बिहार सरकार के प्रोटोकॉल की एेसी की तैसी, इस मंत्री के पर्सनल सेक्रेट्री के शौक तो देखिए...
बिहार की गन्ना मंत्री बीमा भारती के पर्सनल सेक्रेट्री राजारमण भास्कर ने सरकार के प्रोटोकॉल की एेसी-तैसी कर दी है कि बड़े-बड़े सरकारी अफसर भी उनके इस कारनामे से हैरान हैं।
पटना, राज्य ब्यूरो। नाम: राजारमण भास्कर। पदनाम: आप्त सचिव, गन्ना विकास मंत्री। इस शख्स ने राज्य सरकार के प्रोटोकॉल की इस कदर ऐसी की तैसी कर दी कि बड़े-बड़े सरकारी अफसर दांतो तले अंगुली दबा रहे हैं। इन दिनों भास्कर का टूर प्रोग्राम सचिवालय में चर्चा का विषय बना हुआ है।
कहानी यह है कि भास्कर ने चीनी मिलों के मुआयने का मन बनाया। अपने दस्तखत से टूर प्रोग्राम भेज दिया। उन्हें पश्चिम चंपारण जिला के बेतिया में रात्रि विश्राम करना था। वहां के कलक्टर को निदेशानुसार कहा गया कि जिला अतिथि कक्ष के तीन कमरे उनके लिए आरक्षित करा दिए जाएं। कमरों के साथ पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया।
पटना सहित पश्चिम चंपारण के बीच के जिलों के कलक्टर और एसपी को भी उनके दौरे की सूचना दी गई। इस आग्रह के साथ कि वे आवश्यक कार्रवाई करें। ये सब मंत्री या अन्य वीआइपी के टूर प्रोग्राम के तामझाम हैं। आप्त सचिव ने सब अपने ऊपर ले लिया।
आप्त सचिव ने बेतिया के ईख पदाधिकारी सह सहायक निदेशक रामगोविन्द सिंह को हिदायत दी कि भ्रमण कार्यक्रम मेें साथ रहें। आप्त सचिव के दौरे का मकसद यह बताया गया कि वह गन्ना किसानों की समस्याओं के बारे में चीनी मिल के अधिकारियों से बातचीत करना चाहते हैं। लिहाजा हरिनगर, नरकटियागंज, मझौलिया, बगहा, लौरिया, बेतिया एवं सुगौली चीनी मिल के महाप्रबंधकों एवं कार्यपालक अध्यक्षों को कहा गया कि वे अनिवार्य रूप से बैठक में उपस्थित रहें।
भास्कर 22 और 23 अक्टूबर को चीनी मिलों के दौरे पर रहे। पहले दिन सहायक ईख निदेशक रामगोविन्द सिंह उनके साथ थे। लेकिन, दूसरे दिन उन्होंने भी साथ छोड़ दिया। सिंह एक अन्य जिले के प्रभार में भी हैं। दूसरे दिन वे उस जिले में गए। अतिथि गृह में उन्हें जगह मिल गई। मिलों का दौरा भी किया। लेकिन, कलक्टर और एसपी ने उन्हें तवज्जो नहीं दी।
-मंत्री बीमा भारती से बात करने की कोशिश की गई। उनका मोबाइल लगातार ऑफ बता रहा था। आवासीय फोन पर बताया गया कि मैडम पूजा कर रही हैं। यह जानकारी महावीर नाम के सहयोगी ने दी।
-आप्त सचिव राजा रमण भास्कर का फोन भी लगातार स्विच ऑफ बता रहा है। वैसे, वे सरकारी आप्त सचिव नहीं हैं। मंत्रियों को अपनी इच्छा से किसी गैर-सरकारी व्यक्ति को आप्त सचिव रखने की सुविधा रहती है। ये उसी श्रेणी के हैं।
-भास्कर ने 23 अक्टूबर को बेतिया अतिथि गृह में प्रेस कांफ्रेंस करने की भी कोशिश की। मीडिया से जुड़े लोग पहुंच भी गए। उन्हें पता चला कि ये तो मंत्री के आप्त सचिव हैं, सभी मीडियाकर्मी फौरन लौट आए।