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Bihar Weather: बिहार में फिर सक्रिय हुआ मानसून, चार दिन तक भारी बारिश और वज्रपात के आसार

Bihar Weather Forecast पश्चिमी पूर्वी चंपारण उत्तर पश्चिम बिहार उत्तर पूर्व बिहार दक्षिण पश्चिम बिहार दक्षिण मध्य बिहार दक्षिण पूर्व बिहार आदि जगहों पर रहने वाले लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है। इन जगहों पर भारी बारिश के साथ मेघ गर्जन व वज्रपात के आसार हैं।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 08:11 AM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 08:11 AM (IST)
Bihar Weather: बिहार में फिर सक्रिय हुआ मानसून, चार दिन तक भारी बारिश और वज्रपात के आसार
बिहार में मानसून की सक्रियता से बारिश के आसार। फाइल फोटो

पटना, जागरण संवाददाता। Bihar Weather Update News: बिहार में मानसून फिर सक्रिय हो गया है। राज्य में अगले 24-48 घंटे के दौरान मौसम की सक्रियता तेज होगी। 26 जुलाई यानी सोमवार को मानसून की ट्रफ रेखा बिहार से होकर गुजरने के कारण प्रदेश में भारी बारिश की संभावना है। उत्तरी हिस्सों के साथ दक्षिण भाग के मध्य में कहीं-कहीं भारी बारिश, मेघ गर्जन के आसार हैं। राज्य के कई जिलों को लेकर 26 से 29 जुलाई तक येलो व आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इनमें पश्चिमी, पूर्वी चंपारण, उत्तर पश्चिम बिहार, उत्तर पूर्व बिहार, दक्षिण पश्चिम बिहार, दक्षिण मध्य बिहार, दक्षिण पूर्व बिहार आदि जगहों पर रहने वाले लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है। इन जगहों पर भारी बारिश के साथ मेघ गर्जन व वज्रपात के आसार हैं।

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रविवार को कई क्षेत्रों में हुई बारिश

मौसम विज्ञानी संजय कुमार ने कहा कि मानसून की ट्रफ रेखा बीकानेर, अजमेर, उत्तर मध्यप्रदेश, डालटेनगंज, जमशेदपुर होते हुए त्रिपुरा के उपर कम दबाव के क्षेत्र से होकर गुजर रही है। बीते 24 घंटे के दौरान बिहारशरीफ में 30 मिमी, चांद, भभुआ, धरहरा में 20 मिमी, अरवल, मधेपुरा में 10 मिमी बारिश दर्ज की गई।

जिला- अधिकतम तापमान (डिग्री सेल्सियस में)

  • भागलपुर -37.6
  • पटना-35.4
  • गया -35.2

जून महीने में हुई थी रिकार्ड बारिश

जून महीने में बिहार में रिकार्ड बारिश हुई थी। औसत से लगभग दोगुना बारिश होने के कारण नेपाल से सटे जिलों में इस बार समय से पहले ही बाढ़ जैसे हालात बन गए थे। फिलहाल बाढ़ से थोड़ी राहत है। हालांकि राज्‍य में मानसून की सक्रियता दोबारा बढ़ने से बाढ़ की आशंका फिर से भी हो सकती है। राज्‍य में अगस्‍त से सितंबर महीने तक भी बाढ़ आने का इतिहास रहा है। राज्‍य के उत्‍तरी इलाके में आने वाली बाढ़ का कारण अक्‍सर नेपाल और हिमालय के तराई इलाके में होने वाली जोरदार बारिश ही बनती है। हिमालय की ऊंची चोटियां मानसून के बादलों को रोककर इस इलाके में काफी बारिश कराती हैं। नेपाल की पहाडि़यों से उतरने वाला पानी बिहार के मैदानी इलाके में तबाही मचाता है।


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