बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में मार्च से शिक्षक-छात्रों की बायोमीट्रिक हाजिरी
आगामी मार्च से छात्र-शिक्षक बायोमीट्रिक मशीन पर हाजिरी दर्ज कराएंगे। विवि की सुस्ती को देखते हुए राजभवन ने विश्वविद्यालयों को बायोमीट्रिक मशीनें लगाने की अंतिम मोहलत दी है।
पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार के तमाम विश्वविद्यालयों में आगामी मार्च से छात्र-शिक्षक बायोमीट्रिक मशीन पर हाजिरी दर्ज कराएंगे। बायोमीट्रिक हाजिरी का मामला तकरीबन दो वर्ष पुराना है। कुलाधिपति के बार-बार निर्देश के बाद भी विवि में बायोमीट्रिक मशीनें नहीं लगाई जा सकी हैं। विवि की सुस्ती को देखते हुए राजभवन प्रशासन ने विश्वविद्यालयों को बायोमीट्रिक मशीनें लगाने की अंतिम मोहलत दी है।
हाल में राजभवन में संपन्न कुलपतियों की बैठक में राज्यपाल सत्यपाल मल्लिक ने विश्वविद्यालयों में उपस्थिति को लेकर कुलपतियों को अपनी चिंता से अवगत कराया। सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल ने बैठक के दौरान निर्देश दिए कि विश्वविद्यालय शिक्षक अपने कैंपस में प्रतिदिन कम से कम पांच से छह घंटे बिताएं। शिक्षकों के कैंपस में रहने से छात्रों पर इसका बेहतर असर होगा। साथ ही शिक्षक नियमित रूप से क्लास लेंगे तो छात्रों की उपस्थिति भी बढ़ेगी।
राज्यपाल ने कुलपतियों को शिक्षक-छात्र की नियमित उपस्थिति के रिकॉर्ड रखने के निर्देश दिए। यह तभी संभव हो सकेगा जब कैंपस में हाजिरी बनाने के पुराने पैटर्न के स्थान पर बायोमीट्रिक पद्धति अपनाई जाए। उन्होंने विश्वविद्यालयों को हिदायत दी कि विवि हर हाल में मार्च 2018 तक कैंपस में बायोमीट्रिक मशीनें लगा लें, ताकि शिक्षक-छात्रों की उपस्थिति नई पद्धति से दर्ज हो और विश्वविद्यालय के साथ ही राजभवन प्रशासन के पास भी संबंधित रिकॉर्ड रहे।