पांच वर्षों में बिहार को मिलेगा 3.75 लाख करोड़ : प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार बिहार आए नरेन्द्र मोदी ने सौगातों की झड़ी लगा दी तो विकास का नया मंत्र भी दिया। कहा-हर मर्ज की दवा है विकास।
पटना। प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार बिहार आए नरेन्द्र मोदी ने सौगातों की झड़ी लगा दी तो विकास का नया मंत्र भी दिया। कहा-हर मर्ज की दवा है विकास। उन्होंने राजधानी पटना के वेटनरी कॉलेज ग्राउंड पर आयोजित समारोह में शिक्षा, संचार व प्रौद्योगिकी, मेडिकल, रेलवे, गैस एवं पेट्रोलियम से जुड़ी कई महत्वपूर्ण योजनाओं का शुभारंभ और शिलान्यास किया। छह राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के लिए पांच हजार करोड़ देने का एलान किया।
बिहार को विकास की बुलंदी पर पहुंचाने की प्रतिबद्धता जताते हुए प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि 50 हजार करोड़ का पैकेज नहीं बल्कि उससे ज्यादा का विशेष पैकेज दूंगा लेकिन इसकी घोषणा अभी नहीं करूंगा। 14वां वित्त आयोग से अगले पांच वर्षों में पौने चार लाख करोड़ रुपये बिहार को दिए जाएंगे। 13 वें वित्त आयोग में यह डेढ़ लाख करोड़ रुपये था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कुल 25 मिनट तक समारोह में बोले। इस दरम्यान उन्होंने केन्द्र और राज्यों के रिश्ते, विकास कार्यों में भागीदारी सुनिश्चित कराने से लेकर गरीबी, बेरोजगारी और अशिक्षा से लडऩे की प्रतिबद्धता को दोहराया। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के क्रम में 11 बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लिया तो कुछ पुरानी यादों का स्मरण भी दिलाया।
कहा कि लोकसभा चुनाव में जब मैं गांधी मैदान में बम धमाकों के बीच भाषण कर रहा था। उस समय मैंने घोषणा की थी कि यदि केन्द्र की सत्ता में आया तो बिहार को 50 हजार का पैकेज देंगे। मगर जब केन्द्र में आया और बारीकी से देखा तब तय किया कि बिहार को ऊंचाई पर ले जाने के लिए 50 हजार करोड़ से काम नहीं चलेगा।
उससे ज्यादा की जरूरत है। मगर उसकी घोषणा आज नहीं करूंगा लेकिन मैंने बिहार की जनता से जो वादा किया है, उसे निभाऊंगा और उससे ज्यादा भी आगे ले जाऊंगा। आज जिन योजनाओं का शुभारंभ किया है, उसे भी समय से पूरा किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हमें गरीबी, बेरोजगारी और अशिक्षा से लडऩा है तो विकास करना होगा। विकास का कोई पर्याय नहीं है। सभी दुखों की एक ही दवाई है और वह है विकास। यह अच्छी बात है कि राज्यों के बीच विकास को लेकर स्पर्धा का माहौल बनता जा रहा है। राज्यों में विकास करने की होड़ लगी है। देश का विकास करना है तो राज्यों का विकास जरूरी है। इसमें सभी की भागीदारी होनी चाहिए। विकास कार्यों में राजनीति नुकसानदायक है।
प्रधानमंत्री ने डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि पटना आइआइटी में बिहार की जरूरतों के हिसाब से नई-नई तकनीक पर काम होना चाहिए। दुनिया में जो टॉप फैकेल्टी हैं उन्हें देश में लाया जाना चाहिए। सिर्फ दिल्ली में बैठकर योजना बनाने का वक्त पूरा हो चुका है। अब राज्यों की जरूरतों से योजना बननी चाहिए। मैं इसी कार्य को करने में जुटा हूं।
विकास के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को प्राथमिकता देना होगा, नहीं तो हम पिछड़ जाएंगे। उन्होंने कहा कि पटना आइआइटी में मेडिकल इंक्यूवेशन सेंटर की स्थापना बड़ा महत्वपूर्ण है। यहां इलेक्ट्रानिक और डिजिटल तकनीक से नये-नये उपकरणों का आविष्कार होगा, जो देश के गरीबों की दुखों को दूर करने का माध्यम बनेगा।
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बात से सहमति जताते हुए कहा कि रोड-रेल का विकास में महत्व है, उसी तरह गैस-ग्रिड का महत्व है। पूरी अर्थव्यवस्था में गैस-ग्रिड शेप ले रही है। ऊर्जा क्षेत्र में गैस की उपलब्धि देश की पूरी अर्थव्यवस्था बदल देगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार में गंगा पहले से है।
हम ऊर्जा गंगा लेकर यहां आए हैं। पटना में घर-घर को पाइपलाइन से गैस की आपूर्ति हो, इस पर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। उन्होंने बरौनी उर्वरक रिफाइनरी कारखाना बंद होने के लिए बिहार सरकार को जिम्मेवार नहीं माना। कहा इस कारखाना से अब नौजवानों को रोजगार और किसानों को सस्ते उर्वरक मिलेगा।
गैस एवं पेट्रोलियम राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेन्द्र प्रधान ने धन्यवाद ज्ञापन किया। समारोह में मंच पर राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद, रेल मंत्री सुरेश प्रभु, खाद्य आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान, ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल, मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री उपेन्द्र कुशवाहा, पेयजल एवं स्वच्छता राज्यमंत्री रामकृपाल यादव, बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव और सांसद शत्रुघ्न सिन्हा मौजूद थे।
पीएम को भेंट की गई मधुबनी पेंटिंग
केन्द्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मधुबनी पेंटिंग भेंट की, जबकि केन्द्रीय राज्यमंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी को और रामकृपाल यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को स्मृति चिन्ह भेंट किया।
नमो का मंत्र
* विकास का नहीं है कोई पर्याय
* विकास के कार्यों में नुकसानदायक है राजनीति
* बिहार के युवा काफी तेजस्वी हैं
* बिहार की धरती पर वास करती है सरस्वती
इन योजनाओं का शुभारंभ एवं उद्घाटन
* दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना : देश में पहली बार लागू इस योजना का कुल बजट 76 हजार करोड़ रुपये है। इससे देश भर के गांवों को 24 घंटे बिजली उपलब्ध होगी। इस योजना राशि से 5800 करोड़ से बिहार के गांवों का विद्युतीकरण होगा।
* दनियावां-बिहारशरीफ नई रेल लाइन : यह रेलखंड कुल 38 किलोमीटर है जिस पर एक जोड़ी नई ट्रेन भी शुरू की गई है। इस रेल सेवा से क्षेत्र की 10 लाख आबादी को आवागमन की सुविधा लाभ मिलेगा।
* पटना से मुम्बई तक सुविधा एक्सप्रेस : इस प्रीमियम ट्रेन से बिहार वासियों को मुम्बई की यात्रा सुविधा का लाभ मिलेगा।
* पटना आइआइटी का नया भवन : बिहटा स्थित 500 एकड़ में फैला आइआइटी का यह विशाल कैम्पस में छात्र-छात्राओं को अत्याधुनिक सुविधाएं मुहैया करायी गयी हैं। अब नये फैकेल्टी की स्थापना करने में मदद मिलेगी। * इंक्यूवेशन सेंटर : पटना आइआइटी के नये कैम्पस में इंक्यूवेशन सेंटर का निर्माण कार्य पूरा होने पर इलेक्ट्रानिक एंड डिजिटल तकनीकी से मेडिकल उपकरणों का उत्पादन होगा।
* जगदीशपुर-हल्दिया गैस पाइप लाइन : 2050 किलोमीटर एलजी हाइवे का निर्माण कार्य पूरा होने पर 2400 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इस योजना से पटना के घर-घर में पाइप से गैस आपूर्ति होगी।
सड़कों के लिए 5 हजार करोड़
* मुजफ्फरपुर-सोनवर्षा को डबल लेन पर 600 करोड़
* पटना-गया राष्ट्रीय राजमार्ग पर 1231 करोड़
* पटना-कोइलवर-भोजपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर 2012 करोड़
* फतुहा-हरनौत राष्ट्रीय राजमार्ग पर 590 करोड़
* भागलपुर बाइपास पर 230 करोड़
* शिवहर-सीतामढ़ी-किशनगंज-गलगलिया राजमार्ग पर 701 करोड़