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Bihar Tourism: राजगीर में रोप वे का मजा लेने एक ही दिन में पहुंचे 500 पर्यटक

सीएम नीतीश कुमार ने शुक्रवार को राजगीर की रत्नागिरि के शिखर पर विश्व शांति स्तूप तक पहुंचने को 8 सीट वाले केबिन रोपवे का लोकार्पण किया। इसके दूसरे दिन 5 सौ लोगों ने 8 सीटर रोप वे केबिन में सफर किया ।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Sat, 27 Mar 2021 04:16 PM (IST)Updated: Sat, 27 Mar 2021 04:16 PM (IST)
Bihar Tourism:  राजगीर में रोप वे का मजा लेने एक ही दिन में पहुंचे 500 पर्यटक
राजगीर में रोप वे का रोमांच लेते टूरिस्‍ट, जागरण फोटो।

 बिहारशरीफ, जागरण संवाददाता।  छह साल के लंबे इंतजार के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को राजगीर की रत्नागिरि के शिखर पर विश्व शांति स्तूप तक पहुंचने को 8 सीट वाले केबिन रोपवे का लोकार्पण कर दिया। वे खुद इस केबिन में बैठकर पहाड़ी के शिखर पर गए और जापानी बौद्ध मंदिर में पूजा-अर्चना कर उपर से गृद्धकूट पर्वत का दर्शन किया। इसी शिखर पर भगवान बुद्ध शिष्यों को उपदेश दिया करते थे। इस दौरान विश्व शांति स्तूप के प्रमुख बौद्ध भिक्षु टी ओकोनेगी ने मुख्यमंत्री का अभिनंदन कर उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया।

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इसके ठीक दूसरे दिन शनिवार को 8 सीटर रोप वे केबिन पर सफर करने वाले पर्यटकों का तांता लग गया। रोप वे प्रबंधक गौरव कुमार  ने बताया कि दिन के एक बजे तक ही पांच सौ से अधिक पर्यटक टिकट कटा चुके थे। अभी 8 सीटर केबिन में प्रति व्यक्ति किराया सिंगल चेयर रोप वे के बराबर 80 रुपए ही रखा गया है। बताया कि नए बने रोपवे में कुल 20 केबिन लगाए गए हैं। जिससे एक घंटे में 8 सौ लोग सफर कर

सकते हैं।

छह साल में 19.38 करोड़ की लागत से बना 8 सीटर रोप वे

फोर सीटर रोप वे का शिलान्यास वर्ष 2015 के 28 नबंवर को हुआ था। पहले इसकी लागत 16 करोड़ थी। बाद में इसे 8 सीटर बनाने का फैसला हुआ तो लागत बढ़कर 19.38 करोड़ हो गई। लॉकडाउन के कारण इसके निर्माण में देरी हुई। करीब छह साल बाद इसका उद्घाटन 26 मार्च को सीएम नीतीश कुमार ने किया। पहले सिंगल चेयर लिफ्ट रोप वे से पर्यटक पूरे परिवार संग एक साथ विश्व शांति स्तूप तक नहीं पहुंच पाते थे। छोटे बच्चों व बुजुर्गों को सिंगल चेयर पर बैठने की इजाजत नहीं थी। इसी अड़चन को देखते हुए मुख्यमंत्री ने केबिन रोप वे बनवाने का फैसला किया। हालांकि एडवेंचर के शौकिनों के लिए सिंगल चेयर लिफ्ट अब भी जारी रहेगा।

2.5 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से सरक रही केबिन

एट सीटर रोप केबिन में बैठकर रत्नागिरी के शिखर तक का सफर सुरक्षित व मजेदार हो गया है। इसके डोर लिफ्ट की तरह ऑटोमेटिक शट एंड क्लोज होंगे। इस रोप वे में 20 में से 18 केबिन रनिंग मोड में होंगे। आपात स्थिति में शेष 2 केबिन लोअर और अपर स्टेशन पर रिजर्व रखे जाएंगे। केबिन के सरकने की गति 2.5 मीटर प्रति सेकेंड होगी।

मैनुअल तरीके से भी सुरक्षित निकाले जा सकेंगे पर्यटक

एट सीटर रोप वे के निर्बाध परिचालन में बिजली, जेनरेटर उर्जा का प्रयोग होगा। वहीं दोनों के फेल जाने पर डीजल इंजन की भी अतिरिक्त व्यवस्था रखी गई है। इसके बावजूद अगर अपरिहार्य कारणों से रोप वे रूक गया तो हवा में रुके व लटके केबिन में फंसे पर्यटकों को मैनूअल तरीके से सुरक्षित निकाले जाने की भी व्यवस्था होगी।


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