पटना व बोधगया सीरियल ब्लास्ट का भी मास्टरमाइंड रहा है दिल्ली में गिरफ्तार कुरैशी
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ा 370 मासूमों का कातिल अब्दुल सुभान कुरैशी का संबंध गया से गिरफ्तार किये गए तौसीफ से था। दोनों तबाही की एक बड़ी योजना पर काम कर रहे थे।
पटना [राज्य ब्यूरो]। प्रतिबंधित आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन और स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का जनक कहा जाने वाला अब्दुल सुभान कुरैशी उर्फ तौकीर वर्ष 2013 में बिहार में हुए दो सीरियल ब्लास्ट का भी मास्टरमाइंड रहा है।
कुरैशी ने ही 'सिमी' के रांची मॉड्यूल को खड़ा किया था और हैदर अली और उसके साथियों को केरल में आतंक की ट्रेनिंग भी उपलब्ध कराई थी। बोधगया में 'सिमी' आतंकियों के रांची मॉड्यूल ने 7 जुलाई, 2013 तथा पटना के गांधी मैदान में 27 अक्टूबर, 2013 को सीरियल ब्लास्ट किए थे। पटना के सीरियल ब्लास्ट में छह लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 90 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
इन दोनों ही आतंकी हमलों को अंजाम देने वाले हैदर अली उर्फ 'ब्लैक ब्यूटी' और उसके सात अन्य आतंकी साथियों के खिलाफ एनआइए ने पटना में एनआइए की विशेष अदालत में जो चार्जशीट दायर की, उसमें अब्दुल सुभान कुरैशी और 'सिमी' का प्रमुख रहा सफदर नागौरी की भूमिका का भी जिक्र है।
हैदर अली ने एनआइए की पूछताछ में स्वीकार किया है कि वर्ष 2007 में केरल में 'सिमी' के आतंकियों के लिए जिस ट्रेनिंग कैंप का आयोजन किया गया था, उसे अब्दुल सुभान कुरैशी ने ही आयोजित किया था। उस ट्रेनिंग कैंप पर हुए खर्च को 'सिमी' के एक अन्य संस्थापक सफदर नागौरी ने वहन किया था। नागौरी और अब्दुल सुभान कुरैशी दोनों ही मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं। नागौरी भोपाल का तथा कुरैशी जबलपुर का रहने वाला है। फिलहाल नागौरी भोपाल जेल में बंद है।
वर्ष 2014-15 में नेपाल की सीमा से पकड़े गए आइएम के दो अन्य सरगनाओं यासीन भटकल और तहसीन अख्तर उर्फ मोनू के साथ सुभान नेपाल से लगे बिहार के विभिन्न जिलों में भी रह चुका है। यासीन भटकल और तहसीन ने अपनी गिरफ्तारी के बाद स्वीकार किया है उसे नेपाल में छुपने का ठिकाना भी सुभान कुरैशी ने ही उपलब्ध कराया था। तहसीन अख्तर उर्फ मोनू मूलरूप से बिहार के समस्तीपुर का रहने वाला है।
बिहार एटीएस भी करेगा कुरैशी से पूछताछ
राज्य पुलिस मुख्यालय के सूत्रों ने बताया कि दिल्ली में गिरफ्तार अब्दुल सुभान कुरैशी से पूछताछ करने बिहार एटीएस की टीम भी दिल्ली जाएगी। बिहार एटीएस कुरैशी से बिहार में छुपे 'आइएम' व 'सिमी' के स्लीपर सेल के संबंध में पूछताछ कर सकती है। साथ ही, पिछले दिनों बोधगया से बरामद दो शक्तिशाली विस्फोटकों के संबंध में भी उससे पूछताछ होगी
सूत्रों के अनुसार, तौसीफ और अब्दुल सुभान कुरैशी दोनों का संबंध इंडियन मुजाहिदीन से रहा है। बताया जाता है कि वे दोनों ई-मेल के माध्यम से एक दूसरे से संपर्क करते थे। सबसे खास बात यह थी कि दोनों में कोई भी ई-मेल भेजता नहीं था। बल्कि एक ही ई-मेल का पासवर्ड दोनों के पास था। एक अपना मैसेज लिखकर ड्राफ्ट में सेव कर देता था और दूसरा पढ़ने के बाद उसे डिलीट कर देता था। इस वजह से वे ट्रैक नहीं हो पाते थे।
तौसीफ गया में 'सिमी' मॉड्यूल पर काम कर रहा था। वह यहां किसी बड़ी तबाही की योजना बना रहा था। आइजी नैयर हसनैन खां ने ही पुलिस को निर्देश दिया था कि वह संदिग्ध लोगों पर नजर रखे। असामाजिक तत्व सामाजिक सौहार्द बिगाड़ सकते हैं। उससे केंद्रीय जांच एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं।