बिहार को जल्द मिलेगी 559 मेगावाट अतिरिक्त बिजली, एनपीजीसी बिजलीघर का निर्माण कार्य पूरा
26 जनवरी से होगा तीसरी यूनिट के 72 घंटे का फुल लोड ट्रायल-रन शुरू। 19412 हजार करोड़ रुपये की लागत से पूरी इस परियोजना से 1980 मेगावाट बिजली उत्पादन। कुल बिजली में से 1683 मेगावाट बिजली है बिहार का हिस्सा ---
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के औरंगाबाद जिले के नवीनगर में एनपीजीसी बिजलीघर का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। इससे जल्द ही बिहार को 559 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मिलेगी। इस बिजलीघर की तीसरी यूनिट के 72 घंटे का फुल लोड ट्रायल-रन 26 जनवरी से शुरू होगा। कुल 9,412 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजना से 1980 मेगावाट बिजली होगी। इसमें 1683 मेगावाट बिजली बिहार का हिस्सा है। बुधवार को एनटीपीसी पूर्वी क्षेत्र-1 के कार्यकारी निदेशक विजय सिंह ने यह जानकारी दी।
26 जनवरी से फुल लोड होने लगेगा उत्पादन
उन्होंने बताया कि इस बिजलीघर से 351 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है, जिसे तकनीकी मानदंडो के तहत धीरे-धीरे बढ़ाते हुए 660 मेगावाट की उत्पादन क्षमता तक लेकर जाना है। 26 जनवरी से इसे फुल लोड यानी 660 मेगावाट उत्पादन क्षमता के साथ 72 घंटे तक लगातार चलाया जाएगा। इसके बाद यह यूनिट भी व्यावसायिक बिजली उत्पादन के लिए पूरी तरह तैयार हो जाएगी। इस बिजली घर की दो यूनिट से पहले ही 1320 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के साथ हुए करार के तहत इस प्रोजेक्ट से निर्मित बिजली का लगभग 85 प्रतिशत बिहार को दिया जा रहा है। इस प्रकार अब तक बिहार को 1122 मेगावाट बिजली मिल रही है।
अगले माह से तीसरी यनिट से भी उत्पादन
उम्मीद है कि अगले माह से इसके तीसरी यूनिट से भी बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा तब इस प्रोजक्ट की कुल बिजली उत्पादन क्षमता 1980 मेगावाट हो जाएगी जिसमें से बिहार का हिस्सा 1683 मेगावाट होगा। इसके साथ ही 10 प्रतिशत बिजली उत्तर प्रदेश, 4 प्रतिशत बिजली झारखंड तथा 1 प्रतिशत बिजली सिक्किम को दी जाएगी। एनपीजीसी की तीनों यूनिटों से बिजली उत्पादन शुरू होने के बाद बिहार बिजली के मामले में पूरी तरह 'सरप्लस राज्यÓ हो जाएगा और प्रदेशवासियों को बिजली की कमी नहीं झेलनी पड़ेगी। एनटीपीसी पूर्वी क्षेत्र-1 के प्रवक्ता विश्वनाथ चंदन ने बताया कि एनपीजीसी द्वारा उत्पादित बिजली 10-15 पैसे प्रति यूनिट सस्ती है।