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कोरोना काल में ऑक्‍सीजन संकट पर बिहार सरकार के मंत्री ने दिया अनोखा सुझाव, मोदी-नीतीश को लिखा पत्र

मंत्री ने पत्र में लिखा है देश के साथ बिहार भी जनमानस की जिंदगी को बचाने के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्थाओं में जुटा हुआ है। किसी ने सोचा नहीं होगा कि ऐसा वक्त भी आएगा कि ऑक्सीजन के लिए कतारों मे लगना पड़ेगा।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Fri, 07 May 2021 10:13 AM (IST)Updated: Fri, 07 May 2021 10:13 AM (IST)
कोरोना काल में ऑक्‍सीजन संकट पर बिहार सरकार के मंत्री ने दिया अनोखा सुझाव, मोदी-नीतीश को लिखा पत्र
बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार, पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। फाइल फोटो

पटना, राज्य ब्यूरो। Jal Jivan Hariyali Scheme in Bihar: मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के ड्रीम प्रोजेक्‍ट जल, जीवन, हरियाली की तारीफ कई बड़े लोग कर चुके हैं। इसके तहत राज्‍य सरकार अधिक से अधिक पौधे लगाने और जल स्रोतों के संरक्षण पर जोर दे रही है। अब बिहार सरकार (Bihar Government) के पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद (Tourism Minister) ने ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाने के लिए नीम, बरगद, तुलसी, पीपल तथा बांस के अधिक से अधिक पौधे लगाने का आग्रह किया है। इस दिशा में जागरूकता फैलाने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र भी लिखा है।

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कोरोना संकट से जोड़ते हुए जताई पौधे लगाने की जरूरत

मंत्री ने पत्र में लिखा है, देश के साथ बिहार भी जनमानस की जिंदगी को बचाने के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्थाओं में जुटा हुआ है। किसी ने सोचा नहीं होगा कि ऐसा वक्त भी आएगा कि ऑक्सीजन के लिए कतारों मे लगना पड़ेगा। ऑक्सीजन के लिए जनप्रतिनिधियों से पैरवी करनी पड़ेगी तथा ऑक्सीजन के अभाव में लोगों की जाने भी चली जाएगी। इससे सबक लेते हुए हम सभी को ऑक्सीजन देने वाले नीम, बरगद, तुलसी, पीपल तथा बांस के पौधों के प्रति विशेष अभियान चलाकर जागरूकता लाने की जरूरत है।

  •     बिहार के पर्यटन मंत्री बोले- नीम, बरगद, पीपल के पेड़ लगाने को चले विशेष अभियान
  •     प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, जागरूकता अभियान चलाने की अपील

पौधे लगाने वालों को प्रोत्‍साहन राशि देने का दिया सुझाव

मंत्री ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि ऑक्सीजन का उत्सर्जन करने वाले पौधों को लगाने वाले व्यक्तियों को प्रोत्साहन दिया जाए तथा इसे काटने वाले के विरुद्ध कठोर कानून बनाए जाए। गौरतलब है कि पिछले करीब 15 वर्षों के दौरान बिहार में वन क्षेत्र (हरियाली) का विस्‍तार हुआ है। मनरेगा के अलावा दूसरी योजनाओं की मदद से राज्‍य में नहरों और सड़कों के किनारे बड़ी तादाद में पौधे लगाए गए, जो अब पेड़ बन चुके हैं।


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