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Lockdown में बिहार के नेता सीख रहे हजामतः सुशील मोदी बोले बढ़ गई दाढ़ी तो नीतीश ने कहा- खुद बना लीजिए

लॉकडाउन के दौरान बिहार के नेता खुद ही हजामत करना सीख रहे हैं। कहीं पांच साल पुराना ट्रिमर काम आ रहा है तो कहीं कैंची चलानी पड़ रही है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Wed, 15 Apr 2020 12:22 PM (IST)Updated: Wed, 15 Apr 2020 04:36 PM (IST)
Lockdown में बिहार के नेता सीख रहे हजामतः सुशील मोदी बोले बढ़ गई दाढ़ी तो नीतीश ने कहा- खुद बना लीजिए
Lockdown में बिहार के नेता सीख रहे हजामतः सुशील मोदी बोले बढ़ गई दाढ़ी तो नीतीश ने कहा- खुद बना लीजिए

अरुण अशेष, पटना। कोरोना का बुरा दौर कुछ लोगों के लिए हुनर में इजाफे का मौका है। मसलन, दाढ़ी रखने के शौकीन कई नेता यह काम खुद करने की कोशिश कर रहे हैं। राज्य में स्टाइलिश से लेकर साधु टाइप दाढ़ी वाले नेता हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी छोटी दाढ़ी रखते हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रो. रघुवंश प्रसाद सिंह की दाढ़ी साधुओं जैसी है।

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पांच साल पुराना ट्रिमर सुशील मोदी के आया काम

उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि लॉकडाउन के बाद वे बेतरतीब दाढ़ी से परेशान थे। एक दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बातचीत हो रही थी। उन्होंने सलाह दी कि इसे खुद से संवारा कीजिए। ट्रिमर का इस्तेमाल कीजिए। घर आया। संयोग से पांच साल पहले खरीदी गई मशीन पड़ी थी। चलाकर देखा। वह काम कर गई। खुद से ट्रिम कर लिया। मोदी कहते हैं-उम्र ऐसी नहीं है कि फैशन के हिसाब से दाढ़ी बनाएं। पेशेवर की तरह दाढ़ी नहीं कट पाती है। हां, काम चल जाता है। वैसे भी इन दिनों आम लोगों के बीच जाने की नौबत कहां आ रही है।

यहां नाई से चल रहा काम

पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रो. रघुवंश प्रसाद सिंह लॉकडाउन के पहले ही शहर छोड़कर अपने गांव शाहपुर चले गए थे। बोले-गांव से निकले नहीं है। दाढ़ी को लेकर हमको कभी परेशानी नहीं हुई। वैसे गांव में नाई उपलब्ध है। जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह की पहचान भी सलीके से बनी दाढ़ी से है। हजामत की कोशिश में दाढ़ी बिगड़ गई। फिर नाई बुलाकर ठीक करानी पड़ी।

पहले काट-छाट अब रंग-रोगन

उद्योग मंत्री श्याम रजक को लंबे सक्रिय राजनीतिक जीवन में बिना दाढ़ी के देखने वाले लोगों की संख्या कम ही होगी। पहले काट-छांट से काम चल जाता था। अब रंग रोगन भी करना पड़ता है। मौर्या लोक के स्टूडियो एलेवन में उनकी हजामत होती है। पार्लर के साथ दाढ़ी की काट छांट भी बंद है। कहते हैं-खुद से कोशिश की। कामचलाऊ ढंग से काट लेते हैं। लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं।

भला हो मास्क का जो छुप गई कलाकारी!

जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद 40 साल से दाढ़ी रख रहे हैं। बीते 31 साल से एसपी वर्मा रोड के एक पार्लर में काम करने वाले मुन्ना मियां उनकी हजामत करते हैं। लॉकडाउन की घोषणा के अगले दिन मुन्ना अपने गांव चले गए। राजीव खुद से हजामत कर रहे हैं। पहली कोशिश में दाढ़ी बेतरतीब कट गई थी। भला हो मास्क का, राहत बांटने के दौरान बेतरतीब कटी दाढ़ी पर किसी की नजर नहीं गई। दूसरी कोशिश से कुछ सुधार हो रहा है।

दाढ़ी ही क्यों, बाल भी है समस्या

मंत्री ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार कहते हैं, मैंने दाढ़ी बनाने की कोशिश की। कुछ हद तक कामयाब भी रहा। लेकिन, असली समस्या बाल को लेकर है। लॉकडाउन के दौरान बाल बड़े हो गए हैं। ये टूटने भी लगे हैं।


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