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अब बिहारी बनकर टीम को बनाऊंगा चैंपियन : प्रज्ञान

बिहार रणजी टीम के गेस्ट प्लेयर ने कहा, खिलाड़ियों के साथ जितना ज्यादा समय बिताएंगे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Sep 2018 07:39 PM (IST)Updated: Thu, 06 Sep 2018 07:39 PM (IST)
अब बिहारी बनकर टीम को बनाऊंगा चैंपियन : प्रज्ञान
अब बिहारी बनकर टीम को बनाऊंगा चैंपियन : प्रज्ञान

बिहार रणजी टीम के गेस्ट प्लेयर ने कहा, खिलाड़ियों के साथ जितना ज्यादा समय बिताएंगे, उतना ही एक-दूसरे पर भरोसा बढ़ेगा

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अरुण सिंह, पटना

क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया (बीसीसीआइ) की ओर से गेस्ट प्लेयर के रूप में गुरुवार को बिहार रणजी टीम से जुड़े भारतीय क्रिकेटर प्रज्ञान ओझा ने बताया कि मैं हैदराबाद से खेलता था। अब बिहार आ गया हूं और आपलोगों को भरोसा दिलाता हूं कि पूरी तरह से बिहारी बनकर खेलूंगा और अपनी टीम को शीर्ष पर पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ूंगा। प्रज्ञान ने कहा कि 18 साल बाद बिहार रणजी खेलेगा। रणजी का काफी दबाव रहता है। यह बीसीसीआइ का सबसे सीनियर टूर्नामेंट है और हमलोग शून्य से शुरुआत कर रहे हैं। इसके लिए हमलोगों को एक साथ खेलने का जज्बा दिखाना होगा। साथ में जितना खेलेंगे और समय बिताएंगे। उतना ही एक-दूसरे पर भरोसा बढ़ेगा और तब जाकर पता चलेगा कि हमारी टीम कौन सी दिशा में जा रही है।

कोच के रूप सुब्रतो बनर्जी जुड़ेंगे : कोच के रूप में हमारे पास 1992 विश्व कप टीम के सदस्य तेज गेंदबाज सुब्रतो बनर्जी हैं, जिसका फायदा निश्चित तौर पर होगा। वे शुक्रवार को कैंप से जुड़ेंगे तब जाकर 19 सितंबर से गुजरात में शुरू हो रहे विजय हजारे वनडे टूर्नामेंट के लिए बिहार टीम को अंतिम रूप दिया जाएगा।

मैं नहीं चाहता कि फोकस सिर्फ मुझ पर रहे : पिछले साल आइपीएल की नीलामी ने नहीं बिके प्रज्ञान से जब पूछा गया कि क्या बिहार टीम से जुड़ने का अगले साल आपको इसका फायदा होगा। इस पर उन्होंने कहा कि मैं नहीं चाहता कि बिहार टीम में फोकस सिर्फ मुझ पर रहे। क्रिकेट एक टीम गेम है। इसमें एक से लेकर 11 तक सभी को प्रदर्शन दिखाना होता है। तब जाकर टीम जीतेगी। अगर ऐसा होता है तब बिहार के साथ मुझे भी फायदा होगा।

इशान किशन का निर्णय व्यक्तिगत : फिलहाल मेरा एकमात्र उद्देश्य यह है कि मैं अपने करियर का अनुभव अपनी नई टीम से शेयर करूं, जिससे वे अपने पैरों पर खड़े हो सके और एलिट ग्रुप में प्रवेश करें। इशान किशन के बिहार से न खेलने के निर्णय पर प्रज्ञान ने कहा कि वह कौन सी टीम से खेलना चाहता है। इसका निर्णय लेने का उसे पूरा अधिकार है। अगर वह बिहार की ओर से खेलता तो ज्यादा बेहतर होता।

इंग्लैंड में सभी को मुश्किल परिस्थिति से गुजरना पड़ता है : इंग्लैंड में टीम इंडिया के खराब प्रदर्शन का बचाव करते हुए 24 टेस्ट और 18 वनडे खेल चुके प्रज्ञान ने कहा कि वहां मुश्किल परिस्थिति से भारत ही नहीं, बल्कि सभी विदेशी टीमों को गुजरना पड़ता है। इसके बावजूद गेंदबाजों ने बेहतर प्रदर्शन दिखाया है। टीम में संघर्ष दिखाने की क्षमता है। मुझे विश्वास है कि ओवल में शुक्रवार से शुरू हो रहे पांचवें टेस्ट में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेगा।


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