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पक्षी है एयरपोर्ट पर सबसे बड़ा खतरा, पटाखों के सहारे हवाईजहाज की सुरक्षा

एयरपोर्ट के पास आसमान में सिर्फ हवाई जहाज को उड़ना चाहिए मगर वहां दिन-रात पक्षी मंडराते रहते हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Jun 2018 01:51 AM (IST)Updated: Mon, 18 Jun 2018 01:51 AM (IST)
पक्षी है एयरपोर्ट पर सबसे बड़ा खतरा, पटाखों के सहारे हवाईजहाज की सुरक्षा
पक्षी है एयरपोर्ट पर सबसे बड़ा खतरा, पटाखों के सहारे हवाईजहाज की सुरक्षा

पटना : एयरपोर्ट के पास आसमान में सिर्फ हवाई जहाज को उड़ना चाहिए मगर वहां दिन-रात पक्षी मंडराते हैं। पक्षियों की ये आवाजाही पटना एयरपोर्ट के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गई है। शनिवार को सुबह और शाम दो बार पक्षी हवाई जहाज से टकराए। सुबह स्पाइजेट की मुंबई से आने वाली उड़ान तो शाम में दिल्ली से आने वाली इंडिगो की उड़ान। पायलट की सूझ-बूझ से विमान की सुरक्षित लैंडिंग कराई गई। उम्मीद थी कि रविवार को हालात सुधरेंगे मगर स्थिति में सुधार नहीं दिखा। एयरपोर्ट में परिसर में हवाईजहाज के आसपास रविवार को भी पक्षी मंडराते रहे। पुरानी तकनीक के भरोसे एयरपोर्ट

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पटना एयरपोर्ट पर पक्षियों को भगाने के लिए पुरानी तकनीक का ही इस्तेमाल हो रहा। अब भी पटाखे और बंदूक की आवाज से पक्षियों को भगाया जाता है। पहले विमानों के उतरने से पहले जीप से पेट्रोलिंग भी होती थी मगर फ्लाइट की बढ़ती संख्या के बाद यह संभव नहीं हो पा रहा। इस कारण भी पक्षियों का आतंक बढ़ गया है। लगानी होगी ऑटोमेटिक मशीन

दिल्ली, मुंबई और कोलकाता सहित देशभर के अधिसंख्य एयरपोर्ट पर पक्षियों के खतरे टालने के लिए आवाज करने वाले ऑटोमेटिक मशीन लगाई गई है, जबकि स्थानीय एयरपोर्ट पुराने ढर्रे पर चल रहा है। इस मशीन से विशेष तरह की आवाज निकलती रहती है, जिससे पक्षी विमान से दूर रहते हैं। दिल्ली भेजे गए दोनों विमान

पटना एयरपोर्ट पर पक्षी टकराने से स्पाइसजेट और इंडिगो दोनों ही विमानों को नुकसान पहुंचा है। दोनों विमानों को मरम्मत के लिए दिल्ली भेज दिया गया है। इसके पहले भी कई बार पटना एयरपोर्ट पर विमान से पक्षियों के टकराने की घटनाएं हो चुकी हैं। वर्ष 2000 में विमान हादसे के बाद दिए सुझावों पर भी अमल नहीं

वर्ष 2000 में गर्दनीबाग के रिहायशी इलाके में बोइंग विमान के हादसे की जांच करने वाली कमेटी ने फुलवारीशरीफ बूचड़खाने को हटाने का सुझाव दिया था। एयर चीफ मार्शल पी. राजकुमार ने एयरपोर्ट के 50 किमी की परिधि में खुले में मांस की बिक्री और उसके कचरे को नहीं फेंकने का सुझाव दिया था। रेलवे लाइन के किनारे फेंके जाने वाले आवारा पशुओं के शव फेंकने पर भी रोक लगाने का सुझाव दिया था। आज तक बुचड़खाना बंद नहीं हुआ और जगह-जगह मांस के कचरे फेंकने के कारण पक्षी आकर्षित होती है। हर बैठक में उठते हैं सवाल, नहीं मिलता जवाब

एयरपोर्ट ऑथोरिटी और राज्य सरकार के बीच सुरक्षा, संरक्षा, यात्री सुविधा में वृद्धि के मुद्दे पर होने वाली बैठक में पक्षियों का मुद्दा बार-बार उठता रहा है। योजनाएं कई बार बनीं मगर इसका समाधान नहीं हो सका। बयान :

एयरपोर्ट के आसपास बहुत अधिक पक्षी हैं। रनवे के पास से उन्हें भगाने के लिए पटाखे की आवाज दी जाती है। एयरपोर्ट के आसपास से पक्षियों को आकर्षित करने वाले तत्वों को हटाना होगा तब जाकर पक्षियों की संख्या में कमी आएगी। इसके लिए राज्य सरकार से संपर्क किया जाएगा।

संतोष कुमार, एजीएम, एटीसी, पटना एयरपोर्ट इन कारणों से मंडराते हैं पक्षी

- रेलवे लाइन के किनारे फेंके जाने वाले आवारा पशुओं के शव के कारण

- एयरपोर्ट के पास बूचड़खाने और मांस-मछली की दुकानों के कारण

- एयरपोर्ट के बगल में खुली नालियों के कारण

- आसपास के पेड़ों और हरियाली के कारण


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