औद्योगिक गतिविधियों की 'ईज ऑफ डूइंग' रैंकिंग जारी, बिहार पिछड़ा, टॉप 5 में झारखंड
औद्योगिक गतिविधियों की 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' रैंकिंग में बिहार 18वें पाएदान पर है। इस सूची में आंध्र प्रदेश अव्वल है। राज्यों की रैंकिंग व उनके आधार को जानिए इस खबर में।
नई दिल्ली/ पटना [जेएनएन]। देश में निवेश और औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' पर जोर दे रही है। लेकिन, कई बड़े राज्य कारोबार का अनुकूल माहौल बनाने के लिए जरूरी उपाय करने में पिछड़ रहे हैं। सरकार के औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआइपीपी) ने 'बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान-2017' (बीआरएपी) लागू करने में राज्यों के प्रदर्शन के आधार पर जो रैकिंग जारी की है, उसमें बिहार 18वें पायदान पर है, जबकि पड़ोसी राज्य झारखंड टॉप पांच के भीतर चौथे स्थान पर है।
आंध्र प्रदेश अव्वल, तेलंगाना दूसरे स्थान पर
डीआइआइपी के मुताबिक इस एक्शन प्लान को लागू करने की रैकिंग में आंध्र प्रदेश पहले और तेलंगाना दूसरे स्थान पर हैं, जबकि हरियाणा तीसरे और झारखंड चौथे स्थान पर हैं। पिछले साल आंध्र प्रदेश और तेलंगाना संयुक्त रूप से पहले स्थान पर रहे थे।
बिहार 18वें पााएदान पर
खास बात यह है कि देश के बड़े राज्यों में शामिल उत्तर प्रदेश इस रैंकिंग में 12वें स्थान पर है तो बिहार 18वें स्थान पर। राजधानी दिल्ली की रैकिंग 23 पर जा खिसकी है। डीआइपीपी के अनुसार 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की रैंकिंग में गुजरात पांचवें, छत्तीसगढ़ छठे, मध्य प्रदेश सातवें, पश्चिम बंगाल दसवें, उत्तराखंड 11वें, हिमाचल प्रदेश 16वें और पंजाब 20वें नंबर पर है।
इस आधार पर हुई रैंकिंग
विश्व बैंक की मदद से डीआइपीपी ने यह रैंकिंग दो पैमानों 'रिफॉर्म एविडेंस स्कोर' और 'फीडबैक स्कोर' को आधार मानकर तैयार की है। 'रिफॉर्म एविडेंस स्कोर' का मतलब यह है कि किसी राज्य ने कितने सुधार लागू किए। इस पैमाने पर शत प्रतिशत स्कोर के साथ झारखंड और तेलंगाना शीर्ष पर हैं।
राज्यों के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए पहली बार कारोबारियों और प्रोफेशनल्स का सर्वे भी किया गया है। डीआइपीपी के सचिव रमेश अभिषेक ने राज्यों की रैंकिंग जारी की है। इसमें नौ राज्यों को टॉप अचीवर्स, छह को अचीवर्स, तीन को फास्ट मूवर्स और 18 को महत्वाकांक्षी राज्यों की श्रेणियों में बांटकर रैैंक दी गई है।
तीसरी बार जारी की गई रैंकिंग
डीआइपीपी ने राज्यों में कारोबार की प्रक्रिया सुगम बनाने के लिए जरूरी सुधार लागू करने के मामलेे में उनके प्रदर्शन के आधार पर तीसरी बार यह रैकिंग जारी की है। विभाग का कहना है कि बीआरएपी 2017 में सुझाए गए सुधारों को लागू करनेेे में कई राज्यों ने अहम प्रगति की है। बीआरएपी 2017 के तहत 7,758 सुधार एक्शन क्रियान्वित हुए जबकि 2015 में यह आंकड़ा 2,532 था। इस वर्ष सुधार की दिशा में एक्शन प्वाइंट की संख्या को पिछले साल के 285 से बढ़ाकर 372 किया गया था।
पांच-छह साल में दिखेगा असर
इस मौके पर मौजूद विश्व बैंक के भारत निदेशक जुनैद कमाल अहमद ने कहा कि राज्यों में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए किए गए इन सुधारों का अगले पांच-छह साल में असर देखने को मिलेगा। उन्होंने भारत को 'लाइट हाउस' करार देते हुए कहा कि जिस तरह राज्यों में यहां सुधार लागू हो रहे हैं यह अन्य देशों के लिए भी सीखने की बात है।
दूसरे देशों में भी प्रक्रिया सीखने की रुचि
अहमद ने कहा कि ब्राजील समेत कई देश भारत की इस सुधार प्रक्रिया में रुचि लेकर सीखने को उत्सुक हैैं। उन्होंने भारत में केंद्र प्रायोजित योजनाओं की संख्या कम करने की वकालत भी की।
पहली बार लिया कारोबारियों से फीडबैैक
पहली बार निजी क्षेत्र का फीडबैक लेने के लिए 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से पांच हजार लोगों को शामिल किया गया। इनमें 4300 लोग उद्योग से संबंधित हैैं। इनके अलावा आर्किटेक्ट, वकील और बिजली कॉन्ट्रैक्टरों को भी इस सर्वे में शामिल किया गया।