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Bihar Weather Forecast: बिहार में मानसून की मेहरबानी, इस बार औसत से अधिक हुई बारिश, किसान हुए खुशहाल

Bihar Weather Forecast आज राज्य से लौट जाएगा दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य से 25 फीसद अधिक बारिश रिकॉर्ड। हथिया नक्षत्र में हुई बारिश से धान के साथ रबी की बुआई में भी मिलेगी मदद । राज्य भर में 1017.2 मिलीमीटर औसतन बारिश होती है। इस बार 1272.5 मिलीमीटर दर्ज की गई।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Sat, 10 Oct 2020 10:00 AM (IST)Updated: Sat, 10 Oct 2020 10:10 PM (IST)
Bihar Weather Forecast:  बिहार में मानसून की मेहरबानी, इस बार औसत से अधिक हुई बारिश,  किसान हुए खुशहाल
बिहार में फिलहाल मौसम के हाल की सांकेतिक तस्‍वीर।

पटना, जेएनएन। Bihar Weather Forecast:  दक्षिण-पश्चिम मानसून (South West Monsoon) इस वर्ष राज्य पर मेहरबान रहा। प्रदेश में सामान्य से 25 फीसद अधिक बारिश हुई। मानसून के दौरान राज्य में औसतन 1017.2 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस वर्ष 1272.5 मिलीमीटर दर्ज की गई। दरंभगा में सबसे ज्यादा और शेखपुरा में सबसे कम बारिश हुई।

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किसानों के चेहरे खिले

मानसून की मेहरबानी से राज्य के किसानों के चेहरे खिले हैं। धान की फसल प्रदेश में लहलहा रही है। मानसून की अच्छी बारिश होने से उम्मीद है कि पैदावार भी ठीक होगी। हथिया नक्षत्र में हुई बारिश से तो धान की फसल के साथ-साथ रबी की बुआई में भी मदद मिलेगी।

आज लौट जाएगा मानसून

पटना मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विवेक कुमार सिन्हा का कहना है कि राज्य में एक जून से तीस सितंबर तक मानसून की बारिश होती है। इस वर्ष दस अक्टूबर तक बारिश होने की उम्मीद थी। पिछले सप्ताह भी राज्य में अच्छी बारिश हुई। रविवार तक बिहार से भी लौट जाएगा। इसके बाद होने वाली बारिश को पोस्ट मानसून कहा जाता है।

कहां कितनी हुई बारिश

इस वर्ष सबसे ज्यादा दरभंगा में सामान्य से 59 फीसद ज्यादा बारिश हुई। वहां औसतन 709 मिलीमीटर बारिश होती है, जबकि इस वर्ष 1128 मिलीमीटर रिकॉर्ड की गई। वहीं, शेखपुरा जिले में सामान्य से 34 फीसद कम बारिश रिकॉर्ड की गई। पटना में सामान्य से 16 फीसद ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई। पटना में सामान्यत: 712.7 मिलीमीटर बारिश होती है, जबकि इस वर्ष 829.6 मिलीमीटर रिकॉर्ड की गई।

धान और गेहूं दोनों के लिए लाभदायक बारिश

मानसून के दौरान पिछले सप्ताह हथिया नक्षत्र में हुई बारिश का सीधा लाभ धान की फसल को मिलेगा। वर्तमान में धान की कोपलें निकल रही हैं। ऐसे में फसल को पानी की जरूरत होती है। साथ ही इस बारिश का लाभ गेहूं की बुआई में भी मददगार साबित होगा।


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