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बिहार में 94 हजार प्रारंभिक शिक्षकों की काउंसिलिंग पर रोक, पंचायत चुनाव तक लगा ग्रहण

राज्य निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता प्रभावी रहने की वजह से छठे चरण के तहत प्रारंभिक शिक्षक अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग पर रोक लगा दी है। राज्य में प्रारंभिक शिक्षकों के 94 हजार पदों पर पंचायत चुनाव तक ग्रहण लग गया है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Wed, 20 Oct 2021 06:46 PM (IST)Updated: Wed, 20 Oct 2021 06:46 PM (IST)
बिहार में 94 हजार प्रारंभिक शिक्षकों की काउंसिलिंग पर रोक, पंचायत चुनाव तक लगा ग्रहण
बिहार में 94 हजार प्रारंभिक शिक्षकों की काउंसिलिंग पर रोक लगा दी गई है। सांकेतिक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना : राज्य में प्रारंभिक शिक्षकों के 94 हजार पदों पर पंचायत चुनाव तक ग्रहण लग गया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता प्रभावी रहने की वजह से छठे चरण के तहत प्रारंभिक शिक्षक अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग पर रोक लगा दी है। इससे पहले 12 अक्टूबर को शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव भेजकर बचे हुए 1368 नियोजन इकाइयों में 12,500 पदों के लिए अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग शुरू करने की अनुमति आयोग से मांगी थी।

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राज्य निर्वाचन आयोग ने काउंसिलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए अपने आदेश में कहा है कि नियोजन इकाई में त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों/परामर्शी समिति के अध्यक्ष की प्रत्यक्ष भूमिका होती है। इसलिए आदर्श आचार संहिता के आलोक में ग्राम पंचायतों में नियोजन प्रक्रिया प्रारंभ नहीं की जा सकती है। आयोग ने शिक्षा विभाग से कहा है कि यदि नगर नियोजन इकाई में नियोजन प्रक्रिया प्रारंभ किया जाना है तो इसके लिए प्रस्ताव एवं अन्य कोई वैकल्पिक सुझाव भेज सकते हैं। शिक्षा विभाग के मुताबिक मात्र 30 नगर नियोजन इकाई में शिक्षक अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग बची है। इसलिए इतनी कम नियोजन इकाई के लिए अलग से प्रस्ताव भेजना उचित नहीं होगा। बता दें कि इससे पहले सोमवार को आयोग ने चुनाव आचार संहिता लागू होने का हवाला देकर 30,020 माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया पर रोक लगायी थी। 

बता दें कि मंगलवार को राज्य निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता प्रभावी रहने के कारण छठे चरण के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों की बहाली पर रोक लगा दी थी। आयोग ने पत्र लिख कर शिक्षा विभाग से कहा था, जिला परिषद नियोजन समिति में जिला परिषद का सदस्य होता है। मार्गदर्शिका में यह स्पष्ट है कि केंद्र एवं राज्य सरकार की कोई ऐसी योजना, क्रियान्वयन में पंचायती राज संस्था के प्रतिनिधियों की प्रत्यक्ष या परोक्ष भूमिका है, उनके कार्यान्वयन पर रोक रहेगी। ऐसे में आयोग ने कहा कि आदर्श आचार संहिता प्रभावी रहने तक संबंधित शिक्षकों की बहाली जारी रखने की अनुमति नहीं दी जाती है।


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