्गत नहीं किया जा रहा है। इसके लिए उनलोगों को मजिस्ट्रेट से शपथपत्र का सत्यापन कराकर निगम कार्यालय में जमा करना पड़ रहा है।
बेवजह लग रहे 250 रुपये
इससे एक तो लोगों को प्रमाणपत्र लेने में बेवजह 250 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं साथ ही काफी समय भी नष्ट हो रहा है। खासकर वैसे लोगों को काफी दिक्कतें हो रही हैं जिनकी नौकरी मल्टीनेशनल या आइटी कंपनियों में लगी है। बिहार, यूपी और बंगाल को छोड़कर अन्य राज्यों में अंग्रेजी भाषा में जन्म प्रमाणपत्र मांगा जा रहा है। लेकिन पटना नगर निगम द्वारा उपरोक्त सात सालों के दरम्यान हिंदी भाषा में ही जन्म प्रमाणपत्र निर्गत किया जाता था।
ऐसे लोग जब हिंदी भाषा से अंग्रेजी भाषा में अपना जन्म प्रमाणपत्र निर्गत कराने निगम दफ्तर पहुंच रहे हैं तो उन्हें उनके दस्तावेज निगम से गायब होने का हवाला देकर भगा दिया जा रहा है। या फिर उन्हें लंबी चौड़ी प्रक्रिया पूरी करने को कहा जा रहा है। इसमें अधिक समय भी लग रहा है और जेबें भी ढीली हो रही हैं।
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