बिहारी कलाकारों की प्रस्तुतियों से झंकृत होगी गोवा की धरती
गोवा की राजधानी पणजी के पोंडा में इस बार 22 से 24 नवंबर तक बिहार महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में बिहार के कलाकार विरासत के साथ सूबे की संस्कृति का प्रदर्शन करेंगे।
पटना, जेएनएन। अब गोवा में बिहार की मिट्टी की खुशबू बिखरेगी। गोवा में आयोजित बिहार महोत्सव को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। महोत्सव में सूबे की लोक संस्कृति, लोक कलाओं की प्रस्तुति को लेकर कलाकारों की सूची तैयार कर ली गई है। करीब सौ से अधिक कलाकार गोवा जाकर बिहार की विरासत को पेश कर संस्कृति की झलक पेश करेंगे।
22 नवंबर से 24 नवंबर तक चलने वाला आयोजन गोवा की राजधानी पणजी के पोंडा शहर में होगा। बिहार महोत्सव के दौरान परफार्मिंग आर्ट्स और चाक्षुष कला के कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से सभी का दिल जीतेंगे। महोत्सव में सबसे अधिक परफार्मिंग आट्र्स के कलाकार भाग ले रहे हैं। महोत्सव के उद्घाटन पर बिहार एवं देश की प्रसिद्ध लोक गायिका एवं पद्मश्री शारदा सिन्हा अपने गीतों की प्रस्तुति से लोगों को आनंदित करेंगी। पोंडा के राजीव गांधी कल्चरल सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में लोक संगीत, सुगम संगीत, शास्त्रीय संगीत, सहित नाटक के कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे। दूसरी ओर महोत्सव में बिहार के हस्त शिल्प कलाकार अपनी शिल्प कला का प्रदर्शन करेंगे।
सूबे से भाग ले रहे दो सौ कलाकार
महोत्सव मेें बिहार से दो सौ कलाकार हिस्सा लेंगे। महोत्सव के दौरान कला के विविध आयाम की प्रस्तुति कलाकारों द्वारा होगी। महोत्सव के उद्घाटन के दौरान पद्मश्री शारदा सिन्हा लोक गीतों की प्रस्तुति से लोगों का दिल जीतेंगी । लोक गायिका नीतू नवगीत सहित कई कलाकार लोक गीतों की बयार महोत्सव में बहाएंगे। महोत्सव के दौरान जहां बिहार गौरव गान, बिहार दर्पण जैसे गीतों की प्रस्तुति होगी।
पर्यटकों की मौजूदगी से मिलेगा बढ़ावा
कला संस्कृति एवं युवा विभाग की ओर से आयोजित गोवा में होने वाले बिहार महोत्सव पर सबकी नजरें टिकी हैं। कला संस्कृति की मानें तो ठंड के मौसम में गोवा में विभिन्न हिस्सों के लोग अपनी छुट्टियां मनाने आते हैं। ऐसे में बिहार महोत्सव लोगों के आकर्षण का केंद्र बनेगा। गोवा में जहां एक ओर बिहार महोत्सव आयोजित हो रहा है तो दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल का भी आयोजन हो रहा है।
बिहार की छटा से गुलजार होगा परिसर
गोवा में आयोजित बिहार महोत्सव देश से लेकर विदेश में रहने वाले लोगों की नजरें इस पर टिकी हैं। गोवा में आने वाले विदेशी पर्यटक के साथ देश के अलग-अलग हिस्से के लोग बिहार की लोक संस्कृति, लोक कला एवं विरासत को नजदीक से देख पाएंगे। कला संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा आयोजित महोत्सव कार्यक्रम की जिम्मेदारी बिहार संगीत नाटक अकादमी को दिया गया है। नोडल एजेंसी बने संगीत नाटक अकादमी के सचिव व वरिष्ठ फिल्म समीक्षक विनोद अनुपम ने कहा कि महोत्सव का उद्घाटन बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, कला संस्कृति मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि करेंगे। समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा एवं गोवा के कला संस्कृति मंत्री मौजूद रहेंगे। विनोद अनुपम ने कहा कि महोत्सव के दौरान प्रत्येक दिन तीन से चार घंटे की प्रस्तुति लोक कलाओं के साथ सुगम व शास्त्रीय संगीत की होगी। आयोजन के दौरान लोक गीतों के साथ शिल्प कलाकृतियों की प्रदर्शनी समारोह के दौरान प्रस्तुत होगी।
संगीत व नृत्य के साथ लोक कलाओं की प्रस्तुति
समारोह के दौरान पद्मश्री शारदा सिन्हा के गीतों की प्रस्तुति होगी। दूसरी ओर लोक गायिका नीतू नवगीत के साथ वरिष्ठ लेखिका डॉ. शांति जैन लिखित बिहार गौरव गान की प्रस्तुति कलाकारों द्वारा होगी। वरिष्ठ नृत्यांगना नीलम चौधरी द्वारा आम्रपाली नृत्य नाटिका करेंगी। इसके अलावा दिल्ली की अनु सिन्हा उर्वशी लोक नृत्य की प्रस्तुति समारोह में करेंगी। बिहार के शास्त्रीय संगीत और धु्रपद व ठुमरी के लिए बेतिया, दरभंगा, गया आदि घरानों के कलाकार अपनी प्रस्तुति से समारोह में चार-चांद लगाएंगे। गया की ठुमरी की मिठास पूरे परिसर में घुलेगा। वही लोक नृत्य झिझिया, सामा-चकेवा आदि की प्रस्तुति बिहार के लोक कलाकारों द्वारा की जाएगी। इसके अलावा लोक व समकालीन कलाओं की पेंटिंग प्रदर्शनी महोत्सव में लोगों को आकर्षित करेगी। साथ ही साथ महोत्सव के दौरान गजल और सूफी गायन की प्रस्तुति महोत्सव के दौरान उम्दा कलाकारों द्वारा किया जाएगा। इसके अलावा पूर्णिया की नाट्य दल द्वारा नाटक 'रोटी का मंचन होगा।
शिल्प कला के साथ बिहारी व्यंजनों का स्टॉल
महोत्सव के दौरान बिहार के हस्त शिल्प और हैंडीक्राफ्ट को लेकर 12 स्टॉल लगेगा। विनोद अनुपम ने कहा कि महोत्सव के दौरान बिहार के हस्त शिल्प एवं हैंडीक्राफ्ट के बारे में लोग अवगत हो जिसके लिए स्टॉल लगाए जाएंगे। इन स्टॉलों पर शिल्प कला के मधुबनी, सिक्की, टेराकोटा, मंजूषा आदि कलाओं को प्रमुखता से स्थान दिया जाएगा। साथ ही महोत्सव में आने वाले लोग बिहारी व्यंजनों का आनंद उठा सके जिसके लिए दो से तीन स्टॉल लगाए जाएंगे। वही एक स्टॉल बिहार पर्यटन विभाग की ओर से होगा। जो बिहार के पर्यटन स्थलों के बारे में लोगों को जानकारी देगी। अनुपम ने कहा कि महोत्सव का उद्देश्य बिहार की ब्रांडिंग करनी है। जिससे बिहार के विरासत को लोग नजदीक से समझ पाएं।