सीपीए सम्मेलन में बोले बिहार विस के अध्यक्ष, बजट की समीक्षा विधायकों की प्राथमिकता होनी चाहिए
बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने सदन में विधायकों की मौजूदगी को जरूरी बताते हुए कहा कि सरकार द्वारा पेश बजट की समीक्षा करना विधायकों की प्राथमिकता होनी चाहिए।
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने सदन में विधायकों की मौजूदगी को जरूरी बताते हुए कहा कि सरकार द्वारा पेश बजट की समीक्षा करना विधायकों की प्राथमिकता होनी चाहिए। यह तभी संभव होगा जब वे सदन की दोनों पालियों में उपस्थित रहकर मामले को समझेंगे। विजय चौधरी लखनऊ में गुरुवार को राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) के भारत प्रक्षेत्र के 7वें सम्मेलन के उद्घाटन के बाद प्लेनरी सेशन को संबोधित कर रहे थे।
सम्मेलन का उद्घाटन यूपी के सभा वेश्म में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संयुक्त रूप से किया। मौके पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी समेत कई राज्यों के विधायी निकायों के अध्यक्ष, सभापति, यूपी सरकार के कई मंत्री एवं विधायक मौजूद थे। प्लेनरी सेशन का विषय 'बजटीय प्रस्ताव की जांच के लिए विधायकों का क्षमता निर्माण' पर रखा गया था। विजय कुमार चौधरी ने प्रस्तावित विषय को विमर्श में शामिल करने के लिए लोकसभाध्यक्ष को धन्यवाद दिया और कहा कि बजट की समीक्षा का विषय विधायिका एवं विधायकों दोनों के लिए महत्वपूर्ण है।
बजटीय समीक्षा के संबंध में उन्होंने संवैधानिक उपबंधों का उद्धरण देते हुए कहा कि सरकार चाहे किसी की भी हो, किंतु बजट का लक्ष्य लगभग एक ही होता है कि पिछड़ापन को कैसे दूर किया जाए और समाज के अंतिम पायदान के लोगों का भला कैसे किया जाए?
उन्होंने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में सरकार की प्राथमिकता और बजट की समीक्षा होनी चाहिए। इसके लिए विधायकों को चाहिए कि वे सदन की दूसरी पाली में भी मौजूद रहें। यह उनका दायित्व भी है। सरकार की नीतियों की समीक्षा तभी संभव है जब वे सदन में रहकर मामले को समझेंगे और उसकी समीक्षा कर सरकार को सुझाव देंगे।